अग्रवाल वैश्य समाज, चरखी दादरी ने दीपावली पर्व का उत्सव सफाई कर्मचारियों के साथ मनाया

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चरखी दादरी, 29 अक्टूबर। अग्रवाल वैश्य समाज, चरखी दादरी ने इस वर्ष दीपावली का पर्व समाज में आपसी सौहार्द, भाईचारे और जरूरतमंदों के प्रति सम्मान के साथ धूमधाम से मनाया। तीन दिवसीय दीपावली उत्सव की शुरुआत धनतेरस के अवसर पर सफाई कर्मचारियों के साथ पर्व मनाकर की गई, जिसमें समाज के पदाधिकारियों ने सफाई कर्मचारियों को मिठाइयाँ व दीपों की प्रतीक मोमबत्तियाँ भेंट कर उन्हें दीपावली की शुभकामनाएँ दीं। इस पहल का उद्देश्य समाज में प्रेम, भाईचारा और समरसता का संदेश देना था।

अग्रवाल वैश्य समाज के प्रदेश महासचिव बलराम गुप्ता ने इस अवसर पर कहा कि दीपावली का यह पर्व आपसी मनमुटाव भुलाकर एक-दूसरे के साथ खुशियाँ बांटने का सुअवसर है। यदि हम सभी समाज में एकता और सामंजस्य बनाए रखते हैं तो यही वास्तविक खुशियों की ओर ले जाता है। उन्होंने कहा कि समाज के लोग सफाई कर्मचारियों के प्रति कृतज्ञता प्रकट कर उनके साथ खुशियाँ बाँटें। इस प्रकार के सामाजिक समर्पण से समाज में सामाजिक रिश्तों को और मजबूत किया जा सकता है।

समाज के जिला अध्यक्ष सुरेश ऐरण और अध्यक्ष गणेश गोयल ने कहा कि अपने घर में दीप जलाने से पहले जरूरतमंद पड़ोसी की दहलीज पर दीप जलाने से चारों ओर खुशियाँ फैलती हैं और माहौल खुशनुमा बन जाता है। समाज की अन्य महिला सदस्यों, जैसे संतोष जैन, निशा गोयल, और सावित्री गर्ग ने भी अपनी भागीदारी के माध्यम से बताया कि समाज के कुछ गरीब परिवारों के बच्चों को पटाखे आदि भेंट कर उन्हें खुशियाँ प्रदान करने में आत्मसंतुष्टि मिलती है।

इस तीन दिवसीय उत्सव में सभी उपस्थित सदस्यों ने समाज में एकता और समता के महाराजा अग्रसेन द्वारा प्रदत्त सिद्धांत का अनुसरण करते हुए इस पर्व को मनाने का संकल्प लिया। समाज ने मिल-जुलकर प्रत्येक त्योहार को मनाने की महत्ता पर जोर दिया, ताकि अधिक से अधिक लोगों के जीवन में खुशियाँ लाई जा सकें। इस अवसर पर अग्रवाल वैश्य समाज के प्रमुख सदस्यों में विनोद जैन, संजय गर्ग, बलराम गुप्ता, श्रवण गुप्ता, सुरेश ऐरन, सुरेश पांडवानिया, राकेश बधवानिया, हरिराम, बबलू, विनोद देवसरिया, गणेश गोयल, मितेष काहनोरिया, अमित गोयल, कुलदीप सैनी, अनुराग गुप्ता, निशा गोयल, संतोष जैन, सावित्री गर्ग, और अनिल सिंगला ने भी सहभागिता की और समाज में मिठाइयाँ बाँट कर इस आयोजन को सफल बनाया

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