केवल ईंधन लागत में सालाना 1 लाख रुपये से अधिक की बचत कर सकेंगे किसान
नई दिल्ली : केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार लागत को कम करके किसानों की आय बढ़ाने और ग्रामीण भारत में रोजगार के अवसर पैदा करने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने आज यहां केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, पुरुषोत्तम रुपाला और जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ. वीके सिंह की उपस्थिति में सीएनजी में परिवर्तित भारत के पहले डीजल ट्रैक्टर को लॉन्च किया। इस दौरान श्री गडकरी ने कहा कि किसान के लिए इसका सबसे महत्वपूर्ण फायदा यह होगा कि वे केवल ईंधन लागत में सालाना 1 लाख रुपये से अधिक की बचत कर सकेंगे जिससे उन्हें अपनी आजीविका को बेहतर करने में मदद मिलेगी।
मंत्री ने कहा कि सीएनजी एक स्वच्छ ईंधन है क्योंकि इसमें कार्बन एवं अन्य प्रदूषक सामग्री की मात्रा सबसे कम होती है। यह किफायती है क्योंकि इसमें सीसे की मात्रा शून्य है। यह गैर-संक्षारक, गैर-तनु और गैर-दूषित है जो इंजन के जीवनकाल को बढ़ाने में मदद करता है। इसके लिए नियमित रखरखाव की कम आवश्यकता होती है। यह सस्ता है क्योंकि पेट्रोल की कीमतों में उतार-चढ़ाव की तुलना में सीएनजी की कीमतें कहीं अधिक स्थिर रहती हैं। साथ ही डीजल/ पेट्रोल से चलने वाले वाहनों के मुकाबले सीएनजी वाहनों का औसत माइलेज भी बेहतर होता है। यह कहीं अधिक सुरक्षित है क्योंकि सीएनजी टैंक एक सील के साथ आते हैं जो ईंधन भरने या छलकने की स्थिति में विस्फोट की संभावना को कम करता है।
श्री गडकरी ने कहा कि यह वेस्ट टू वेल्थ यानी कचरे से धन बनाने के अभियान का भी हिस्सा है क्योंकि पराली का उपयोग जैव-सीएनजी के उत्पादन के लिए कच्चे माल के रूप में किया जा सकता है। इससे किसानों को अधिक कमाई करने में मदद मिलेगी। जब उनसे पूछा गया कि सीएनजी से चलने वाले ट्रैक्टर भारत में कब उपलब्ध होंगे तो मंत्री ने कहा कि डीजल परिवर्तित सीएनजी ट्रैक्टर बनाने का काम रॉमैट टेक्नो सॉल्यूशंस और टोमासेटो अचीले इंडिया द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है। फिलहाल यह प्रायोगिक स्तर की पायलट परियोजना है और इसे उचित समय पर बाजार में उपलब्ध कराया जाएगा।
केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता देश है लेकिन यहां प्रति व्यक्ति खपत वैश्विक औसत का महज एक तिहाई है। उन्होंने कहा कि देश में ऊर्जा की खपत बढ़ने वाली है और अक्षय ऊर्जा के स्रोत इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। अगले कुछ वर्षों में पीएनजी और सीएनजी की आपूर्ति 85 से 90 प्रतिशत आबादी तक पहुंच जाएगी। श्री प्रधान ने कहा कि स्वच्छ स्रोतों पर आधारित एक वैकल्पिक ऊर्जा मॉडल विकसित हो रहा है और इससे देश को प्रदूषण में कमी के लिए सीओपी 21 के लिए अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि एसएटीएटी कार्यक्रम के तहत 5,000 सीबीजी संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। खेतों, जंगलों और शहरों से लगभग 60 करोड़ मीट्रिक टन बायोमास उपलब्ध होने का अनुमान है। कचरे को धन में बदलने से न केवल किसानों के लिए अतिरिक्त आय सुनिश्चित होगी और उन्हें सशक्त बनाया जा सकेगा बल्कि प्रदूषण को कम करने, स्वास्थ्य परिणामों में सुधार लाने और शहरों को स्वच्छ बनाने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने आश्वस्त किया कि खुदरा ऑउलेट्स को सीबीजी की बिक्री करने की अनुमति देने के लिए जल्द ही एक निर्णय लिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि पेट्रोल में 8.5 प्रतिशत एथनॉल ब्लेंडिंग को हासिल किया गया है और जल्द ही भारत एथनॉल ब्लेंडिंग के मोर्चे पर शीर्ष देश बन जाएगा।