नई दिल्ली : विरोधाभास दूर करने और एक समावेशी एकीकृत दृष्टिकोण विकसित करने के लिए विभिन्न वैज्ञानिक विधाओं की संयुक्त बैठकें आयोजित करने के बारे में उन्होंने जो प्रवृति शुरू की है उसे जारी रखते हुए, केंद्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान (स्वतंत्र प्रभार) प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी, सीएसआईआर, पृथ्वी विज्ञान, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा सहित विज्ञान मंत्रालयों और विभागों की एक उच्च स्तरीय संयुक्त बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में उन्होंने कहा कि इस वर्ष सभी विज्ञान मंत्रालय और विभाग संयुक्त रूप से 11 मई 2023 को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाएंगे।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सुझाए गए पूरे सरकारी दृष्टिकोण के साथ समय-समय पर विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के बीच तालमेल से काम करने और विरोधाभास दूर करने के बारे में उनके लगातार जोर देने के अनुरूप है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि देश में 11 मई को आयोजित किया जाने वाले राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस में हमारे देश में तकनीकी दिग्गजों, अनुसंधानकर्ताओं और इंजीनियरों द्वारा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अर्जित उपलब्धियों के बारे में प्रकाश डाला जाता है। इस वर्ष राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का मुख्य केन्द्रित विषय “अटल टिंकरिंग लैब्स” है, जो स्कूल और शिक्षण संस्थान के स्तर पर विभिन्न उपायों के माध्यम से नवाचार स्टार्टअप और उद्मिता का सृजन करने और उन्हें बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2016 में की गई एक अनूठी पहल थी ताकि युवाओं के मन को उज्ज्वल बनाया जा सके।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा किए गए ऐतिहासिक सुधारों के कारण भारत में पिछले 9 वर्षों के दौरान तकनीकी क्षेत्र की प्रगति में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल हुई हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस विकास चालकों के रूप में वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के प्रयासों को मान्यता देने का एक उपयुक्त अवसर है।
मई को आयोजित किए जाने वाले राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस की तैयारियों की समीक्षा करने के अलावा आज की बैठक की कार्यसूची में शामिल पुरस्कारों को युक्तिसंगत बनाना,विज्ञान मीडिया संचार सेल (एसएमसीसी) के सृजन की स्थिति को अद्यतन बनाना और इन परियोजनाओं में तकनीकी कर्मचारियों के लिए आयु में छूट देने की समीक्षा के बारे में चर्चा की गई।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि एक बार विज्ञान मीडिया संचार सेल (एसएमसीसी) लागू हो जाये तो भारत के वैज्ञानिक कौशल के बारे में सभी हितधारकों के बीच सामान्य जागरूकता पैदा करने के लिए सभी विभागों की सफलता की कहानियों को संकलित करके उन्हें आम लोगों में प्रसारित किया जाना चाहिए। उन्होंने सभी मंत्रालयों और विभागों को क्षेत्रीय भाषाओं में सूचना का प्रसार करने के लिए मिलकर काम करने, रचनात्मक विषय सामग्री का सृजन करने और विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी से संबंधित दैनिक समाचार बुलेटिन तैयार करने का निर्देश दिया।
इस बैठक में भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, डॉ. अजय कुमार सूद और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी, सीएसआईआर, पृथ्वी विज्ञान, अंतरिक्ष तथा परमाणु ऊर्जा सहित विज्ञान मंत्रालयों और विभागों के सचिव शामिल हुए।