नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष व लोकसभा सांसद राहुल गांधी कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के आमन्त्रण पर ब्रिटेन पहुंचे और यूनिवर्सिटी के बिजनेस स्कूल में छात्रों को संबोधित किया. कांग्नेरेस नेता ने देश की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला लेकिन कुछ नीतियों को अच्छा भी बताया . उन्होंने एक तरफ पीएम मोदी पर लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगाया जबकि दूसरी तरफ उज्ज्वला और जन धन स्कीम को अच्छा कदम भी बताया . राहुल गांधी ने भारत में मोदी सरकार द्वारा उनकी जासूसी किए जाने का आरोप भी लगाया .
इस सम्बन्ध में कांग्रेस पार्टी ने भी ट्विटर के माध्यम से कहा है कि ” उन्होंने ’21वीं सदी में सुनना सीखना’ विषय पर बात की। उन्होंने लगातार लोगों को अपनी राय रखने के लिए जगह दी है और भारत जोड़ो यात्रा के साथ राजनीति में एक नए प्रतिमान की शुरुआत की है। ”
A proud moment when @RahulGandhi delivered his lecture at @CambridgeJBS as a Visiting Fellow.
He spoke on ‘Learning To Listen In The 21st Century’. He has consistently given people a place to voice their opinion & with Bharat Jodo Yatra has ushered in a new paradigm in politics. pic.twitter.com/2MnqXIonAP
— Congress (@INCIndia) March 2, 2023
उनके संबोधन के दौरान जब मोदी सरकार की अच्छी नीतियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने उज्जवला योजना और जन धन योजना का जिक्र किया. कैंब्रिज में कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी से ये सवाल किया गया कि क्या नरेंद्र मोदी सरकार की उन नीतियों के बारे में बता सकते हैं जो भारत के हित में हैं ?
राहुल गांधी ने कहा, शायद महिलाओं को गैस सिलिंडर देना और लोगों के बैंक अकाउंट खुलवाना अच्छा कदम है लेकिन मेरे विचार में मोदी भारत की बनावट को बर्बाद कर रहे हैं. वो भारत पर एक ऐसा विचार थोप रहे हैं जिसे भारत स्वीकार नहीं कर सकता. भारत राज्यों का संघ है. अगर कोई एक विचार थोपा जाएगा तो प्रतिक्रिया होगी. भारत में धार्मिक विविधता है. भारत में सिख, मुस्लिम, ईसाई सभी हैं लेकिन मोदी इन्हें दूसरे दर्जे का नागरिक समझते हैं. मैं इससे सहमत नहीं हूं. जब बुनियादी स्तर पर असहमति हो तो फर्क नहीं पड़ता कि आप किन दो–तीन नीतियों से सहमत हैं.
राहुल गांधी कैंब्रिज के बिजनेस स्कूल में ’21वीं सदी में सुनना सीखने की कला’ विषय पर बोल रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा, दुनिया में लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए नई सोच की जरूरत की बात कही. साथ ही ये भी कहा कि इसे किसी पर थोपा न जाए. हम ऐसी दुनिया बनते हुए नहीं देख सकते जो लोकतांत्रिक मूल्यों से जुड़ी हुई न हो.