नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 217 की धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए बंबई उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति अविनाश गुणवंत घरोटे, नितिन भगवंतराव सूर्यवंशी, अनिल सत्यविजय किलोर, मिलिंद नरेन्द्र जाधव, मुकुंद गोविंदराव सेवलिकर, वीरेंद्रसिंह ज्ञानसिंह बिष्ट, देवद्वार भालचंद्र उग्रसेन, मुकुलिका श्रीकांत जावलकर, सुरेन्द्र पंढरीनाथ तावड़े और नितिन रुद्रसेन बोरकर को पदोन्नति देकर बंबई उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया है। इस संबंध में विधि एवं न्याय मंत्रालय के न्याय विभाग द्वारा आज एक अधिसूचना जारी की गई।
न्यायमूर्ति अविनाश गुणवंत घरोटे, बीएससी, एलएलबी को 23.10.1986 को अधिवक्ता के रूप में नामांकित किया गया था। उन्होंने बंबई उच्च न्यायालय के नागपुर पीठ में दीवानी, मध्यस्थता, संवैधानिक एवं फौजदारी मामलों में प्रैक्टिस की है। उन्हें दीवानी एवं मध्यस्थता कानूनों में विशेषज्ञता प्राप्त है। उन्हें 23.08.2019 को अगले 2 साल की अवधि के लिए बंबई उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल 22.08.2021 को समाप्त होगा।
न्यायमूर्ति नितिन भगवंतराव सूर्यवंशी, बीएसएल, एलएलबी को 05.08.1988 को अधिवक्ता के रूप में नामांकित किया गया था। उन्होंने दीवानी, फौजदारी, संवैधानिक, श्रम, सेवा आदि मामलों में बंबई उच्च न्यायालय के औरंगाबाद पीठ में प्रैक्टिस की है। उन्हें फौजदारी और संवैधानिक कानूनों में विशेषज्ञता प्राप्त है। उन्हें 23.08.2019 को 2 साल की अवधि के लिए बंबई उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल 22.08.2021 को समाप्त होगा।
न्यायमूर्ति अनिल सत्यविजय किलोर, बीकॉम, एलएलबी को 25.06.1992 को अधिवक्ता के रूप में नामांकित किया गया था। उन्होंने दीवानी, फौजदारी, संवैधानिक, श्रम और सेवा मामलों में बंबई उच्च न्यायालय के नागपुर पीठ में प्रैक्टिस की है। उन्हें संवैधानिक और सेवा कानूनों में विशेषज्ञता प्राप्त है। उन्होंने 2000 से 2005 तक नागपुर पीठ में सहायक सरकारी अधिवक्ता और अतिरिक्त लोक अभियोजक, उच्च न्यायालय के रूप में कार्य किया। उन्हें 23.08.2019 को अगले 2 साल की अवधि के लिए बंबई उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल 22.08.2021 को समाप्त होगा।
न्यायमूर्ति मिलिंद नरेन्द्र जाधव, बीएससी, एलएलएम को 10.02.1998 को अधिवक्ता के रूप में नामांकित किया गया था। उन्होंने दीवानी, संवैधानिक और भूमि मामलों में सर्वोच्च न्यायालय, बंबई उच्च न्यायालय और बंबई में अधीनस्थ न्यायालयों/ न्यायाधिकरणों में प्रैक्टिस की है। उन्हें भूमि अधिग्रहण, रिट याचिका एवं भू-राजस्व और नगर नियोजन मामलों में विशेषज्ञता प्राप्त है। उन्हें 23.08.2019 को अगले 2 साल की अवधि के लिए बंबई उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल 22.08.2021 को समाप्त होगा।
न्यायमूर्ति मुकुंद गोविंदराव सेवलिकर, बीकॉम, एलएलबी का जन्म 21.09.1960 को हुआ था और अधिवक्ता के तौर पर उनका नामांकन 03.09.1984 को किया था। वह 10.10.1990 को न्यायिक सेवा में शामिल हुए। उन्होंने महाराष्ट्र राज्य के विभिन्न न्यायालयों में न्यायिक अधिकारी के रूप में कार्य किया है। उन्हें 05.12.2019 को अगले 2 साल की अवधि के लिए बंबई उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल 04.12.2021 को समाप्त होगा।
न्यायमूर्ति वीरेंद्रसिंह ज्ञानसिंह बिष्ट, बीएससी, एलएलबी, एमआईआरपीएम (मास्टर ऑफ इंडस्ट्रियल रिलेशन एंड पर्सनल मैनेजमेंट) को 29.11.1985 को अधिवक्ता के रूप में नामांकित किया गया था। वह 10.08.1990 को न्यायिक सेवा में शामिल हुए थे। उन्होंने महाराष्ट्र राज्य के विभिन्न न्यायालयों में न्यायिक अधिकारी के रूप में कार्य किया है। उन्हें 05.12.2019 को अगले 2 साल की अवधि के लिए बंबई उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल 04.12.2021 को समाप्त होगा।
न्यायमूर्ति देवद्वार भालचंद्र उग्रसेन, बीकॉम, एलएलबी को 03.07.1985 को अधिवक्ता के रूप में नामांकन किया था। वह 21.05.1992 को न्यायिक सेवा में शामिल हुए थे। उन्होंने महाराष्ट्र राज्य के विभिन्न न्यायालयों में न्यायिक अधिकारी के रूप में कार्य किया है। उन्हें 05.12.2019 को बंबई उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल 16 जून, 2021 यानी उनकी सेवानिवृत्ति तिथि को समाप्त होगा।
न्यायमूर्ति मुकुलिका श्रीकांत जावलकर, एमकॉम, एलएलबी एवं एलएलएम को 21.09.1989 को अधिवक्ता के रूप में नामांकित किया गया था। वह 02.05.2008 को न्यायिक सेवा में शामिल हुई थीं। उन्होंने महाराष्ट्र राज्य की विभिन्न अदालतों में न्यायिक अधिकारी के रूप में कार्य किया है। उन्हें 05.12.2019 को अगले 2 साल की अवधि के लिए बंबई उच्च न्यायालय की अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल 04.12.2021 को समाप्त होगा।
न्यायमूर्ति सुरेन्द्र पंढरीनाथ तावड़े, बीकॉम, एलएलबी का अधिवक्ता के तौर पर नामांकन 12.07.1984 को हुआ था। वह 03.09.1990 को न्यायिक सेवा में शामिल हुए थे। उन्होंने महाराष्ट्र राज्य की विभिन्न अदालतों में न्यायिक अधिकारी के रूप में और रजिस्ट्रार, मूल पक्ष, निरीक्षण-I और बंबई उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल के रूप में कार्य किया है। उन्हें 05.12.2019 को अगले 2 साल की अवधि के लिए बंबई उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल 04.12.2021 को समाप्त होगा।
न्यायमूर्ति नितिन रुद्रसेन बोरकर, एलएलबी को 08.08.1995 को अधिवक्ता के रूप में नामांकित किया गया था। वह 02.05.2008 को न्यायिक सेवा में शामिल हुए थे। उन्होंने महाराष्ट्र राज्य के विभिन्न न्यायालयों में न्यायिक अधिकारी के रूप में कार्य किया है। उन्हें 05.12.2019 को अगले 2 साल की अवधि के लिए बंबई उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल 04.12.2021 को समाप्त होगा।