नई दिल्ली : जीएसटी आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) गुरुग्राम जोनल यूनिट (जीजेडयू), हरियाणा ने नई दिल्ली निवासी मो. शमशाद सैफी को फर्जी दस्तावेजों पर फर्जी कंपनी बनाने एवं उसका संचालन करने और फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट जारी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। मो. सैफी बिना किसी वास्तविक रसीद या माल या सेवाओं की आपूर्ति के चालान जारी करता था।
अब तक की गई जांच से यह स्पष्ट होता है कि मोहम्मद सैफी ने नई दिल्ली में मेसर्स टेक्नो इलेक्ट्रिकल और मेसर्स लता सेल्स के नाम से दो कंपनियां एक ऐसे व्यक्ति के जाली दस्तावेजों के आधार पर बनाई है जो ना तो उस पते रहता है और ना ही इन कंपनियों से उसका कोई संबंध है। मेसर्स टेक्नो ने मेसर्स लता सेल्स को 98.09 करोड़ रुपये की फर्जी आईटीसी जारी की जिसने विभिन्न गैर-विद्यमान कंपनियों को 69.59 करोड़ रुपये की और नकली आईटीसी तैयार की।
मोहम्मद शमशाद सैफी नई दिल्ली में ऐसी ही चार और फर्जी गैर-विद्यमान कंपनियों मैसर्स गैलेक्सी एंटरप्राइजेज, मेसर्स मून, मेसर्स सिद्धार्थ एंटरप्राइजेज और मेसर्स सन एंटरप्राइजेज के निर्माण के लिए भी जिम्मेदार है। यह पता चला है कि उपरोक्त सभी कंपनियों ने माल की वास्तविक आपूर्ति के बिना ही चालान की आपूर्ति की है।
इस मामले को लेकर दिल्ली में कई स्थानों पर जांच पड़ताल की गई और दस्तावेजी साक्ष्य तथा दर्ज किए गए बयान के आधार परयह पता लगाया गया कि मोहम्मद सैफी जाली दस्तावेजों पर फर्जी कंपनी बनाने के इस रैकेट को संचालित करने वाले एक प्रमुख व्यक्ति है। तदनुसार, मोहम्मद सैफी को आज गिरफ्तार किया गया और उसे अपर सीजेएम, गुरुग्राम के समक्ष पेश किया गया जहां इसे न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया गया। इस प्रकार आरोपी द्वारा 190 करोड़ रुपये से अधिक की नकली आईटीसी जारी की गई।
मामले में आगे की जांच चल रही है।