नई दिल्ली। रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने 20 जनवरी, 2022 को वीरता पुरस्कार पोर्टल (https://www.gallantryawards.gov.in/) पर एक इंटरैक्टिव वर्चुअल म्यूजियम का उद्घाटन किया। वर्चुअल म्यूजियम में वीरता पुरस्कार विजेताओं की प्रतिबद्धता तथा बलिदान की कहानियों को एक अभिनव और उपयोगकर्ता के अनुकूल प्रारूप में एक साथ रखा गया है। इसमें 3-डी वॉक थ्रू एक्सपीरियंस, गैलरी बिल्डिंग, लॉबी, वॉल ऑफ फेम, वॉर मेमोरियल का दर्शन, वॉर रूम, रिसोर्स सेंटर, सेल्फी बूथ और प्रदर्शन उपकरण आदि शामिल हैं। वर्चुअल म्यूजियम को रक्षा मंत्रालय, सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (एसआईडीएम), इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और भास्कराचार्य नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस एप्लिकेशन एंड जियो-इंफॉर्मेटिक्स द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है, जो स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने पर आयोजित ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ का एक हिस्सा है।
रक्षा मंत्रालय के एसआईडीएम और अन्य हितधारकों के प्रयासों की सराहना करते हुए, रक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि वर्चुअल म्यूजियम राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले देश के उन बहादुरों के योगदान का सम्मान करेगा और उनकी, विशेष रूप से युवाओं की कहानियों को लोगों तक पहुंचाएगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि वर्चुअल म्यूजियम अधिक से अधिक लोगों को वीरता पुरस्कार पोर्टल पर आने के लिए प्रोत्साहित करेगा और युवाओं को आगे आकर सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित करेगा।
श्री अजय भट्ट ने कहा कि सैनिक प्रेरणास्रोत होते हैं, जो युवा पीढ़ी को देशभक्ति का संदेश देते हैं और उन्हें सफलता के मार्ग पर ले जाते हैं। उन्होंने स्वदेशी अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने तथा रक्षा उपकरणों के निर्माण के लिए एसआईडीएम की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की कल्पना के अनुसार ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य तक पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
इस अवसर पर रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार ने कम समय में वर्चुअल म्यूजियम विकसित करने के लिए एसआईडीएम और अन्य सभी हितधारकों को बधाई दी। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि यह म्यूजियम वीरता पुरस्कार पोर्टल के उद्देश्य को बढ़ावा देने में एक लंबा सफर तय करेगा, जो देश के बहादुरों के बलिदान एवं बहादुरी के कार्यों के बारे में युवाओं में जागरूकता बढ़ाने के लिए विकसित किया गया है। डॉ. अजय कुमार ने वीर गाथा परियोजना का विशेष उल्लेख किया, जो वीरता पुरस्कार पोर्टल तथा शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह 2022 के हिस्से के रूप में रक्षा मंत्रालय की पहलों में से एक है। देश भर के आठ लाख से अधिक छात्रों ने इस पहल में भाग लिया तथा निबंधों, कविताओं, रेखाचित्रों एवं मल्टीमीडिया प्रस्तुतियों के माध्यम से अपनी प्रेरणादायक कहानियों को साझा किया। उन्होंने कहा कि 25 छात्रों को विजेता घोषित किया गया और उन्हें जल्द ही गणतंत्र दिवस समारोह के हिस्से के रूप में सम्मानित किया जाएगा।
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार, थल सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल सी.पी. मोहंती और एसआईडीएम के अध्यक्ष श्री एस.पी. शुक्ला उन लोगों में शामिल थे, जिन्होंने इस कार्यक्रम में वर्चुअल तौर पर भाग लिया।
वर्चुअल म्यूजियम आगंतुकों को लॉगइन/स्वयं को पंजीकृत करने, एक विशेष वीरता पुरस्कार विजेता के संपूर्ण उपलब्ध डेटा के माध्यम से स्क्रॉल करने और एक वर्गीकृत तरीके से बहादुरों को श्रद्धांजलि अर्पित का अवसर प्रदान करता है। इसमें वीरता पुरस्कार विजेताओं की बहादुरी की कहानियों को दर्शाने वाला एक वॉर रूम भी शामिल है। प्रेरणादायक वीडियो और प्रदर्शनी उपकरण का संग्रह भी इस म्यूजियम का एक हिस्सा है। सेल्फी बूथ आगंतुकों को पोर्टल पर उपलब्ध विशाल पुस्तकालय से अपनी पसंद की पृष्ठभूमि छवि के साथ एक सेल्फी क्लिक करने का अवसर प्रदान करता है।
रक्षा मंत्रालय ने मातृभूमि की सेवा में सैनिकों के योगदान का सम्मान करने और उनकी कहानियों को नागरिकों तक पहुंचाने के लिए वीरता पुरस्कार पोर्टल की अवधारणा तैयार करके उसे विकसित किया था। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2017 में पुरस्कार विजेताओं की बहादुरी तथा बलिदान को मान्यता देने और उन्हें सम्मानित करने के लिए परियोजना का शुभारंभ किया था। नागरिकों को श्रद्धांजलियों और संकल्पों के रूप में अपनी देशभक्ति व्यक्त करने के साथ-साथ क्विज़ एवं कार्यक्रमों में भाग लेने की अनुमति सहित कई नई सुविधाओं के साथ पोर्टल के नए संस्करण को रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह द्वारा 2021 में शुरू किया गया था।
नया संस्करण पुरस्कार विजेताओं के परिवारों तथा दोस्तों को अपनी कहानियों को साझा करने में सक्षम बनाता है। यह पोर्टल पुरस्कार विजेताओं, लड़ाइयों और युद्धों की जानकारी का भंडार है। यह अनुसंधानकर्ताओं, शिक्षाविदों और आम जनता के लिए शिक्षा सामग्री का एक भंडार है।