नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने गुजरात में भाजपा सरकार द्वारा 15 अगस्त को सामूहिक बलात्कार के 11 सजायाफ्ता कैदियों की सजा माफ करने के मामले में आज कई अहम सवाल खड़े किए. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि गुजरात सरकार के अधिकारियों द्वारा उक्त निर्णय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर लेने का दावा करना पूरी तरह गलत है. यह भ्रम पैदा करने की कोशिश है. उन्होंने कहा यह निर्णय अदालती आदेश पर नहीं बल्कि सरकार का प्रशासनिक फैसला है। पवन खेरा कहा कि गुजरात सरकार ने यह निर्णय 1992 की रिहाई की नीति के तहत लेने की बात की है जबकि यह नीति वर्तमान में लागू ही नहीं है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेता या तो प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की नहीं सुनते हैं या उनकी कथनी और करनी में बड़ा अंतर है. इस मामले पर पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने भी ट्विटर के माध्यम से पीएम नरेंद्र मोदी के 15 अगस्त के महिला सम्मान वाले बयान पर कटाक्ष किया है.
बिलकिस बानो मामले के दोषियों की रिहाई पर कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने बुधवार को प्रेस कांन्फ्रेंस की और गुजरात की बीजेपी सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि “यह रिहाई न्यायपालिका का निर्णय नहीं, बल्कि सरकार का निर्णय है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को 3 महीने के अंदर निर्णय लेने का आदेश दिया था. निर्णय क्या होना चाहिए इसका कोई जिक्र नहीं था. 1992 की रिहाई की नीति वेबसाइट पर ही नहीं है, क्योंकि जिसके पीछे छुपकर रिहाई की गई वो नीति 8 मई 2013 को तत्कालीन मोदी सरकार ने ही खत्म कर दिया था. ऐसी नीति जो है ही नहीं उसके आधार पर 11 दोषियों की रिहाई कर दी गई.”
कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता ने जोर देते हुए कहा कि जब जांच सीबीआई ने की तो उसमें रिहाई का निर्णय अकेले राज्य सरकार कर ही नहीं सकती. उन्होंने सवाल किया कि “सीआरपीसी के सेक्शन 345 के मुताबिक, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से जानना चाहते हैं की क्या रिहाई से पहले आप से अनुमति ली थी ? अगर नहीं तो गुजरात के मुख्यमंत्री के खिलाफ इस गैर कानूनी काम को अंजाम देने के लिए वे क्या एक्शन लेने वाले हैं?”
पवन खेरा ने कहा कि निर्भया के केस में मांग करने वाले आज चुप क्यों हैं, बाकी विपक्षी दल चुप क्यों हैं?” बिल्किस बानो मामले में आम आदमी पार्टी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए बिना नाम लिए कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि जो दल निर्भया के वक्त आंदोलन कर रहे थे वो इस मामले पर चुप क्यों हैं?