कोहिमा में तीन दिवसीय अंतर्राष्‍ट्रीय पर्यटन मार्ट शुरू

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नागालैंड के मुख्‍यमंत्री श्री नेफियू रियो और पर्यटन राज्‍य मंत्री श्री अजय भट्ट ने कोहिमा में तीन दिवसीय अंतर्राष्‍ट्रीय पर्यटन मार्ट का उद्घाटन किया

पर्यटन मार्ट राष्‍ट्रीय और अंतर्राष्‍ट्रीय बाजार में पूर्वोत्‍तर क्षेत्र की पर्यटन संभावनाओं को विशिष्‍ट रूप से दर्शाने में सफल होगा : श्री नेफियू रियो

पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में सीमा पर्यटन और वन्‍यजीव पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं : श्री अजय भट्ट

मुख्‍य विशेषताएं :

  • अंतर्राष्‍ट्रीय पर्यटन मार्ट राष्‍ट्रीय और अंतर्राष्‍ट्रीय बाजारों में क्षेत्र की पर्यटन संभावनाओं को विशिष्‍ट रूप से दर्शाता है
  • प्रतिनिधमंडल में ‘एक भारत श्रेष्‍ठ भारत’ के अंतर्गत एक अध्‍ययन दौरे के भाग के तहत देश भर से आए विद्यार्थी शामिल हैं
  • पर्यटन के विविध पहलुओं और पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में विशिष्‍ट पर्यटन उत्‍पादों और उनकी संभावनाओं पर राज्‍य सरकारों की प्रस्‍तुति भी मार्ट का भाग होगी

नई दिल्ली :   नागालैंड के मुख्‍यमंत्री नेफियू रियो, पर्यटन एवं रक्षा राज्‍य मंत्री, भारत सरकार अजय भट्ट और विधायक एवं नागालैंड सरकार के पर्यटन सलाहकार एच खेहोवी येपुथोमी ने आज नागालैंड के कोहिमा में पूर्वोत्‍तर क्षेत्र के नौंवे अंतर्राष्‍ट्रीय पर्यटन मार्ट का संयुक्‍त रूप से उद्घाटन किया। इस तीन दिवसीय पर्यटन मार्ट के उद्घाटन के अवसर पर पर्यटन सचिव, भारत सरकार,  अरविंद सिंह, अतिरिक्‍त  महानिदेशक, पर्यटन, भारत सरकार रुपिंदर बराड़ तथा केंद्र सरकार और पूर्वोत्‍तर राज्‍य सरकारों के अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। इस आयोजन का उद्देश्‍य घरेलू और अंतर्राष्‍ट्रीय बाजारों में इस क्षेत्र की पर्यटन संभावनाओं को विशिष्‍ट रूप से दर्शाना है। इस अवसर पर नागालैंड पर कॉफी टेबल बुक भी जारी की गई। पर्यटन विभाग, नागालैंड सरकार और भारतीय व्‍यापार संवर्धन परिषद (टीपीसीआई) ने एसआईएचएम के संचालनों के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किये।

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इस अवसर अपने संबोधन में नागालैंड के मुख्यमंत्री श्री नेफियू रियो ने आशा व्यक्त की कि कोहिमा में आयोजित इस अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट से केवल नागालैंड में ही नहीं, बल्कि पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा देगा। उन्होंने यह भी आशा व्यक्त की कि पूर्वोत्तर क्षेत्र पर्यटन और व्यापार के लिए देश में पसंदीदा गंतव्य बन जाएगा। महामारी के कारण पर्यटन क्षेत्र परपड़े बहुत ज्‍यादा प्रभाव का उल्‍लेख करते हुए उन्‍होंने कोहिमा में इस पर्यटन मार्ट का आयोजन करने के लिए पर्यटन मंत्रालय का आभार प्रकट किया।

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अपने संबोधन में अजय भट्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने लाल किले से अपील की थी कि प्रत्‍येक व्‍यक्ति को पूर्वोत्‍तर क्षेत्र का दौरा करना चाहिए, जहां पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। उन्‍होंने कहा कि यहां के लोगों का सरल स्‍वभाव और मेजबानी अतुलनीय है, जिसे मैं स्‍वयं अनुभव कर रहा हूं। उन्‍होंने कहा कि पर्यटन और संस्‍कृति एक-दूसरे के पूरक हैं। यदि हमारी संस्‍कृति समृद्ध है, तो पर्यटन इस समृद्धि को जानने और समझने का सबसे बेहतरीन तरीका है। श्री भट्ट ने कहा कि इस पर्यटन मार्ट में हम घरेलू पर्यटन पर ज़ोर दे रहे हैं। पूर्वोत्‍तर क्षेत्र के लगभग 75 प्रतिशत विक्रेता और देश से लगभग 50 क्रेता इस मार्ट में भाग ले रहे हैं। उन्‍होंने कहा, “पर्यटकों के दृष्टिकोण से इस क्षेत्र के अनेक हिस्‍से आज भी अनछुए हैं। यहां सीमा पर्यटन और वन्‍यजीव पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं।”

