हैदराबाद। भारतीय जनता पार्टी को बिहार में बड़ी जीत मिलने के बाद लगे हाथों दूसरी चौंकाने वाली जीत अब हैदराबाद में मिलने के आसार हैं हैदराबाद नगर निगम चुनाव की गिनती सुबह 8:00 बजे शुरू हो चुकी है और अब तक के चुनावी रुझान के अनुसार भारतीय जनता पार्टी सर्वाधिक 88 सीटों पर आगे चल रही है जबकि दूसरे नंबर पर टीआरएफ 34 सीटों पर और तीसरे नंबर पर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ए आई एम आई एम 17 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं।
पिछले लगभग 3:15 घंटे की मतगणना के बाद आए इस रुझान से स्पष्ट हो रहा है कि भारतीय जनता पार्टी अब तेलंगाना में भी अपना पैर मजबूती से पसार चुकी है और असदुद्दीन ओवैसी का साम्राज्य हैदराबाद में समाप्ति की ओर है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि अगर रुझान के अनुसार आगे भी स्थिति यही बनी रही तो भारतीय जनता पार्टी का मेयर हैदराबाद नगर निगम ने चुना जाना लगभग तय है। इससे जाहिर होता है कि भाजपा के बड़े नेताओं का हैदराबाद में चुनाव प्रचार करना सफल फार्मूला साबित हुआ ।
उल्लेखनीय है कि चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और यहां तक कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी पहुंचे थे। उनकी रोड शो में उमड़ी भीड़ से ही यह संभावना दिखने लगी थी कि हैदराबाद में हरा रंग मुरझाने वाला है और भगवा रंग लहराने वाला है।
हालांकि मतगणना के इस प्रारंभिक रुझान से टीआरएस जो सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही है को अभी भी इस बात का भरोसा है कि चुनाव परिणाम बदल सकते हैं जबकि एआईएमआईएम के नेता अपनी पिछली 44 सीटों को बरकरार रखने का दावा लगातार ठोक रहे हैं। लेकिन मतगणना के रुझान यहां इतिहास बदलने का संकेत दे रहे हैं।
बताया जाता है कि हैदराबाद की जनता टीआरएस और असदुद्दीन ओवैसी के गठजोड़ बाली राजनीति से आजिज आ चुकी है। इसमें आग में घी का काम किया पिछले महीनों में आई बाढ़ की विभीषिका ने जिसने हैदराबाद में सरकारी इंतजामों की पोल खोल कर रख दी। वहां हालात इतने बदतर दिखे कि सरकारी तंत्र पूरी तरह निस्सहाय था और लोग अपनी किस्मत पर जीने को मजबूर दिखे।
पानी के बहाव में एक बच्ची की मौत सीवर में वह कर हो गई थी जो वहां की जनता को झकझोर ने वाली घटना बनी जबकि शहरों की गलियों में नाव से लोगों को बचाने का दृश्य चिंता पैदा करने वाला रहा।
भारतीय जनता पार्टी का नेतृत्व लंबे समय से तेलंगाना में अपना पैर पसारने की कोशिश में लगे हुए थे लेकिन उन्हें ऐसे मुद्दे हाथ लगने के बाद सुनाने का सबसे शफीक मौका हैदराबाद नगर निगम चुनाव लगा जिसका बखूबी शीर्ष नेतृत्व ने फायदा उठाया।
गर्म लोहे पर चोट मारना और अपने अनुरूप उसका आकार बना लेना वास्तव में अगर सीखे तो कोई भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व से। इस कहावत को भाजपा ने पूरी तरह हैदराबाद नगर निगम चुनाव में चरितार्थ कर दिखाया और राजनीतिक सूझबूझ का पूरा परिचय दिया।