स्मार्ट इंडिया हैकॉथान में ढूंढेंगे 340 से अधिक समस्याओं के लिये सॉफ्टवेयर समाधान

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सुभाष चौधरी/ प्रधान संपादक

नई दिल्ली ।  सुबह देश भर में फैले 28 केंद्रों पर स्मार्ट इंडिया हैकॉथान के अंतिम दौर की शुरुआत हो गयी। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने दिल्ली के एसआईएच 2018 केंद्र पर हैकाथान की शुरुआत की। डिजिटल इंडिया के तहत विश्व के इस सबसे बड़े नवोन्मेष प्रयास में विभिन्न मंत्रालयों, विभागों एवं राज्य सरकारों द्वारा दी गयी 340 समस्याओं के लिये सॉफ्टवेयर समाधान ढूंढ़ने के लिये 1,300 टीमें भाग ले रही हैं।  इसका आयोजन मानव संसाधन विकास मंत्रालय, एआईसीटीई, परसिस्टेन्ट सिस्टम्स, आई4 कैण्ड, रामभाऊ मालगी प्रबोधिनी ने संयुक्त रूप से किया है।

भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. अनिल डी. सहस्रबुद्धे ने बताया कि अभी पिछले वर्ष ही शुरू हुये स्मार्ट इंडिया हैकाथान ने छात्रों और मंत्रालयों की प्रतिभागिता के मामले में शानदार प्रगति की है। पिछले हैकॉथान में 40 हजार छात्रों ने भाग लिया था और यह संख्या इस बार 1 लाख पहुंच गयी है।

एआईसीटीई के सदस्य सचिव प्रो. ए. पी. मित्तल और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार श्री रोहित कुमार परमारिण ने निर्णयकर्ताओं, शिक्षाविदों, प्रतिभागियों एवं छात्रों की उपस्थिति में हैकाथान के जयपुर केंद्र का औपचारिक उद्घाटन किया।

जेईसीआरसी स्थित जयपुर केंद्र में 50 समूहों ने, जिनमें देश भर से आये 400 छात्र शामिल हैं, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा बतायी गयी 16 समस्याओं के लिये सॉफ्टवेयर विकास के लिये कोड लिखने का काम शुरू कर दिया है। यह बौद्धिक गतिविधि 36 घण्टे तक जारी रहेगी। प्रदर्शन के आधार पर 3 समूहों का चयन किया जायेगा जिन्हें सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा पुरस्कृत किया जायेगा। विजेता टीम को 1 लाख रुपये, दूसरे स्थान पर रही टीम को 75 हजार रु. और तीसरे स्थान पर रही टीम को 50 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जायेगा। सभी 28 केंद्रों पर कुल मिलाकर 63 लाख रुपये के पुरस्कार दिये जायेंगे।

स्मार्ट इंडिया हैकाथान 2018 में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय इस वर्ष पहली बार भाग ले रहा है।

मंत्रालय द्वारा बतायी गयी समस्यायें इस प्रकार हैं:

सजीव प्रसारण एवं रिकॉर्डेड वीडियो के लिये व्यापक/बुद्धिमान वीडियो एनालिटिक्स समाधान की आवश्यकता

एक ऐप की सहायता से आर्काइव स्टोरेज को इंटरनेट के जरिये एक्सेस करना

इंटरनेट विज्ञापनों के रियल टाइम आंकड़ों के लिये समाधान उपलब्ध करवाना

रेडियो विज्ञापनों के प्रसारण के रियल टाइम आंकड़ों के लिये समाधान उपलब्ध करवाना

डीएवीपी के मानकों के मुताबिक तस्वीरें मिलाने के लिये समाधान उपलब्ध करवाना

ऑफलाइन मोड में तस्वीरों की जियो टैगिंग को संभव बनाना

सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक) की चैट के आधार पर संभावित ब्रेकिंग खबरों को पहचानने के समाधान उपलब्ध करवाना

समाचार से संबंधित आडियो या वीडियो क्लिप के विश्लेषण के लिये प्रणाली

सोशल मीडिया पर मिलने वाली प्रतिक्रिया के आधार पर एक निश्चित कार्यक्रम के बारे में भावनाओं का विश्लेषण

वीडियो-ऑडियो से प्राप्त बोले गये शब्दों का अनुवाद और इसे अनेक भारतीय भाषाओं में लिखित रूप में प्राप्त करने के लिये प्रणाली

जीवंत प्रसारण के दौरान उच्चरित शब्दों को विभिन्न भारतीय भाषाओं में सब-टॉइटल और कैप्शन करना

विशाल आंकड़ों, कृत्रिम बुद्धि एवं मशीन लर्निंग तकनीकों का उपयोग करते हुये एक बुद्धिमत्तापूर्ण कोड का विकास करना जो कि दर्शकों के व्यवहार से सीख सके

एक सस्ते डीडी फ्री-डिश सेट टॉप बॉक्स को विकसित करना जो कि मोबाइल एप के जरिये सेट टॉप बॉक्स के संचालन को संभव बना सके

मोबाइल ऐप के लिये एक ऐसे यूजर इंटरफेस का विकास करना जो कि ऑल इंडिया रेडियों के संपूर्ण कैटॉलॉग को ब्रॉउज करना संभव बना सके

एक ऐसे समाधान या उपकरण का विकास करना जो कि एक निश्चित आवृत्ति पर किये जा रहे रेडियो प्रसारण को इंटरनेट प्रसारण में बदल सके।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय डीएसटी के साथ भी काम कर रहा है ताकि एसआईएच2018 से चयनित टीमों को स्टार्ट अप की तरह अटल इन्नोवेशन मिशन (नीति आयोग), से समर्थन उपलब्ध करवाया जा सके और टेक्नॉलॉजी बिजनेस इंक्यूबेटर्स (टीबीआईएस) और डीएसटी ने इन प्रयासों पर अच्छी प्रतिक्रिया दी है। यह एसआईएच संस्थान स्तर पर हैकॉथानों को आरंभ करने में भी मदद करेगा और इसके अंतिम परिणाम स्टार्ट अप इंडिया अभियान को बल प्रदान करेंगे जो कि प्रधानमंत्री के पसंदीदा कार्यक्रमों में से एक है

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