कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है
नई दिल्ली। कांग्रेस के नेतृत्व में सात विपक्षी दलों की ओर से देश के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने खारिज कर दिया है। जाहिर है इससे न्यायिक दुनिया के लोगों को रहत मिली है जबकि कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है। चर्चा है कि यह नोटिस 71 में से 7 रिटायर्ड सांसदों के हस्ताक्षर होने की वजह से इसे ख़ारिज कर दिया .
सूत्रों के मुताबिक रविवार को उपराष्ट्रपति संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप के अलावा लोकसभा के महासचिव, पूर्व विधि सचिव पीके मल्होत्रा, पूर्व विधाई सचिव संजय सिंह और राज्यसभा सचिववालय के अधिकारियों से बातचीत की है. इसके साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी से भी राय ली.
अब कांग्रेस के पास विकल्प यह है कि वह सुप्रीम कोर्ट जाएगी. गौरतलब है कि शुक्रवार को कांग्रेस सहित सात विपक्षी दलों ने राज्यसभा के सभापति नायडू को न्यायमूर्ति मिश्रा के खिलाफ कदाचार का आरोप लगाते हुए उन्हें पद से हटाने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए महाभियोग का नोटिस दिया था.
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग का नोटिस सौंपने के बाद कांग्रेस ने उनसे न्यायिक कार्य से अलग रहने की मांग की है. कांग्रेस ने रविवार को भाजपा पर सीजेआई का बचाव करने का आरोप लगाया और कहा कि प्रधान न्यायाधीश को उनके ऊपर लगे कदाचार के आरोप पर फैसला आने तक खुद न्यायिक व प्रशासनिक कार्य से अलग हो जाना चाहिए.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पार्टी की प्रेसवार्ता में कहा कि अगर सीजेआई के खुद का व्यवहार विवादों के घेरे में है तो उनको स्वयं न्यायिक व प्रशासनिक कार्य से अलग हो जाना चाहिए और जांच के लिए प्रस्तुत हो जाना चाहिए ताकि शीर्ष पद और उनकी व्यक्तिगत निष्ठा स्पष्ट हो और समुचित तरीके से कानून की प्रक्रिया का अनुपालन हो सके.