नई दिल्ली। भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने आज पहले एमके भान फैलोशिप-यंग रिसर्चर फेलोशिप प्रोग्राम (एमकेबी-वाईआरएफपी) के परिणामों की घोषणा की। यह फैलोशिप प्रोग्राम प्रसिद्ध वैज्ञानिक और डीबीटी के पूर्व सचिव दिवंगत श्री एमके भान के सम्मान में स्थापित किया गया है।
इस फेलोशिप के लिए डीबीटी के ई-प्रोमिस पोर्टल के माध्यम से कुल 358 आवेदन प्राप्त हुए थे जिनमें से 50 शोधकर्ताओं का चयन किया गया।
विभाग ने एमके भान फैलोशिप-यंग रिसर्चर फेलोशिप प्रोग्राम (एमकेबी-वाईआरएफपी) की स्थापना 35 वर्ष से कम आयु के प्रतिभाशाली युवा शोधकर्ताओं को पीएचडी के बाद जीवन विज्ञान/जैव प्रौद्योगिकी/संबद्ध क्षेत्रों में देश में अपना शोध जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से की है।
यह योजना युवा पोस्ट-डॉक्टोरल शोध छात्रों को तीन साल के लिए एक स्वतंत्र शोध अनुदान प्रदान करती है ताकि वे भविष्य के नेतृत्व कर्ताओं के रूप में उभर सकें और राष्ट्रीय प्रासंगिकता के मुद्दों पर केंद्रित अत्याधुनिक शोध कर सकें। इस फैलोशिप के तहत अत्याधुनिक अनुसंधान करने के लिए एक उदार अनुसंधान/कंटिनजेंसी अनुदान के साथ 75,000 रुपये का मासिक परिलाभ दिया जाता है। यह फेलोशिप डीबीटी के तहत आने वाले स्वायत्त संस्थानों द्वारा मान्य है।
इस अवसर पर डीबीटी की सचिव, डॉ. रेणु स्वरूप ने कहा, “भारत में अपना शोध करने के लिए युवाओं के उत्साह को देखकर हमें बहुत खुशी हो रही है। यह यंग रिसर्चर फेलोशिप डीबीटी के पूर्व सचिव डॉ. एमके भान को श्रद्धांजलि है जिन्होंने भविष्य के युवा नेतृत्वकर्ताओं को लगातार प्रोत्साहन दिया और उनका मार्गदर्शन किया। मैं चयनित उम्मीदवारों को अपनी हार्दिक बधाई देती हूं और उन्हें उत्कृष्टता हासिल करते देखने के लिए उत्साहित हूं।”
परिणाम इस लिंक के जरिए देखे जा सकते हैं: https://dbtindia.gov.in/latest-announcement/mk-bhan-young-researcher-fellowship-program-2020-21-results