नई दिल्ली। कोविड-19 की मौजूदा स्थिति की वजह से देश में मेडिकल ऑक्सीजन (एमओ) की मांग बढ़ी है, ऐसे में इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करना बहुत महत्वपूर्ण हो गया है।कई राज्य और केन्द्रशासित प्रदेश इसके लिए अन्य राज्यों और केन्द्रशासित प्रदशों पर निर्भर हो गए हैं।
केन्द्र सरकार कोविड के इस समय में मेडिकल ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है। मेडिकल ऑक्सिजन आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूचि एनएलईएम में शामिल है।राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) द्वारा निर्धारित इसकी अधिकतम मौजूदा कीमत 17.49 घन मीटर है लेकिन लिक्विड ऑक्सीजन की ऐसी कोई कीमत निर्धारित नहीं होने की वजह से निर्माताओं ने ऑक्सीजन सिलेंडरों की रिफिलिंग के दाम बढ़ा दिए। कोविड के दौरान सिलेंडरों के जरिए मेडिकल ऑक्सीजन की मांग बढ़ गई जिससे लिक्विड ऑक्सीजन की कीमतों को नियंत्रित करना आवश्यक हो गया ।
ऑक्सीजन सिलेंडरो की उपलब्धता और लिक्विड ऑक्सीजन के मूल्य निर्धारण के विषय पर सरकार के अधिकारप्राप्त समूह द्वारा निरंतर विचार किया जा रहा था। अधिकार प्राप्त समूह ने मेडिकल आक्सिजन सिलेंडरों के भराव के लिए इसके कारोबारियों को लिक्विड ऑक्सिजन की आपूर्ति उचित मूल्य पर सुनिश्चित करने के लिए इसकी एक्स फैक्ट्री कीमतें तय करने का एनपीपीए को सुझाव दिया थाताकि इनकी पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चत हो सके।
स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 23 सितंबर 2020 को लिखे पत्र के जरिए आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 10 (2) (एल) के तहत प्राप्त शक्तियां एनपीपीए को हस्तांतरित करते हुए लिक्विड ऑक्सीजन तथा मेडिकल ऑक्सीजन सिलेंडरों में इनके भराव की कीमत निर्धारित करने का अधिकार दे दिया।
प्राधिकरण ने 25.09.2020 को आयोजित अपनी विशेष बैठक में इस मामले पर विचार-विमर्श किया। महामारी के कारण उत्पन्न होने वाली स्थिति से निपटने के लिए सार्वजनिक हित मेंऔषधि मूल्य नियंत्रण आदेश (डीपीसीओ 13)के पैरा 19 और आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 10 (20) (एल) के तहत प्रदत्त असाधारण विशेषाधिकारों का इस्तेमाल करते हुए निम्नलिखित उपाय करने का फैसला लिया गया :
निर्माताओं के स्तर पर लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमाओ ) का एक्स फैक्ट्री मूल्य 15.22 रुपए प्रति घन मीटर निर्धारित करना जिसमें जीएसटी शामिल नहीं है ; तथा
लिक्विड ऑक्सिजन सिलेंडरों की मौजूदा 17.49 रुपए प्रति घन मीटर की कीमत खत्म कर इनका भराव करने वाले कारोबारियों के स्तर पर इनकी एक्स-फैक्ट्री कीमत 25.71रुपए प्रति घन मीटर तय करना, जिसमें जीएसटी शामिल नहीं है। राज्यों द्वारा इसकी परिवहन लागत अलग से निर्धारित होगी । यह व्यवस्था अगले छह महीने तक के लिए होगी ।
उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए ऑक्सीजन की खरीद के लिए राज्य सरकारों के मौजूदा अनुबंध, वर्तमान रुप में में जारी रहेंगे ।
एलएमओ और ऑक्सीजन गैस सिलेंडर की एक्स-फैक्ट्री कीमतों की तय सीमा घरेलू उत्पादन के मामले में ही लागू होगी।
उपरोक्त उपाय अस्पतालों के स्तर पर तथा विशेष रूप से दूर दराज के इलाकों में ऑक्सीजन सिलेंडरों के माध्यम से उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चत करेंगे।