-केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री ने किया आईसीएटी (ICAT) मानेसर में ” पंचामृत की ओर ” सम्मेलन और प्रदर्शनी का उद्घाटन
– आईसीएटी (ICAT) ने भारत को स्वच्छ गतिशीलता की ओर ले जाने की दृष्टि से आयोजित किया सम्मेलन
– केन्द्रीय मंत्री बोले, केंद्र सरकार ऑटोमोटिव उद्योग में आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य हासिल करने में जुटी
– ड्यूटी समाप्त करने से अब टेस्टिंग के लिए विदेशों से बड़े पैमाने पर भारत आयेंगे वाहन
– कार्यक्रम का उद्देश्य “पंचामृत” यानी 5 स्वच्छ ईंधन – हाइड्रोजन, इथेनॉल, बायो डीजल, गैस और इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने को बढ़ावा देना
– केन्द्रीय मंत्री ने अपनी तरह के पहले आईसीएटी इन्क्यूबेशन सेंटर का भी उद्घाटन किया
सुभाष चौधरी /The Public World
गुरुग्राम : केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडे ने आज इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (आईसीएटी ICAT ), मानेसर, हरियाणा में देश में ऑटोमोटिव उद्योग के प्रोत्साहन और विकास के लिए भारी उद्योग मंत्रालय की योजनाओं पर आधारित सम्मेलन और प्रदर्शनी “टूवर्ड्स पंचामृत” का उद्घाटन किया । उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार देश को स्वच्छ गतिशीलता की ओर ले जाने के लिए, स्वच्छ ईंधन पर जोर दे रही है । “टूवर्ड्स पंचामृत” कार्यक्रम इसी दिशा में एक अहम प्रयास है. “पंचामृत” में 5 स्वच्छ ईंधन – हाइड्रोजन, इथेनॉल, बायो डीजल, गैस और इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने की दृष्टि से यह सम्मेलन बेहद अहम माना जा रहा है। केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय और भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने इस मौके पर आयोजित एक्सपोजिशन और आईसीएटी इन्क्यूबेशन सेंटर का भी उद्घाटन किया। इस अवसर पर केन्द्रीय भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव कामरान रिजवी , संयुक्त सचिव ऑटो डॉ हनीफ कुरैशी, आइकैट मानेसर के डायरेक्टर सौरभ दलेला, एसीएमए के प्रेसिडेंट संजय कपूर, एस आई ए एम् के प्रेसिडेंट विनोद अग्रवाल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और कारपोरेट जगत के प्रतिनिधि मौजूद थे.
उदघाटन समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडे ने जोर देते हुए कहा कि सीओपी 26 – “पंचामृत की सौगात” में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणाओं के अनुरूप, 2070 तक कार्बन विहीन देश बनने के दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए 5 प्रतिबद्धताएं निर्धारित की गई हैं . भारी उद्योग मंत्रालय प्रधान मंत्री के नेतृत्व में इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए व्यापक प्रयास कर रहा है । उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में सरकार ऑटोमोटिव उद्योग में आत्मनिर्भर भारत के विजन को जल्द ही हासिल कर लेगा .
डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि सरकार ने देश में परीक्षण उद्देश्यों के लिए अंतरराष्ट्रीय वाहन निर्माताओं द्वारा लाए जाने वाले वाहनों पर शुल्क समाप्त करने का निर्णय लिया है. उन्होंने बताया कि विदेशों से यहाँ टेस्टिंग के लिए आने वाले वाहनों पर पहले 252% शुल्क लगता था जिसे पूरी तरह समाप्त कर दिया गया. उन्होंने कहा कि यह एक दूरदर्शी कदम साबित होगा. उन्होंने कहा कि इस निर्णय से अब भारत में उपलब्ध परीक्षण सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए अधिक से अधिक देशों के वाहन निर्माता आकर्षित होगे. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस निर्णय से भारत अब विश्व में छठा ऐसा देश बन गया है जो विदेशी वाहन निर्माताओं को आकर्षित करने में दुनिया के बाजार को कड़ी टक्कर देगा . इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार जताया ।
सम्मेलन में मौजूद उद्यमियों , कारपोरेट सेक्टर के प्रतिनिधियों, स्टार्ट अप्स और स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने भारत को एक स्वच्छ और हरित देश बनाने की दिशा में सरकार के प्रयासों में ऑटो उद्योग से पुरी तन्मयता से जुट जाने का आह्वान किया ।
इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी मानेसर के कन्वेंशन सेंटर में आयोजित एक दिवसीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने स्वच्छ और हरित गतिशीलता को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय द्वारा की गई पहलों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इन पहलों से ऑटोमोबाइल क्षेत्र के घरेलू निर्माताओं को बढ़ावा मिलेगा जबकि रोजगार सृजन में भी बड़ी मदद मिलेगी. उनका कहना था कि इससे निर्यात पर निर्भरता कम होगी और ऑटो उद्योग के विकास को बढ़ावा मिलेगा . उन्होंने जोर देते हुए कहा कि आधुनिक तकनीक के उपयोग से ऑटोमोटिव उद्योग में आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
सम्मेलन को भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव कामरान रिजवी ने भी संबोधित किया . उन्होंने कहा कि भारी उद्योग मंत्रालय अपनी योजनाओं पीएलआई एसीसी, पीएलआई ऑटो और फेम II के माध्यम से भारत को स्वच्छ गतिशीलता की ओर ले जाने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। श्री रिजवी का कहना था कि पिछले 5 वर्षों में देश ने बहुत तेज गति से ईवी व्हीकल तकनीक को अपनाया है । उन्होंने उद्योग जगत से भारी उद्योग मंत्रालय की ओर से लांच की गई योजनाओं का लाभ उठाने का आह्वान किया. अपने संबोधन में उन्होंने यह कहते हुए विश्वास जताया कि वह दिन दूर नहीं जब भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग विश्व बाजार का नेतृत्व करेगा ।
इससे पूर्व भारी उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव, ऑटो ने सभी अतिथियों का स्वागत किया. उन्होंने इस आयोजन के लिए आइकैट की प्रशंसा की और केंद्र सरकार की ओर से ऑटो इंडस्ट्री को बढ़ावा देने वाली योजनाओं को रेखांकित किया.
