केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह 17 मई को अखिल भारतीय पेंशन अदालत का उद्घाटन करेंगे : पुराने मामलों की होगी सुनवाई

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नई दिल्ली :  केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान; प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह दिल्ली में 8वीं अखिल भारतीय पेंशन अदालत का उद्घाटन करेंगे, जहां पुराने मामलों पर सुनवाई होगी और उनका निराकरण किया जाएगा.

पेंशन अदालत को विभिन्न स्थानों पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) के माध्यम से जोड़ा जाएगा, जहां जटिल मामलों की सुनवाई के लिए पूरे भारत में मंत्रालय/विभागों द्वारा पेंशन अदालतें आयोजित की जा रही हैं। विभाग अभी तक 7 अखिल भारतीय पेंशन अदालतें आयोजित कर चुका है जिनमें 24218 मामलों की सुनवाई हुई एवं 17235 मामलों का निराकरण किया गया।

डॉ. सिंह कल (17 मई को) नई दिल्ली में 50वीं पीआरसी (सेवानिवृत्ति पूर्व परामर्श) कार्यशाला की अध्यक्षता भी करेंगे। पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग द्वारा आयोजित इस पीआरसी का आयोजन सभी मंत्रालयों/विभागों के 1200 अधिकारियों के लिए किया जा रहा है। ये कर्मचारी अगले 6 महीनों में सेवानिवृत्त होने वाले हैं।

सेवानिवृत्त होने वाले केंद्र सरकार के सिविल कर्मचारियों को इन कार्यशालाओं के जरिए पेंशन से जुड़े मामलों का लाभ मिलेगा, जैसे-सेवानिवृत्ति लाभों के समय पर भुगतान के लिए आवश्यक औपचारिकताएं, भविष्य (BHAVISHYA) पर पेंशन फॉर्म कैसे भरें, एकीकृत पेंशनरों के पोर्टल और भविष्य पर संक्षिप्त विवरण, सेवानिवृत्ति के बाद सीजीएचएस/निश्चित चिकित्सा भत्ते, वरिष्ठ नागरिकों/पेंशनरों के लिए आयकर प्रोत्साहन, डीएलसी, फेस ऑथेंटिकेशन, पेंशनभोगी संघ और  अनुभव (ANUBHAV,), यानी सेवा के दौरान किए गए उत्कृष्ट कार्य को प्रदर्शित करने का मंच आदि।

अभी तक विभाग द्वारा 49 पीआरसी का आयोजन किया जा चुका है। इसमें दिल्ली में विभिन्न मंत्रालयों / विभागों के लिए 29 और नई दिल्ली, जालंधर, शिलांग, कोलकाता, टेकनपुर, जम्मू, जोधपुर और गुवाहाटी में  सीएपीएफ, सीआरपीएफ, बीएसएफ और असम राइफल्स के लिए 20 पीआरसी का आयोजन किया जा चुका है। कुल 6972 सेवानिवृत्त कर्मियों ने इन पीआरसी में भाग लिया।

पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने अब पोर्टलों को एकीकृत करने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया है कि बड़े पैमाने पर पेंशनरों के लिए ईज ऑफ लिविंग, सभी पोर्टल जैसे पेंशन वितरण बैंक  पोर्टल, अनुभव, सीपीईएनजीआरएएमएस, सीजीएचएस आदि को नए बनाए गए “एकीकृत पेंशनभोगी पोर्टल” (https://ipension.nic.in ) में एकीकृत किया जाएगा। भविष्य पोर्टल के साथ एसबीआई और केनरा बैंक के पेंशन सेवा पोर्टल के एकीकरण का कार्य पूरा हो गया है। इस एकीकरण के साथ, पेंशनभोगी अब एकीकृत पेंशनभोगी पोर्टल के माध्यम से अपनी पेंशन पर्ची, जीवन प्रमाण पत्र जमा करने का स्टेटस और फॉर्म-16 प्राप्त कर सकते हैं। सभी 18 पेंशन वितरण बैंकों को एकीकृत पेंशनभोगी पोर्टल में एकीकृत किया जाएगा।

प्रायोगिक आधार पर पेंशन अदालत पहल की शुरूआत 2017 में पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग द्वारा की गई थी। 2018 में पेंशनरों की शिकायत के त्वरित समाधान के लिए प्रौद्योगिकी का प्रयोग कर राष्ट्रीय पेंशन अदालत का आयोजन किया गया था। इस मॉडल के तहत, किसी विशेष शिकायत के सभी हितधारकों को एक सामान्य मंच पर बुलाया जाता है और पेंशन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए प्रत्येक हितधारक के अनुसार मामले का निपटारा किया जाता है ताकि पेंशन समय पर शुरू हो सके।

सरकार के पारदर्शिता, डिजिटलीकरण और सेवा वितरण के उद्देश्य के अनुरूप, इस विभाग द्वारा शुरू किए गए भविष्य प्लेटफॉर्म ने पेंशन संबंधी मामलों और भुगतान का एंड-टू-एंड डिजिटलीकरण सुनिश्चित किया है। एनईएसडीए  आकलन 2021 के अनुसार, भविष्य प्रणाली को केंद्र सरकार के सभी ई-गवर्नेंस सर्विस डिलीवरी पोर्टल्स में तीसरा स्थान मिला है।

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