-ग्रामीण क्षेत्र में कंप्यूटर शिक्षा मुहैया कराने की विशेष पहल
-विद्या सहयोग कार्यक्रम के तहत 44 सरकारी स्कूलों में 1400 वंचित बच्चों को मिलेगी शिक्षा
गुरुग्राम : जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी विद्यालयों में बच्चों को स्मार्ट क्लासरूम के माध्यम से शिक्षा देने के लिए व निपुण हरियाणा मिशन को मजबूत करने के लिए हरियाणा शिक्षा विभाग व लोटस पेटल चैरिटेबल फाउंडेशन व पंजाब नेशनल बैंक हाउसिंग एंड फाइनेंस ने एक अनोखी पहल की है ।
गुरुग्राम जिले के ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा को मजबूती देने के लिए 44 सरकारी स्कूलों में ‘स्मार्ट क्लासरूम’ बनाए जा रहे हैं । इस कार्य में हरियाणा शिक्षा विभाग का लोटस पेटल फाउंडेशन व पंजाब नेशनल बैंक हाउसिंग एंड फाइनेंस सहयोग कर रहे हैं ।
इसकी शुरुआत जिले के राजकीय मॉडल संस्कृति प्राथमिक विद्यालय बजघेड़ा में मुख्य अतिथि जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी शशि बाला अहलावत ने स्मार्ट क्लासरूम’ का उद्घाटन कर की । इस अवसर पर लोटस पेटल फाउंडेशन की सह-संस्थापक और सीटीओ सलोनी भारद्वाज, परमजीत कालरा, जिले के निपुण हरियाणा मिशन के जिला नोडल अधिकारी मनोज कुमार लाकड़ा, बजघेड़ा गांव के सरपंच श्रीनिवास राणा सोनू, प्राचार्या चंचल नोहरिया, कुसुमलता हेड टीचर, एलएलएफ फाउंडेशन से उषा सोलंकी भी मौजूद रहे । जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी शशि बाला अहलावत ने कंप्यूटर का बटन दबा कर 44 स्कूलो में ई-अवसंरचनात्मक प्रतिष्ठानों या ‘स्मार्ट क्लासरूम’ का उद्घाटन किया गया । महामहिम राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित राष्ट्रीय अवॉर्डी शिक्षक व जिला समन्वयक मनोज कुमार लाकड़ा ने बताया कि ई-लर्निंग कार्यक्रम “विद्या सहयोग” में सोहना ब्लॉक में 07 और गुरुग्राम ब्लॉक में 37 सरकारी मॉडल संस्कृति प्राथमिक विद्यालयों में इसकी शुरुआत की गई है ।
लोटस पेटल फाउंडेशन की सह संस्थापक सलोनी भारद्वाज ने बताया कि 44 सरकारी मॉडल संस्कृति प्राथमिक विद्यालयों में ई-लर्निंग इंफ्रास्ट्रक्चर लगभग 1400 वंचित बच्चों के सीखने की खाई को पाटने में मदद करेगा । जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी शशि बाला अहलावत ने गूगल मीटिंग में सभी स्कूलो को संबोधित करते हुए कहा कि इसके माध्यम से विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अवसर प्रदान करके छात्रों के बीच मूलभूत शिक्षा को बढ़ावा देना मुख्य लक्ष्य है और इससे ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे को डिजिटल रूप से नए अवसर प्रदान किए जा रहे हैं । इस कार्यक्रम में गुरुग्राम के 43 सरकारी स्कूलों ने वर्चुअली भाग लिया ।
ग्राम बजघेड़ा, गुरुग्राम में सरकारी प्राथमिक विद्यालय में स्मार्ट कक्षा का उद्घाटन शशि बाला अहलावत द्वारा किया गया जिसमे एक प्रोजेक्टर, कंप्यूटर, साउंड सिस्टम व अन्य जरूरी सामान लोटस पेटल फाउंडेशन द्वारा दिया गया है ।
सभी 44 राजकीय मॉडल संस्कृति प्राथमिक विद्यालयों के साथ बातचीत करते हुए स्कूलों जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी शशि अहलावत ने बताया कि आज “आधुनिक साधनों का सहारा लेना” व इसके माध्यम से सीखना समय की आवश्यकता बन गया है और असीम अवसर प्रदान करने के लिए लोटस पेटल फाउंडेशन के साथ मिलकर व सहयोग करके शिक्षा स्तर को बेहतर करना अच्छा लग रहा है ।
जिला समन्वयक मनोज कुमार लाकड़ा ने बताया कि सरकारी स्कूलों के हमारे छात्रों को गुरुग्राम जिले में इंटरैक्टिव डिजिटल कक्षाएं ” और उन्हें शिक्षा की बेहतर गुणवत्ता प्रदान करना व तालमेल के साथ शिक्षा के सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में एक साथ मिलकर शिक्षा में अंतराल (लर्निंग गैप) को दूर कर सकते हैं । निपुण हरियाणा मिशन के अंतर्गत इन स्मार्ट क्लास रूम के माध्यम से बच्चे कार्टून व संपर्क स्मार्ट शाला, एनसीईआरटी के दीक्षा पोर्टल व कार्टून के जरिए बच्चों को मौलिक भाषा विकास, गणित का संख्यात्मक ज्ञान, बुनियादी शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा ।
ग्राम बजघेड़ा, गुरुग्राम में सरकारी प्राथमिक विद्यालय में स्मार्ट कक्षा का उद्घाटन शशि बाला अहलावत द्वारा किया गया । इस कार्यक्रम को लोटस पेटल चैरिटेबल फाउंडेशन गुड़गांव के साथ सरकारी स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चरल सपोर्ट के लिए पीएनबी हाउसिंग एंड फाइनेंस का कार्यान्वयन भागीदार है जो विद्या सहयोग कार्यक्रम को समर्थन के साथ साथ रिमोट लर्निंग सेंटर, सरकारी स्कूल, एनजीओ स्कूल और फीडर स्कूल जैसे कई क्षेत्रों में ई-लर्निंग, भौतिक कक्षाएं और ढांचागत समर्थन भी प्रदान कर रहा है ।
कोविड महामारी के बाद से लोटस पेटल फाउंडेशन के “विद्या सहयोग कार्यक्रम” के सहयोग से हरियाणा शिक्षा विभाग के सरकारी विद्यालयों में बच्चों के लर्निंग गैप को लगभग घटा दिया है । इसमें अभी 3000 से ज्यादा छात्र और गुणात्मक शिक्षा और समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है ।
इस अवसर पर सलोनी भारद्वाज, सह-संस्थापक और सीटीओ, लोटस पेटल फाउंडेशन ने भी अपने विचार सांझा किए । सलोनी भारद्वाज ने बताया कि “कोविड महामारी, विशेष रूप से, देश में बड़ी संख्या में लोगों के लिए तार्किक चुनौतियों को प्रकाश में लाया । यहीं पर विद्या सहयोग कार्यक्रम एक कुशल और प्रभावी उपकरण साबित हुआ है । इस अनोखी पहल में 44 सरकारी मॉडल संस्कृति प्राथमिक विद्यालयों में 1400 से ज्यादा छात्रों को लाभार्थी के रूप में शामिल किया जा रहा है ।