चंडीगढ़, 14 दिसंबर : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 में और संशोधन करने के लिए हरियाणा पंचायती राज (संशोधन) विधेयक, 2022 के प्रारूप को स्वीकृति दी गई।
हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 (इसके बाद मूल अधिनियम) की धारा 51 की उप-धारा (3) के बाद, उप-धारा अर्थात् ‘‘(3ए) जोड़ा जाएगा।
निदेशक या उपायुक्त, जैसा भी मामला हो, उप- धारा (3) के तहत मूल्यांकन करेगा कि हटाए गए व्यक्ति से उसकी लापरवाही या कदाचार के परिणामस्वरूप ग्राम निधि या संपत्ति के नुकसान, बर्बादी या दुरुपयोग के कारण देय राशि, यदि कोई हो, और उपायुक्त नुकसान की राशि की वसूली करेगा। आदेश की तिथि से तीन माह की अवधि के भीतर एवं यदि उक्त अवधि में राशि की वसूली नहीं की जाती है तो उसे भू-राजस्व के बकाये के रूप में वसूल किया जायेगा। अधिनियम 51 के अंतर्गत अपील के विरूद्घ पारित किए गए किसी भी आदेश को राज्य सरकार की बजाय अब मंडलायुक्त देखेंगे।
आगे, मूल अधिनियम की धारा 53 में, उप-धारा (2) में, ‘‘खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी’’ शब्दों के स्थान पर, ‘‘उप-मंडल अधिकारी (नागरिक)’’ शब्दों को प्रतिस्थापित किया जाएगा। आवश्यक वसूली के लिए ‘‘अंत में होने वाले शब्द को हटा दिया जाएगा और उप-धारा (4) के बाद, उप-धारा अर्थात्, (4 क) में उपायुक्त एक अवधि के भीतर जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी द्वारा निर्धारित नुकसान की राशि की वसूली करेगा। आदेश की तिथि से तीन माह के भीतर और यदि उक्त अवधि के भीतर राशि की वसूली नहीं की जाती है, तो भू-राजस्व के बकाये के रूप में राशि वसूल की जाएगी, इस शब्द को सम्मिलित किया जायेगा।