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- ‘जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई‘ नहीं का दिया जा रहा है संदेश
- व्यापक प्रचार प्रसार के साथ आमजन को जोड़ा जा रहा है जन आंदोलन से
- जिम्मेदार बनकर कोविड-19 जन आंदोलन में भागीदार बनने को किया जा रहा प्रेरित
- गुरुग्राम, 6 मई। कोरोना वैश्विक महामारी के प्रति समय-समय पर जारी हिदायतों व नियमों की पालना करके हम सबको अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वहन करना चाहिए। इस प्रकार अपनी जिम्मेदारी की पालना करके कोविड-19 जन आंदोलन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकते है। जब तक देश, प्रदेश और जिले का एक-एक नागरिक कोविड-19 के प्रति पूरी तरह जागरुक होकर इस लड़ाई में साथ नहीं देगा तब तक इस वायरस की चैन को तोड़ा नहीं जा सकता है, इसलिए प्रत्येक नागरिक को स्वयं को जागरुक रखने के साथ-साथ अन्य लोगों को भी कोविड-19 के प्रति जागरुक करना होगा।
सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के संयुक्त निदेशक एवं जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी ने कहा कि विभाग के महानिदेशक अमित अग्रवाल के दिशा-निर्देशानुसार व उपायुक्त डा यश गर्ग के मार्गदर्शन में पूरे जिले में कोरोना के प्रति आमजन को निरंतर जागरुक किया जा रहा है। कोरोना वैश्विक महामारी से बचाव के लिए प्रिंट, इलेक्ट्रोनिक व सोशल मीडिया जैसे साधनों का प्रयोग किया जा रहा है। विभाग के जागरूकता वाहन द्वारा शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में जाकर आमजन को कोरोना के लक्षणों व इससे बचने के उपाय, सोशल डिस्टेसिंग, मास्क पहनना, हाथों को बार-बार साबुन से धोना इत्यादि बारे जानकारी दी जा रही है।
सरकार द्वारा कोविड-19 से बचाव के उपाय बारे जिला में सार्वजनिक स्थानों पर होर्डिंग्ज के माध्यम से भी कोरोना वायरस के प्रति जानकारी प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 जन आंदोलन के तहत स्वास्थ्य सुरक्षा के दृष्टिगत आमजन को जागरूक करते हुए कोरोना से बचाव का संदेश दिया जा रहा है। सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग हरियाणा की ओर से राष्ट्रव्यापी कोविड-19 जन आंदोलन में व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है।
कोरोना वैश्विक महामारी से निपटने के लिए जन सम्पर्क विभाग पूरी तरह से सजग है और लोगों को निर्धारित नियमों की पालना सुनिश्चित करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रिंट, इलेक्ट्रोनिक व सोशल मीडिया सहित जागरूकता वाहन के माध्यम से शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को सचेत किया जा रहा है और संदेश दिया रहा है कि जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं जैसे नियमों की पालना कर कोरोना की चैन को तोड़ने में सहभागी बने।