नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग की नंदीग्राम दुर्घटना, जिसमें 10 मार्च, 2021 को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी घायल हो गई थीं, पर पश्चिम बंगाल सरकार के मुख्य सचिव द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट और विशेष सामान्य पर्यवेक्षक अजय नायक और विशेष पुलिस पर्यवेक्षक विवेक दुबे द्वारा प्रस्तुत संयुक्त रिपोर्ट पर चर्चा करने के लिए बैठक हुई।
मुख्य सचिव की रिपोर्ट तथा पूर्व मेदिनीपुर के डीएम, एसपी और 210 नंदीग्राम विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के पीठासीन अधिकारी की रिपोर्टों के अनुलग्नकों पर आधारित विशेष पर्यवेक्षकों और तथ्यों तथा घटना की परिस्थितियों के अन्य इनपुट के दस्तावेजों के अवलोकन के बाद आयोग ने निम्नलिखित निर्णय किया :
1. सुरक्षा निदेशक विवेक सहाय, आईपीएस को सुरक्षा निदेशक के पद से हटा दिया जाएगा और उन्हें तुरंत निलंबित कर दिया जाए। ज़ेड + प्रोटेक्टी की सुरक्षा के लिए सुरक्षा निदेशक के रूप में अपने प्राथमिक कर्तव्य के निर्वहन में पूरी तरह विफल रहने पर एक सप्ताह के भीतर अनिवार्य रूप से उनके खिलाफ आरोप तय किए जाने चाहिए।
2. डीजीपी के परामर्श से मुख्य सचिव वर्तमान कार्यवाही का अनुसरण करते हुए तत्काल उपयुक्त सुरक्षा निदेशक नियुक्त करने के लिए अधिकृत हैं। नियुक्ति आदेश 15 मार्च, 2021 को अधिक से अधिक 1300 बजे तक आयोग को प्रेषित किया जाए।
3. मुख्य सचिव तथा डीजीपी की एक समिति अगले तीन दिनों के भीतर सुरक्षा निदेशक, जो दुर्घटना को रोकने तथा जेड + प्रोटेक्टी वीवीआईपी की सुरक्षा करने में अपने कर्तव्यों के निर्वहन में विफल रहे, से जुड़े अन्य निकटस्थ सुरक्षाकर्मियों की पहचान करेगी तथा 17 मार्च, 2021 को 1700 बजे तक आयोग को सूचना देने के तहत उनकी विफलता के लिए उपयुक्त कदम उठाएगी।
4. स्मिता पांडे आईएएस: 2005 की तत्काल विभू गोयल आईएएस, जिन्हें गैर-चुनाव पद पर स्थानांतरित किया जाएगा, के स्थान पर पूर्व मेदिनीपुर के डीएम तथा डीईओ के रूप में तैनाती की जाए।
5. पूर्व मेदिनीपुर के एसपी प्रवीण प्रकाश, आईपीएस को भी तुरंत निलंबित कर दिया जाएगा और उनके विरूद्ध बंदोबस्त की बड़ी विफलता के लिए आरोप तय किए जाएंगे।
6. सुनील कुमार यादव, आईपीएस: 2009 की प्रवीण प्रकाश, आईपीएस के स्थान पर तत्काल पूर्व मेदिनीपुर के एसपी के रूप में तैनाती की जाए।
7. मुख्य सचिव यह सुनिश्चित करेंगे कि नंदीग्राम पीएस केस संख्या 97/21 की जांच दिनांक 11-03-2021 तक पूरी हो जाए और अगले 15 दिनों में कानून के अनुसार अनुवर्ती कार्रवाई की जाए। इस संबंध में 31 मार्च, 2021 तक आयोग को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
आयोग ने यह भी निर्देश दिया कि बड़ी भीड़ों के साथ संभावित निकटता के कारण अतिरिक्त रूप से महत्वपूर्ण हो जाने की वजह से चुनाव अवधि के दौरान स्टार प्रचारकों की सुरक्षा और अधिक संवेदनशील हो जाती है और ऐसी किसी घटना का राज्य भर में कानून एवं व्यवस्था पर संवेदनशील प्रभाव पड़ता है, अग्रिम रूप से विस्तृत कार्यक्रम सहित स्थापित एसओपी, रैली या रोड शो आयोजित करने के लिए आवश्यक अनुमति, तैनाती, बुलेट प्रूफ वाहनों का उपयोग, प्रोटेक्टी की सिक्योरिटी कैटेगरी के अनुरूप अगर आवश्यक हो, पूर्व निर्धारित मार्गों पर तैनाती, मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों आदि का अनुसरण निष्ठापूर्वक किया जाना चाहिए। अनुमोदित कार्यक्रम में किसी भी बदलाव की अनुमति केवल आवश्यक मंजूरी के बाद दी जानी चाहिए।
उपरोक्त के संबंध में, आयोग ने वैसे सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों, जहां चुनाव निर्धारित हैं, के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को अलग से निर्देश जारी करने का भी निर्णय लिया, ताकि मौजूदा नियमों/दिशानिर्देशों/एसओपी के अनुसार सुरक्षा की श्रेणी तथा स्थानीय खतरा आकलन के अनुरूप स्टार प्रचारकों की सुरक्षा के सख्त अनुपालन के लिए इसे सभी राजनीतिक दलों/उम्मीदवारों के संज्ञान में लाया जा सके।
इसके अतिरिक्त, भारत निर्वाचन आयोग ने पंजाब के पूर्व डीजीपी, इंटेलिजेंस अनिल कुमार शर्मा (सेवानिवृत्त आईपीएस 1984 पंजाब कैडर) को पश्चिम बंगाल के विधानसभा के आम चुनाव के लिए विशेष पुलिस पर्यवेक्षक के रूप में तैनात किया है। विशेष पुलिस पर्यवेक्षक के रूप में ए.के. शर्मा, विवेक दुबे जो पश्चिम बंगाल में चुनाव संचालन के पर्यवेक्षक हैं, के अतिरिक्त दूसरे विशेष पुलिस पर्यवेक्षक होंगे।