नई दिल्ली : मुंबई के किला कोर्ट ने आज अवैध वसूली के एक मामले में पिछले लगभग छह माह से फरार पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह और रियाज भाटी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया . आई पी एस परमबीर सिंह के खिलाफ लगे कथित वसूली के आरोप की जाँच कभी उनके ही अधीन रही मुंबई क्राइम ब्रांच कर रही है. कभी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के चहेता रहे यह अधिकारी अब उनकी आंखों में खटक रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि बिपिन अग्रवाल नाम के एक व्यापारी ने मुंबई के गोरे गांव पुलिस स्टेशन में एक शिकायत कर एफआईआर दर्ज करवाई थी. उन्होंने पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह पर बार और रेस्तरां वालों से पैसों की वसूली करने का गंभीर व चौकाने वाला आरोप लगाया था. उक्त पुलिस अधिकारी तब और चर्चा में आया था जब एक निजी चैनल रिपब्लिक टी वी पर टी आर पी के लिए कथित फर्जीबाड़ा का आरोप लगाते हुए कारवाई करने की कोशिश की थी.
बताया जाता है कि नौ अक्टूबर को मुंबई क्राइम ब्रांच कि तरफ से उगाही मामले में पूछताछ के लिए परमबीर सिंह को समन भेजा गया था. पुलिस जांच में वो उपस्थित नहीं हुए और ना ही किसी तरह का लिखित जवाब ही दिया. मिडिया में इस बात को लेकर मुंबई पुलिस कि काफी आलोचना हो रही है कि आई पी एस होने के कारण उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
अब क्राइम ब्रांच ने कोर्ट का रुख किया. इस केस में सीनियर आई पी एस परमबीर सिंह समेत एंटीलिया कांड में गिरफ़्तार पुलिस अधिकारी सचिन वाजे और कुख्यात गिरोह छोटा शकील का गुर्गा रियाज भाटी भी आरोपी है. अग्रवाल के मुताबिक वाजे और दूसरे आरोपी मिलकर मुंबई के बार और रेस्तरां वालों से पैसों की वसूली करते थे और पैसे ना देने पर उनपर कार्रवाई का डर दिखाया जाता था.