गुरुग्राम : कोरोना महामारी के कारण बेसहारा हुए बच्चों के लिए बाल कल्याण समिति ने मदद का हाथ बढ़ाया है. इसके लिए चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 भी जारी किया गया है जिसके माध्यम से ऐसे अनाथ बच्चों की जानकारी जिला बाल संरक्षण अधिकारी, बाल कल्याण समिति गुरुग्राम को दी जा सकती है। समिति की ओर से ऐसे बच्चों को पंजीकृत बाल देख रेख संस्थान में रखा जाता है जहाँ उनका पूरा खर्च 23 वर्ष तक वहन करने का प्रावधान है.
यह जानकारी जिला बाल कल्याण अधिकारी, गुरुग्राम, रितु रानी ने दी। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण गुरुग्राम जिले में अगर कोई बच्चा अनाथ हो गया हो या उसे किसी मदद की आवश्यकता हो तो इसकी सूचना हेल्पलाइन नंबर पर या फिर उनके कार्यालय में दी जा सकती है. इसके अलावा गुरुग्राम पुलिस को भी इस संबंध में सूचित किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि मुसीबत में फंसे बच्चों की सहायता के लिए गुरुग्राम जिले में चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है. यह हेल्पलाइन 24 घंटे पूरे सप्ताह उपलब्ध है जो बेसहारा बच्चों की मदद के लिए है.
जिला बाल कल्याण अधिकारी ने बताया कि बिना किसी कानूनी औपचारिकता के बेसहारा बच्चों को अपने घर पर रखना गैरकानूनी है। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के समय मासूम बच्चों की फोटो शेयर कर नागरिकों की भावनाओं से खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एनसीआर व आसपास के क्षेत्रों में कुछ लोग बाल तस्करी के अवैध धंधे में संलिप्त हैं जो ऐसे बच्चों को निसंतान दंपति के हाथों बेचने की गैर कानूनी कोशिश करते हैं। कई बार कुछ असामाजिक तत्व बेसहारा बच्चों की मदद करने के नाम पर भी आर्थिक सहयोग मांगते हैं जबकि उन्हें ऐसा करने का अधिकार नहीं है.
उन्होंने लोगों को यह कहते हुए चेताया कि ऐसे पोस्ट व इस प्रकार के लोगों के गैरकानूनी सन्देश से सावधान रहने की आवश्यकता है तथा किसी के झांसे में आने से लोगों को बचना चाहिए।
जिला बाल कल्याण अधिकारी रितु रानी ने कहा कि जिला बाल संरक्षण कार्यालय बच्चों की सहायता के लिए है. कोई बच्चा अगर संकट में है या शारीरिक व मानसिक रूप से पीड़ित है तो इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर डालने की बजाय जिला बाल संरक्षण अधिकारी गुरुग्राम को देनी चाहिए।