गुरुग्राम जिला प्रशासन व स्वस्ति नामक एनजीओ मिलकर शुरू कर रहे हैं यह नई पहल
गुरुग्राम 7 मई। ‘कोरोनावायरस से सतर्क रहें, घबराए नहीं’। व्यक्ति की सोच और मानसिक स्थिति का उसके स्वस्थ होने में बड़ा योगदान होता है। गुरुग्राम जिला प्रशासन द्वारा बार- बार यह आग्रह किया जा रहा है कि कोरोनावायरस से हमें डरना नहीं है बल्कि इससे बचाव को लेकर आवश्यक सावधानियां बरतनी है। यदि फिर भी संक्रमित हो गए तो मानसिक स्थिति मजबूत रखते हुए चिकित्सकों के परामर्श से दवा इत्यादि लेकर कोरोना को मात देनी है। कोरोना संक्रमित मरीजों में भय की स्थिति उत्पन्न ना हो, इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा स्वस्ति नामक स्वयंसेवी संस्था के साथ मिलकर एक नई पहल की शुरुआत की जा रही है। इस अनूठी पहल के तहत मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट्स कोरोना संक्रमित मरीजों की काउंसलिंग करेंगे ताकि वे घबराए नहीं और उनका मानसिक संतुलन बना रहे, वे जल्द स्वस्थ हो जाएं। इस नई सुविधा का लाभ लेने के लिए हेल्पलाइन नंबर 1950 पर संपर्क करें।
उपायुक्त डॉ यश गर्ग ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कोरोना संक्रमित मरीजों के ठीक होने में उनकी मनोस्थिति का मजबूत होना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोरोना संक्रमण को लेकर कई प्रकार की अफवाहें विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर चल रही है जिससे व्यक्ति में डर की स्थिति उत्पन्न होना स्वाभाविक है। ईलाज के लिए मरीज के पास सही जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है। यदि मरीज इस दौरान घबरा जाए तो उसका स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन तथा स्वस्ति नामक एनजीओ ने संयुक्त रूप से मेंटल हेल्थ विशेषज्ञों की टीम तैयार की है। इस हेल्पलाइन नंबर पर फोन करके व्यक्ति विशेषज्ञों की टीम से जुड़ सकता है और कोरोना संक्रमण संबंधी अपने संशयो को दूर कर सकता है। यह नई सुविधा सोमवार 10 मई से शुरू हो रही है। कोरोना संक्रमित मरीज काउंसलिंग के लिए कोविड हेल्पलाइन नंबर 1950 के माध्यम से इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
इतना ही नहीं , इस हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से रोजाना लोगों की कोरोनावायरस संबंधी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। इस दौरान लोगों को कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है ताकि वे संक्रमण की चैन को तोड़ने में जिला प्रशासन का सहयोग कर सकें। लोगों को उनके नजदीकी टीकाकरण कैंप के बारे में भी डीसी गुरुग्राम के ट्विटर हैंडल, फेसबुक तथा अन्य सोशल मीडिया माध्यमों से जानकारी दी जा रही है। इसके साथ-साथ होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को भी उचित डॉक्टरी परामर्श दिया जाता है ताकि वे जल्दी से रिकवर कर सकें।