इस कार्यक्रम में ऑटोमोटिव उद्योग प्रबंधन की प्रमुख हस्तियों , भारी उद्योग मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों , नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों, एमओआरटीएंडएच, एमओपी, एमओपीएंडएनजी, वरिष्ठ शिक्षाविदों, स्टार्ट-अप और छात्रों ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया । इस अवसर पर आयोजित एक्सपोजिशन में 84 से अधिक कंपनियों ने अपने उत्पाद डिस्प्ले किये जिनमें 33 पार्ट्स निर्माता जबकि टेस्टिंग उपकरण निर्माताओं की 11 कंपनियां और 36 वाहन निर्माता भी शामिल रहे ।
एक दिवसीय सम्मलेन के दौरान हाइड्रोजन, ईवीएस, जैव ईंधन और गैस ईंधन वाले वाहनों के लिए विकासशील प्रौद्योगिकियों से सम्बंधित विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श के लिए तीन तकनीकी सत्र आयोजित किए गए । ऑटोमोटिव उद्योगों के प्रख्यात वक्ताओं ने नई अत्याधुनिक तकनीकों और उद्योग में आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अपनी विशेषज्ञता का प्रेजेंटेशन दिया । सम्मेलन के विचार-विमर्श में इन नई तकनीकों को तेजी से अपनाने के लिए नीति और नियामक पारिस्थितिकी तंत्र भी सामने आया ।
उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय भारी उद्योग मंत्रालय ने हाल के वर्षों में ऑटोमोटिव उद्योग में पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए पीएलआई-ऑटो, पीएलआई-एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) और फेम-II जैसी कई पहल की हैं । ये योजनाएँ स्टार अप्स का एक मजबूत इकोसिस्टम बनाने पर ध्यान केंद्रित हैं जो स्वच्छ गतिशीलता के दृष्टिकोण को और सक्षम बनायेगा साथ ही देश के कार्बन फुटप्रिंट को कम करेगा।
आइकैट की ओर आयोजित इस सम्मेलन में एक ऐसा सत्र भी आयोजित किया गया जिसमें ऑटोमोटिव उद्योग के प्रतिनिधियों ने इन योजनाओं के सफल कार्यान्वयन के लिए अधिकारियों के साथ चर्चा की और इसे और प्रभावी बनाने के लिए अपने सुझाव भी दिए ।
इस मौके पर आइकैट मानेसर के सेंटर दो में ऑटोमोटिव उत्पादों के लिए स्थापित अपनी तरह के पहले इनक्यूबेशन सेंटर का भी उद्घाटन आज किया गया जो बाजार के लिए तैयार उत्पादों को विकसित करने में स्टार्ट-अप्स को मजबूत बनाएगा. सम्मेलन में भाग लेने वाले एक हजार से अधिक गणमान्य व्यक्तियों ने इस परीक्षण सुविधा का को नजदीक से देखा. इस अवसर पर ई वी व्हीकल के विकास के लिए रिसर्च करने वाले स्टूडेंट्स को पुरस्कृत किया गया.
आइकैट के निदेशक सौरभ दलेला ने सम्मेलन में आये सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया. उन्होंने केन्द्रीय मंत्री को आश्वस्त किया कि आइकैट की टीम प्रधान मंत्री द्वारा रेखांकित पंचामृत के लक्ष्यों को हासिल करने में अपना भरपूर योगदान देगी. उनका कहना था कि टेस्टिंग के लिए भारत आने वाले विदेशी वाहनों पर शुल्क समाप्त करने के केंद्र सरकार निर्णय ने उनकी राहें और आसान बना दी हैं. उन्होंने आइकैट मानेसर में उपलब्ध विश्वस्तरीय टेस्टिंग सुविधाओं की भी जानकारी दी और वाहन निर्माताओं एवं पार्ट्स उत्पादकों से गुणवत्ता पर अधिकतम बल देने का आह्वान किया.