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श्री भट्ट ने कहा कि इस साल देश के विभिन्न हिस्सोंके 50 विद्यार्थियों को इस आयोजन के माध्यम से पूर्वोत्तर भारत को जानने और समझने का अवसर मिला है। उन्‍होंने कहा कि मैं विभिन्न देशों के राजदूतों से भी कहना चाहता हूं कि वे अपने देश के पर्यटकों को भारत के इस क्षेत्र का दौरा करने के लिए प्रेरित करें। उन्‍होंने कहा कि भारत सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र में पर्यटन के विकास की दिशा में कई कदम उठा रही है। भारत सरकार ने पूर्वोत्तर राज्यों में आधारभूत ढांचा तैयार करने के लिए ‘स्वदेश दर्शन’ और ‘प्रसाद’ योजनाओं के तहत धनराशि मंजूर की है। ‘स्वदेश दर्शन’ योजना के तहत, पूर्वोत्तर क्षेत्र में 16 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। ये परियोजनाएं या तो पूरी हो चुकी हैं या पूरी होने की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने राज्य सरकारों से आजादी का अमृत महोत्सव उत्‍साहपूर्वक मनाने की अपील की।

इस अवसर पर अपने संबोधन में अरविंद सिंह ने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में यात्रा और टूर नेटवर्किंग का सबसे बड़ा आयोजन है। भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र का समृद्ध प्राकृतिक सौंदर्य, शांति और आकर्षक वनस्पतियां एवं जीव-जंतु पर्यटन विशेषकर पारिस्थितिक पर्यटन के विकास के लिए बहुमूल्य संसाधन हैं। पर्यटकों के ठहरने, उनके लिए भोजन, खरीदारी और मनोरंजन की सुविधाओं में जबरदस्त सुधार हो रहा है।” श्री सिंह ने कहा कि यात्रा और पर्यटन दुनिया के सबसे बड़े आर्थिक क्षेत्रों में से एक हैं, जो दुनिया भर में निर्यात और समृद्धि का सृजन कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि भारतीय पर्यटन क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के प्रमुख संचालकों में से एक के रूप में उभरा है। श्री अरविंद सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों को पूर्वोत्तर क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति और विरासत से परिचित कराने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया है, इसलिए आज के इस आयोजन में देश भर के विद्यार्थी भाग ले रहे हैं।

इस कार्यक्रम में अन्य गणमान्य व्यक्तियों और राजनयिकों के साथ ब्रुनेई दारुस्सलाम के उच्चायुक्त, मलेशिया के उच्चायुक्त,म्यांमार के एम्बेसडर एक्स्ट्राऑर्डिनरी, वियतनाम के राजदूत उपस्थित थे। भाग लेने वाले मंत्रालयों/सरकारी निकायों के अन्य उच्च पदा‍धिकारी भी इस आयोजन का हिस्सा रहेंगे। इस तीन दिवसीय आयोजन में सरकारी अधिकारियों, उद्योग हितधारकों और स्थानीय प्रतिभागियों सहित 300 से अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे। प्रधानमंत्री के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ दृष्टिकोण के अनुरूपएक अध्‍ययन दौरे के भाग के तहत देश भर से आए विद्यार्थी स्थानीय विद्यार्थियों के साथ बातचीत करेंगे और क्षेत्र की समृद्ध विरासत और संस्कृति को समझेंगे।

इनके अलावा, इस आयोजन में राज्य सरकारों की ओर से उनकी पर्यटन संभावनाओं पर प्रस्तुतियां और पूर्वोत्‍तर क्षेत्र के राज्य पर्यटन विभागों द्वाराभाग लेने वाले राज्यों के पर्यटन उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए एक प्रदर्शनी भी शामिल होंगी। पूर्वोत्तर क्षेत्र में पर्यटन और विशिष्‍ट पर्यटन उत्पादों के कई पहलुओं और उनकी क्षमताओं पर विभिन्न चर्चाएं भी इस आयोजन का हिस्सा रहेंगी।

प्रतिभागियों के अनुभव को और समृद्ध करने के लिए मंत्रालय ने किसामा हेरिटेज विलेज, किसामा वॉर म्यूजियम और मोरंग्स, खोनोमा विलेज और कोहिमा स्थित द्वितीय विश्व युद्ध के कब्रिस्तान का दौरा आयोजित किया है। आगंतुक प्रतिनिधिमंडल को नागालैंड के स्थानीय समुदाय, स्थानीय कला और संस्कृति तथा समृद्ध विरासत से परिचित कराया जाएगा।

अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट का आयोजन पूर्वोत्‍तर राज्यों में बारी-बारी किया जाता है। नागालैंड इस मार्ट की मेजबानी पहली बार कर रहा है। इस मार्ट के पिछले संस्करण गुवाहाटी (असम), तवांग (अरुणाचल प्रदेश), शिलांग (मेघालय), गंगटोक (सिक्किम), अगरतला (त्रिपुरा), और इंफाल (मणिपुर) में आयोजित किए जा चुके हैं।

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