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- चर्चा में गुरुग्राम व नूह जिला के विभिन्न औद्योगिक संघों के 30 हितधारक रहे शामिल
गुरुग्राम,12 अगस्त। प्रदेश में एमएसएमई क्षेत्र की इकाइयों के प्रदर्शन में वृद्धि करने व उनके विकास में बढ़ोतरी करने के उद्देश्य से गुरुग्राम में गुरुग्राम व नूह जिला की औद्योगिक संघों के लिए एक फ़ोकस समूह चर्चा का आयोजन किया गया। एमएसएमई निदेशालय, हरियाणा द्वारा आयोजित इस चर्चा में दोनों जिलों के करीब 30 हितधारकों ने हिस्सा लिया।
चर्चा में बताया गया कि हरियाणा के लगभग 10 लाख एमएसएमई, 19 लाख से अधिक लोगों के लिए रोजगार पैदा करते हुए, राज्य की आर्थिक वृद्धि और विकास को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। हरियाणा सरकार हरियाणा के एमएसएमई के लिए अवसरों और परिणामों में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। आरएएमपी कार्यक्रम इसी दिशा में एक और महत्वपूर्ण प्रयास है। इससे उद्यमियों के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं और लाभों को अनलॉक करने की अनुमति मिलने के साथ साथ उनके बीच प्रतिस्पर्धा में भी बढ़ोतरी होगी।
बैठक में बताया कि आरएएमपी विश्व बैंक द्वारा छह हजार करोड़
सहायता प्राप्त कार्यक्रम है। जिसका उद्देश्य भारत में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के प्रदर्शन में सुधार करना है। हरियाणा इस कार्यक्रम के तहत एक सक्रिय भागीदार है, जिसका उद्देश्य बाजार पहुंच में सुधार, ऋण तक पहुंच, केंद्र और राज्य में संस्थानों और शासन को मजबूत करना, केंद्र-राज्य संबंधों और साझेदारी में सुधार करना, विलंबित भुगतान के मुद्दों को संबोधित करना और एमएसएमई को हरित बनाना है।
इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले राज्यों द्वारा रणनीतिक निवेश योजना (एसआईपी) की तैयारी और कार्यान्वयन शामिल है जो एमएसएमई वृद्धि और विकास के लिए चार साल की अवधि के लिए योजना तैयार करेगा। हरियाणा राज्य ने एसआईपी की तैयारी और उपरोक्त कार्यक्रम के तहत राज्य की भागीदारी को सुविधाजनक बनाने के लिए ईवाई एलएलपी इंडिया को परामर्श भागीदार के रूप में नियुक्त किया है। इसी क्रम में एमएसएमई की के विकास में बाधा डालने वाले मुद्दों की पहचान करने और एमएसएमई विकास को बढ़ाने के लिए राज्य समर्थन ढांचे को मजबूत करने के लिए एमएसएमई निदेशालय, एलएलपी इंडिया के साथ प्रमुख हितधारकों के साथ बातचीत करने के लिए राज्य के सभी जिलों में फोकस समूह चर्चा आयोजित कर रहा है।
गुरुग्राम में ओपन हाउस चर्चा के दौरान दोनों जिलों के प्रतिभागियों द्वारा उठाए गए कुछ मुद्दे वित्त, बाजार, भुगतान में देरी, भारत सरकार द्वारा डिजिटल वित्तपोषण प्लेटफार्मों को आगे बढ़ाने, पर्यावरण अनुपालन, बुनियादी ढांचे और समग्र रूप से पहुंच पर केंद्रित थे। इस दौरान एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा अनाधिकृत क्षेत्र में चल रहे उद्योगों को नियमित करने की मांग भी रखी गयी।
इस अवसर पर जिला एमएसएमई केंद्र गुरुग्राम के संयुक्त निदेशक सतीश कुमार, चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज ऑफ उद्योग विहार के अध्यक्ष अशोक कोहली, ईवाई एलएलपी कंसल्टेंट्स अदिति एन बातिश, विनोद कुमार और प्रज्ञा प्रियंबदा सहित एन बंसल, जगत पाल सिंह, सुमित राव, डॉ एस पी अग्रवाल व विभिन्न इकाइयों के अन्य उद्यमियों ने भी बैठक में भाग लिया।