राजकीय कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के पूर्व प्रादेशिक उपाध्यक्ष प्रोफेसर सुभाष सपड़ा की अगुआई में मांग पात्र सौंपा
-कार्यरत सहायक प्रोफेसर्स की नकली पीएचडी डिग्री सम्बंधित फर्जीबाड़ा की जांच का मुद्दा भी उठाया
-हरियाणा के राजकीय कॉलेजों में वर्षों से खाली पड़े हैं सहायक प्रोफेसर्स के हजारों पदों
-मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी व शिक्षा मंत्री सीएम त्रिखा ने भर्ती विज्ञापन जल्द जारी करने का दिया आश्वासन
चंडीगढ़ ,10 जुलाई। प्रदेश के राजकीय कॉलेजों में खाली पड़े सहायक प्रोफेसर्स के हजारों पदों पर रेगुलर भर्ती की मांग को लेकर हरियाणा राजकीय कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन (HGCTA) के पूर्व प्रादेशिक उपाध्यक्ष प्रोफेसर सुभाष सपड़ा की अगुआई में सैकड़ो नेट/स्कॉलर्स/टॉपर्स मंगलवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री सहित उच्च अधिकारियों से मिले और उन्हें मांग पत्र सौंपा। इसके साथ ही कार्यरत सहायक प्रोफेसर्स की नकली पीएचडी डिग्री सम्बंधित फर्जीबाड़ा की जांच कराने की भी मांग की।
प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा, मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, उच्चतर शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मोहम्मद शाइन सहित अन्य अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा।
संघर्षरत अभ्यर्थी छोटी-छोटी टीम बनाकर देर शाम तक उच्चत्तर शिक्षा विभाग, एचपीएससी, सरकार के मुख्य सचिव व मंत्रियों के कार्यालय के चक्कर लगाते रहे।
अभ्यर्थियों ने बताया कि मंत्री व अधिकारियों को सौंपे ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि हरियाणा में सरकार द्वारा वर्ष 2019 में कुल 524 पदों पर कुछ ही विषयों में आखिरी बार सहायक प्रोफेसर प्रोफेसरों की भर्ती की गई थी। आधे से अधिक विषय ऐसे भी हैं जिनपर वर्ष 2016 के बाद से अब तक भर्ती नहीं हुई है। जबकि प्रदेश सरकार ने रेगुलर भर्ती के संबंध में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में एक हलफनामा देकर बताया था कि राज्य के राजकीय कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर के कुल 8137 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से कुल 4738 पद रिक्त हैं। इस तरह से प्रदेश में कुल का 60 फ़ीसदी पोस्ट रिक्त हैं।
सरकार पक्की भर्ती के नियमों में संशोधन का हवाला देकर इसे टालती आ रही थी। मार्च 2020 में उच्चतर शिक्षा विभाग हरियाणा ने 2592 असिस्टेंट प्रोफेसरों के पदों की नई नियुक्तियों की स्वीकृति दी थी। परंतु यह फाइल भी इधर उधर कार्यालयों में धूल चाट रही है।
प्रोफेसर सुभाष सपड़ा ने बताया कि हरियाणा प्रदेश के राजकीय कॉलेजों में करीब 2000 एक्सटेंशन लेक्चर बिना किसी पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया व बिना आरक्षण नीति को लागू किए कार्य कर रहे हैं। 4 मार्च 2020 को एक्सटेंशन लेक्चरर्स की गैरकानूनी तरीके से नई नीति बनाकर फर्जीवाड़ा कर इनको किसी न किसी तरह से कालेजों समायोजित किया जा रहा है।
अब जबकि प्रदेश सरकार 3 जनवरी 2024 की केबिनेट मीटिंग में भर्ती के नियमों में संशोधन की मंजूरी भी कर चुकी है। इसके बावजूद सहायक प्रोफेसर्स की नियमित नियुक्ति नहीं होने से इन पदों के हजारों उम्मीदवारों में मायूसी है। वे नौकरी की अधिकतम आयु सीमा पार कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा व अधिकारियों ने संघर्ष कर रहे अभियर्थियों को आश्वासन दिया कि पक्की भर्ती के लिए सरकार बहुत गम्भीर है व इसपर तेजी से काम कर रही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि जल्द ही सहायक प्रोफेसर्स की पक्की भर्ती को लेकर विज्ञापन प्रकाशित कर दिया जाएगा।
मंत्री व अधिकारियों से मिलने वाले प्रतिनिधियों में पूर्व प्रादेशिक उपाध्यक्ष प्रोफेसर सुभाष सपड़ा, चन्कित, नवनीत सिंह, मुकेश, अमन, कृषण कुमार, अजित सिंह, पूजा मदान, जयंती, राजबाला, आशा रानी, रवि सहित अन्य अभ्यर्थि शामिल थे।