चण्डीगढ, 3 मार्च :” हरियाणा राज्य सूखा राहत व बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की 53वीं बैठक में (1) गांव नरवाना , इस्माइलपुर , धरोड़ी , फेन कला और दाबलेन के लिए सिंचाई सिरसा ब्रांच के माध्यम से ( 2 ) बेलरखा , सुरजा खेर / मोहल खेड़ा गांवों के लिए बाढ़ के पानी का पुनः उपयोग बीएमएल बरवाला लिंक चैनल के माध्यम से करने के लिए 735.00 लाख और 20.00 लाख रूपये की दो योजनाएं स्वीकृत की गई है। यह कार्य मई , 2022 से शुरू होने और 30 जून,2023 तक पूरा होने की संभावना है।
हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल आज यहां विधानसभा सत्र में मुख्यमंत्री की ओर से लगाए गए प्रश्न का उत्तर दे रहे थे।
एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने बताया कि नगर निगम गुरूग्राम ने सूचित किया है कि लाईसेंस प्राप्त कालोनियों में मौजूदा सेवाओं को मजबूत करने का प्रस्ताव है। उन्होंने बताया कि गुरूग्राम में उक्त नीति के अनुसार किसी भी राशि का उपयोग नहीं किया गया है।
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि सरावां से जगाधरी तक की सड़क से सटे गांव जहां कृषि क्षेत्रों में पानी जमा हो जाता है , वे गांव मानकपुर , पेन्सल , चाहरवाला , हेबतपुर , मलकपुर , पाबनी कला , शेखूपुरा , जुड्डा जट्टा , महेश्वरी , नगला जागीर , मंधार , जुड्डा शेखां , महलवाली और जिवरहेरी है। अब तक , खेतों में बारिश के पानी को जरूरत पड़ने पर पास की ड्रेनों में पंप करने के लिए वीटी पंप लगाए जाते हैं। दीर्घ कालीन एवं स्थायी समाधान उपलब्ध करवाने के लिए गांव मानकपुर , पेन्सल , चाहरवाला , हैबतपुर , मलकपुर , महेश्वरी और नगला जागीर में बरसात के पानी को पास के नाले यानी चौटांग नाले में डालने के लिए भूमिगत पाइप लाइन बिछाने की योजना हरियाणा राज्य बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की अगली बैठक में प्रस्तावित की जाएगी।
उन्होंने बताया कि गांव पाबनी कलां , जुड्ड़ा जट्टा , जुड़ड़ा शेखां , शेखूपुरा , महलावली , जिवरहेरी और मंधार गांवों में पानी जमा होने की समस्या सरस्वती नदी को पुनर्जीवित करने के बाद काफी हद तक हल हो जाएगी जिसमें इन गांवों का बारिश का पानी निकल जाएगा। उपरोक्त समस्या का समाधान दिसम्बर , 2024 तक होने की संभावना है।