नई दिल्ली। आयुष मंत्रालय के योग ब्रेक प्रोटोकॉल से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए आज से पुणे योग ब्रेक की शुरुआत हो रही है। इसे कोविड-19 महामारी के करण अस्थाई तौर पर स्थगित कर दिया गया था। 5 मिनट के इस प्रोटोकॉल का उद्देश्य कार्य स्थलों पर लोगों का योग से परिचय करवाना है और काम के बोझ से ब्रेक दिला कर फिर से तरोताजा बनाना है।
योग, प्राचीन भारतीय परंपरा का अहम हिस्सा रहा है जो लोगों के बेहतर स्वास्थ्य के साथ-साथ तन-मन भावनात्मक और आध्यात्मिक विचारों के बीच संतुलन बनाता है। बदलती कार्यशैली और लगातार कंप्यूटर पर काम करने या एक ही स्थान पर बैठे रहने के कारण अधिकांश स्थानों पर काम करने वाले लोग काम का बोझ अनुभव करते हैं, तनाव अनुभव करते हैं जिसके परिणाम स्वरूप न सिर्फ उनके काम करने की क्षमता प्रभावित होती है बल्कि उत्पादकता कम हो जाती है।
आयुष मंत्रालय ने एमडीएनआईवाई के साथ मिलकर वर्ष 2019 में 5 मिनट का ‘योग ब्रेक प्रोटोकॉल’ विकसित किया था जिसका उद्देश्य था कार्य स्थलों पर लोगों के मन मस्तिष्क को तरोताजा करना और काम पर फिर से ध्यान केंद्रित करने योग्य बनाना। 5 मिनट के इस प्रोटोकॉल को जाने-माने योग विशेषज्ञों ने तैयार किया है जिसमें कुछ योग अभ्यास शामिल हैं,जैसे तड़ासन, कटिचक्रासन इत्यादि तथा नाड़ी शोधन, भ्रामरी, प्राणायाम और ध्यान। प्रोटोकॉल की शुरुआत परीक्षण आधार पर जनवरी 2020 में की गई थी और इसमें भाग लेने वाले प्रतिभागियों की प्रतिक्रिया के आधार पर पाया गया कि यह प्रभावी है।
आयुष मंत्रालय ने योग ब्रेक प्रोटोकॉल का अभ्यास फिर से शुरू किया है और आज आयुष भवन तथा एमडीएनआईवाई परिसर में इसका प्रदर्शन किया गया।वर्तमान में स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थिति को देखते हुए सांस लेने के योग अभ्यास यानी प्राणायाम की क्रिया पर अतिरिक्त ध्यान केंद्रित किया गया है क्योंकि प्राणायाम की मदद से फेफड़ों की कार्य क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। आयुष भवन में योग ब्रेक संबंधी यह प्रदर्शन और प्रशिक्षण 10 दिनों तक जारी रहेगा जिसमें आयुष भवन के आसपास के कार्यालयों में काम करने वाले भाग ले सकते हैं। इस दौरान कोविड-19 के संदर्भ में सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जा रहा है, जिसमें सामाजिक दूरी भी शामिल है। आयुष मंत्रालय आने वाले हफ्तों में जीपीओ कॉम्प्लेक्स आईएनए,नई दिल्ली क्षेत्र के कार्यालयों में अधिकारियों और कर्मचारियों को यह सुविधा निशुल्क उपलब्ध कराने जा रहा है।