हरियाणा व्यापार मंडल ने सीएम को लिखा पत्र : जीएसटी ई- वे बिल की राशि पर छूट बढ़ाने की मांग की

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चरखी दादरी: हरियाणा व्यापार मंडल द्वारा हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से जीएसटी ई- वे बिल की राशि पर छूट बढ़ाने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है । व्यापार मंडल चरखी दादरी जिलाध्यक्ष बलराम गुप्ता ने बताया कि समस्त हरियाणा प्रांत से जीएसटी ई -वे बिल की छूट बढ़ाने की मांग के मद्देनजर हरियाणा व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष विजय गुप्ता ने ई -वे बिल राशि अन्य राज्यों की तरह कम से कम 1 लख रुपए तक बढाएं जाने की मांग करते हुए, अन्य राज्यों का हवाला दिया है.

उन्होंने बताया कि जीएसटी कानून में इंट्रा स्टेट परिवहन के मामलों में बिहार में एक लाख रुपए तक ई -वे बिल की आवश्यकता नहीं है ।छत्तीसगढ़ में एक जिले से दूसरे जिले में माल परिवहनित करने पर कुछ गिने चुने आइटम पर ही ई-वे बिल है । शेष आइटमों में राशि कितनी भी हो, ई -वे बिल की आवश्यकता नहीं है । उन्होंने बताया कि  झारखंड, महाराष्ट्र ,राजस्थान, पश्चिम बंगाल में भी एक लाख रुपए राशि तक ई -वे बिल की आवश्यकता नहीं है. उनका कहना है कि गुजरात में 19 वस्तुओं को छोड़कर शेष सभी वस्तुओं के लिए ई वे बिल की आवश्यकता नहीं है, चाहे वह राशि कितनी भी हो ।

हरियाणा व्यापार मंडल ने सीएम को लिखा पत्र : जीएसटी ई- वे बिल की राशि पर छूट बढ़ाने की मांग की 2हरियाणा व्यापार मंडल प्रदेश अध्यक्ष विजय गुप्ता, चरखी दादरी जिलाध्यक्ष बलराम गुप्ता सहित हरियाणा व्यापार मंडल के सभी जिलाध्यक्षों ने मुख्यमंत्री से मांग रखते हुए कहा है कि उपरोक्त राज्यों की तर्ज पर हरियाणा में भी ई- वे बिल पर छूट बढाई जानी चाहिए, ताकि व्यापारियों पर कागजी कार्रवाई का अनावश्यक बोझ कम हो. इससे एक साधारण कम पढ़ा लिखा व्यापारी भी सुगमता से व्यापार कर सकेगा । वर्तमान में हरियाणा का व्यापारी व उद्योगपति पूरी ईमानदारी व निष्ठा से सरकारी खजाने को भरने का काम कर रहा है, जिसके परिणाम स्वरूप हरियाणा का जीएसटी कलेक्शन में देश में तीसरा स्थान है ।

व्यापारियों ने कहा कि हरियाणा में अन्य राज्यों की तरह यह छूट बढ़ाए जाने पर हरियाणा का व्यापारी व उद्योगपति पड़ोसी राज्यों के साथ चुनौती से प्रतिस्पर्धा कर सकेगा. इससे हरियाणा में राजस्व भी बढ़ेगा । इसके अतिरिक्त बहुत लंबे समय से वेट के पेंडिंग मामलों को वन टाइम सेटलमेंट स्कीम के माध्यम से पुनर्विचार करते हुए पंजाब की तर्ज पर निपटारा किया जावे। इससे हरियाणा सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व प्राप्त होगा तथा व्यापारियों को पेंडिंग मामलों से निजात मिल सकेगी।

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