पौधों के पोषण के लिए प्रभावी व असरदार है नैनो यूरिया : राजेंद्र शर्मा

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– नैनो यूरिया उत्पादन बढ़ाने में सहायक
– पैदावार बढऩे के साथ उत्पाद की गुणवत्ता में होगा सुधार
– सामान्य यूरिया के एक बैग के बराबर 500 मिली लीटर की एक बोतल
– परीक्षण की कसौटी पर भी खरा उतरा नैनो यूरिया
– गुरुग्राम के फर्रुखनगर में पहुंची नैनो यूरिया की पहली खेप, जल्द ही जिला के अन्य उपमंडलो में भी होगी सप्लाई 

गुरुग्राम 4 जुलाई : इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) के नैनो यूरिया तरल की 240 यूनिट की पहली खेप गुरुग्राम में पहुंच चुकी है और आगामी सप्ताह में इसकी सप्लाई जिला के अन्य उपमंडलों में भी हो जाएगी।

इस बारे में जानकारी देते हुए इफको के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक राजेंद्र शर्मा ने बताया कि नैनो यूरिया तरल किसानों के लिए फसलों के उत्पादन के लिहाज से गेम चेंजर साबित होगा। इसके प्रयोग से जहां एक और किसानों के फसलों की उत्पादन क्षमता में रिकॉर्ड बढ़ोतरी होगी वहीं दूसरी ओर किसानों की आय भी बढ़ेगी।

उन्होंने बताया कि आधा लीटर ( 500 मि.ली) नैनो यूरिया की एक बोतल की कीमत 240/- रूपए निर्धारित की गई है, जो सामान्य यूरिया के एक बैग के मूल्य से 10 प्रतिशत कम है। उन्होंने कहा कि इफको का यह नया उत्पाद किसानों के लिए बहुत बड़ी सौगात है। नैनो यूरिया तरल (नैनो लिक्विड यूरिया) को पौधों के पोषण के लिए प्रभावी व असरदार पाया गया है। इसके प्रयोग से फसलों की पैदावार बढ़ती है तथा पोषक तत्वों की गुणवत्ता में सुधार होता है। नैनो यूरिया भूमिगत जल की गुणवत्ता सुधारने तथा जलवायु परिवर्तन व टिकाऊ उत्पादन पर सकारात्मक प्रभाव डालते हुए ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में अहम भूमिका निभाएगा।

उन्होंने कहा कि यूरिया तरल के प्रयोग से पौधों को संतुलित मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त होंगे और मिट्टी में यूरिया के अधिक प्रयोग में कमी आएगी। यूरिया के अधिक प्रयोग से पर्यावरण प्रदूषित होता है। मृदा स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है। पौधों में बीमारी और कीट का खतरा अधिक बढ़ जाता है। फसल देर से पकती है और उत्पादन कम होता है। साथ ही फसल की गुणवत्ता में भी कमी आती है। नैनो यूरिया तरल फसलों को मजबूत और स्वस्थ बनाता है तथा फसलों को गिरने से बचाता है ।

उन्होंने कहा कि इफको नैनो यूरिया किसानों के लिए सस्ता है और यह किसानों की आय बढ़ाने में प्रभावकारी होगा। इफको नैनो यूरिया तरल की 500 मि.ली. की एक बोतल सामान्य यूरिया के कम से कम एक बैग के बराबर होगी। इसके प्रयोग से किसानों की लागत कम होगी। नैनो यूरिया तरल का आकार छोटा होने के कारण इसे पॉकेट में भी रखा जा सकता है जिससे परिवहन और भंडारण लागत में भी काफी कमी आएगी ।

राजेंद्र शर्मा ने बताया कि इसकी प्रभावशीलता का परीक्षण करने के लिए पूरे भारत में 94 से अधिक फसलों पर लगभग 11,000 कृषि क्षेत्र परीक्षण (एफएफटी) किये गये थे। हाल ही में पूरे देश में 94 फसलों पर हुए परीक्षणों में फसलों की उपज में औसतन 8 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।

नैनो यूरिया के लाभ

1. नैनो यूरिया की 500 मिली की एक बोतल सामान्य यूरिया के कम से कम एक बैग (45 किलो) के बराबर काम करेगी।
2. इफको ने किसानों के लिए 500 मिली नैनो यूरिया की एक बोतल की कीमत ₨ 240/- निर्धारित की है, जो सामान्य यूरिया के एक बैग के मूल्य से 10 प्रतिशत कम है।
3. नैनो तरल यूरिया का पूरे देश में 94 से अधिक फसलों पर लगभग 11,000 कृषि क्षेत्र परीक्षण (एफएफटी) किया गया परीक्षण।
4. इफको के मुताबिक नैनो तरल यूरिया का जिन 94 फसलों पर टेस्टिंग हुई उनकी उपज में औसतन 8 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।
5. नैनो यूरिया का विकास ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘आत्मनिर्भर कृषि’ की तर्ज पर स्वदेशी और प्रोपाइटरी तकनीक के माध्यम से गुजरात के कलोल स्थित इफको नैनो जैवप्रौद्योगिकी अनुसंधान केन्द्र (एनबीआरसी) में किया गया है।
6. मिट्टी में यूरिया के प्रयोग में कमी लाने की कोशिशों को मुकाम देगा ये नैनो यूरिया
7. पोषक तत्वों के बेहतर उपयोग तथा मृदा, जल व वायु प्रदूषण को कम करने में सक्षम होने के कारण यह पौधों के पोषण के लिए एक टिकाऊ समाधान है।
8. भूमिगत जल की गुणवत्ता सुधारने तथा जलवायु परिवर्तन के दिशा में भी कारगर
9. इफको ने दावा किया है कि इसके परीक्षण के जिन 94 फसलों पर इस्तेमाल किया गया उनकी गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
10. सामान्य यूरिया के मुताबले सस्ती होने से किसानों की लागत घटेगी और आमदनी बढ़ेगी, साथ ही लाने-ले- लाने (परिवहन और भंडारण) खर्च कम होगा।

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