सुभाष चौधरी /The Public World
नई दिल्ली : लोकसभा में आज नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ चल रही अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी ने अपने तीखे हमले से सत्ता पक्ष को उद्वेलित होने को मजबूर कर दिया. सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कांग्रेसी सांसद ने वर्तमान केंद्र सरकार पर मणिपुर को दो भागों में बांटने का आरोप लगाया. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भाजपा सरकार की नीतियों के कारण मणिपुर में हिंदुस्तान की हत्या हुई है. भारत माता की हत्या की गई है. बह्जापा सांसदों की ओर इशारा करते हुए आरोप को दोहराया कि इनकी राजनीति ने मणिपुर में हिंदुस्तान का कत्ल कर दिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार मणिपुर में हिंसा को रोकने के लिए भारतीय सेना का उपयोग नहीं करना चाहती है. भारतीय सेना 24 घंटे में मणिपुर में शांति स्थापित करने में सक्षम है. इसको लेकर संसद में कई केंद्रीय मंत्री अपनी सीट से खड़े होकर राहुल गांधी के इन आरोपों का जबरदस्त प्रतिरोध करते देखे गए. इस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर कहासुनी हुई, हंगामा हुआ, नारेबाजी होने लगी और यहां तक की लोकसभा अध्यक्ष के सामने रिपोर्ट टेबल पर भी विपक्षी सांसद आकर व्यवधान पैदा करने लगे.
उल्लेखनीय है कि लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के संसदीय दल के उप नेता गौरव गोगोई ने मंगलवार को नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखते हुए मणिपुर के मामले में प्रधानमंत्री के मौन रहने पर तीव्र आलोचना की थी. संभावना थी कि गौरव गोगोई की जगह राहुल गांधी ही अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत करेंगे लेकिन ऐसा नहीं होने पर संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी सहित कई भाजपा सांसदों ने इसके लिए कार्यवाही शुरू होते ही चुटकी ली थी. इस मुद्दे पर थोड़ी नोकझोंक मंगलवार को भी लोकसभा में देखने को मिली थी.
बुधवार यानी आज जब अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राहुल गांधी के नाम की घोषणा की तो सत्ता पक्ष और विपक्ष अपने -अपने नेता के पक्ष में नारेबाजी करने लगे. भाजपा सांसद मोदी -मोदी के नारे लगा रहे थे तो कांग्रेसी सांसद भारत जोड़ो -भारत जोड़ों के नारे लगाते देखे गए.
बहरहाल राहुल गांधी ने अपनी चर्चा की शुरुआत कांग्रेस पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा का अनुभव साझा करने के साथ की. उन्होंने कन्याकुमारी से कश्मीर तक अपनी यात्रा के दौरान विभिन्न समाज एवं वर्गों के लोगों से हुई मुलाकात को साझा करने की कोशिश की. उन्होंने अपनी यात्रा को जनसामान्य के विचारों एवं नैतिक सहयोग से बल मिलने की बात की. उन्होंने स्वीकार किया कि भारत जोड़ो यात्रा करने से पहले उनके मन में भी अहंकार था लेकिन जब आम लोगों से मिलने लगे तो उनका भी अहंकार दूर हो गया. ऐसा कहने के पीछे उन्होंने स्पष्ट किया कि हम भारत की आवाज तभी सुन सकेंगे जब अपना अहंकार छोड़ेंगे. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हमें देश की आवाज को समझने के लिए अहंकार और नफरत मिटाना पड़ेगा.
चुटीले अंदाज में राहुल गांधी ने लंका के जलने की उपमा देते हुए कहा कि लंका को हनुमान जी ने नहीं जलाया बल्कि रावण के अहंकार ने जलाया था. उसी तरह रावण का वध भगवान राम ने नहीं किया बल्कि उसके अहंकार ने किया. उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से वर्तमान प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करने की कोशिश में कहा कि रावण केवल दो लोगों की बातें सुनता था. एक मेघनाद और दूसरा कुंभकरण. इसी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिंदुस्तान की आवाज नहीं सुनते बल्कि केवल दो लोगों की बातें सुनते हैं. इनमें से एक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और दूसरे उद्योगपति गौतम अडानी है. उनकी इस बात पर सत्तापक्ष के सांसदों ने विरोध करना शुरू कर दिया.
अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी ने मणिपुर की चर्चा करते हुए केंद्र सरकार पर जमकर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सरकार की राजनीति ने मणिपुर को दो भागों में बांट दिया है. मणिपुर को तोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि मणिपुर में मणिपुर की हत्या नहीं बल्कि हिंदुस्तान की हत्या की गई है. उन्होंने मोदी सरकार पर मणिपुर में हिंदुस्तान का मर्डर करने का आरोप. उन्होंने लोकसभा में अगली पंक्ति में बैठी अपनी मां सोनिया गांधी की ओर इशारा करते हुए कहा कि एक मां मेरी संसद में बैठी है और दूसरी मां यानी भारत माता की हत्या मणिपुर में भाजपा सरकार ने की है.
राहुल गांधी के तीखे आरोप पर लोकसभा में चर्चा के दौरान बैठे आधा दर्जन से अधिक केंद्रीय मंत्री तिलमिला उठे. सभी एक साथ अपनी सीटों से खड़े होकर राहुल गांधी की बातों का प्रबल तरीके से प्रतिरोध करने लगे. शोरगुल इतना बढ़ गया कि एक तरफ विपक्षी सांसद नारेबाजी करते हुए वेल ऑफ़ दी हाउस में आ गए तो दूसरी तरफ सत्ता पक्ष के सांसद और मंत्री भी जोर-जोर से अपनी बात कहने की कोशिश करते देखे गए. केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने बिलने के लिए खड़े हुए और उनका समर्थन केन्द्रीय मंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह, एस पि बघेल और अर्जुन राम मेघवाल करते देखे गए. किरन रिजीजू ने कहा कि 70 सालों तक पूर्वोत्तर राज्यों में कांग्रेस पार्टी का शासन रहा है. कांग्रेस के शासनकाल में ही वहां उग्रवाद और आतंकवाद पनपा है. इससे वहां के लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है इसलिए कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए.
लोकसभा अध्यक्ष ने भारी मशक्कत कर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को समझा-बुझाकर अपनी सीटों पर भेजने की कोशिश की. थोड़ी शांति होती दिखी. राहुल गांधी ने फिर अपना भाषण शुरू किया और अपनी बात को एक बार फिर जोरदार तरीके से यह कहते हुए दोहरा दिया की भारत एक आवाज है और इस आवाज की भाजपा सरकार ने मणिपुर में हत्या कर दी है. उन्होंने सत्ता पक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि आप भारत माता के हत्यारे हैं. एक बार फिर जबरदस्त हंगामा हुआ. राहुल गांधी के भाषण में व्यवधान होता देख विपक्षी सांसद लोकसभा अध्यक्ष के आसन के सामने रिपोर्टर्स टेबल तक पहुंच गए. इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सांसदों को सख्त लहजे में चेताया और असंसदीय व्यवहार करने के प्रति आगाह किया. उन्होंने कहा कि रिपोर्टर्स टेबल पर आकर जिन्होंने सदन की कार्यवाही में बाधा डाली है उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी .
राहुल गांधी ने अपने भाषण के अंत में एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा देश प्रेमी नहीं बल्कि देशद्रोही है. भाजपा सरकार द्वारा मणिपुर के लोगों के दिल में नफरत पैदा की गई है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार मणिपुर में शांति स्थापित करने के लिए भारतीय सेना का उपयोग नहीं कर रही है. उनका कहना था कि भारतीय सेना मणिपुर में 24 घंटे में शांति स्थापित करने में सक्षम है. उन्होंने अपने मणिपुर दौरे के दौरान रिलीफ कैंप में कई महिलाओं द्वारा दिए गए पीड़ादायक बयानों की भी चर्चा की और सरकार को आगाह करते हुए कहा कि जब तक आप मणिपुर में हिंसा को बंद नहीं करोगे तब तक आप हर रोज भारत माता की हत्या करोगे.