फरीदाबाद : केंद्रीय श्रम और रोजगार तथा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने आज फरीदाबाद स्थित “राज्य कर्मचारी बीमा निगम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल” से जुड़े 650 बिस्तर वाले अस्पताल में अतिरिक्त 500 बिस्तर बढ़ाये जाने की घोषणा की। श्री यादव ने ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में आज स्वामी विवेकानन्द की प्रतिमा का अनावरण किया तथा अस्थि-मज्जा प्रत्यारोपण केंद्र, अत्याधुनिक कौशल प्रयोगशाला में नई सेवाओं और छात्रों के लिये व्यायामशाला का उद्घाटन किया।
कार्यक्रम में श्री यादव ने कहा कि ईएसआईसी में निर्माण निगरानी डैशबोर्ड, अस्पताल निगरानी डैशबोर्ड आदि जैसे अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के उपयोग से संस्था की सेवा आपूर्ति प्रणाली में सुधार करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशों के मुताबिक ईएसआईसी सहित पूरी शासन प्रणाली अपने प्रशासन और सेवा आपूर्ति में पारदर्शिता को सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने नि:स्वार्थ भाव और कर्तव्यपरायणता पर बल देते हुये उन्हें जीवन का ध्येय पूरा करने के लिये मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में प्रस्तुत किया।
अत्याधुनिक कौशल प्रयोगशाला
मेडिकल के छात्रों को तकनीकी और व्यावहारिक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिये पांच करोड़ रुपये की लागत से एक अत्याधुनिक कौशल प्रयोगशाला स्थापित की गई है। कौशल प्रयोगशाला और विशिष्ट व्यावहारिक कौशल प्रशिक्षण सुविधायें मेडिकल शिक्षा का अत्यंत महत्त्वपूर्ण अंग होती हैं, जहां सुरक्षित वातावरण में क्लीनिकल प्रक्रियाओं में प्रशिक्षण की संभावनायें मौजूद होती हैं। इस नई प्रयोगशाला के जरिये इंजेक्शन लगाने, हार्ट-पम्पिंग, शरीर के विभिन्न अंगों की गतिविधियों और उपचार के अति महत्त्वपूर्ण तरीकों का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जायेगा।
अस्थि-मज्जा प्रत्यारोपण (बीएमटी) सुविधा में उन्नत सेवायें
ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, फरीदाबाद हाई-टेक बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन (बीएमटी) सेंटर शामिल है। इस सेंटर में चार बिस्तरों का इजाफा किया गया है, जहां एचईपीए फिल्टर्स के साथ लैमिनार एयर फ्लो सुविधा उपलब्ध है। प्रमुख सरकारी अस्पतालों में प्रत्येक प्रत्यारोपण का खर्चा लगभग 18 लाख रुपये बैठता है। यह सेवा ईएसआईसी लाभान्वितों को मुफ्त में मिलेगी।
कार्यक्रम में बडखल की विधायक सीमा त्रिखा, ईएसआईसी के महानिदेशक डॉ. राजेन्द्र कुमार, ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज, फरीदाबाद के डीन डॉ. असीम दास और गोपाल शर्मा भी सम्मिलित हुये।