सुभाष चौधरी
नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोबिंद वर्चुअल तरीके से खिलाड़ियों और कोच को राष्ट्रीय खेल पुरस्कार प्रदान किया. क्रिकेट खिलाड़ी रोहित शर्मा , पैरा एथलीट मरियप्प्न टी , टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा, कुश्ती में विनेश जबकि हाकी खिलाड़ी रानी को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस अवसर पर उन्होंने सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और जोर देते हुए कहा कि आप सबके प्रयासों के बल पर विश्व पटल पर भारत का गौरव बढ़ता रहा है। राष्ट्रपति ने खिलाड़ियों से कहा कि आप सबने अपने प्रदर्शन से, सभी भारतवासियों को, सामूहिक सफलता के अहसास के अविस्मरणीय क्षण प्रदान किए हैं.
अपने संबोधन में राष्ट्रपति रामनाथ कोबिंद ने कहा कि मेजर ध्यानचंद, खिलाड़ियों के साथ-साथ अन्य सभी देशवासियों के लिए भी एक आदर्श हैं। साधारण परिवेश तथा सुविधाओं के बीच उन्होंने अपनी निष्ठा व कौशल से हॉकी के मैदान में असाधारण उपलब्धियां हासिल कीं। उन्होंने कहा कि यह विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि खेल-रत्न पुरस्कार पाने वाले पांच खिलाड़ियों में तीन बेटियां – मनिका बत्रा, विनेश और रानी तथा एक पैरा-एथलीट शामिल हैं.
उनका कहना था कि मेजर ध्यानचंद से लेकर आज के पुरस्कार विजेताओं और प्रशिक्षकों के विषय में एक बात समान रूप से कही जा सकती है। उन्होंने यहाँ कहते हुए विश्वास जताया कि सबकी भागीदारी के बल पर किए गए सामूहिक प्रयासों से भारत एक खेल महाशक्ति के रूप में उभरेगा। 2028 के ओलंपिक खेलों में Top Ten Podium Finisher Countries में रहने का हमारा लक्ष्य है। हम इस लक्ष्य को अवश्य प्राप्त करेंगे।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण खेल जगत पर भी बहुत अधिक असर पड़ा है। पहली बार ओलम्पिक खेल स्थगित किए गए हैं। हमारे देश में भी खेल-कूद की सभी गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। अभ्यास तथा प्रतियोगिताओं के रुकने से खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों का हौसला कम हो सकता है।
रामनाथ कोबिंद ने कहा कि आप सबने यह सिद्ध किया है कि इच्छा, लगन और मेहनत के बल पर सभी बाधाओं को दूर किया जा सकता है। यही खेल-कूद की सबसे बड़ी विशेषता है, यही अच्छे खिलाड़ी का आदर्श है। उन्होंने कहा कि आज का यह पुरस्कार समारोह, कड़ी मेहनत और समर्पण से प्राप्त की गई आप सबकी सफलता का उत्सव है।
श्री कोबिंद ने कहा कि आप सभी खिलाड़ियों के पुरस्कार पाने के विषय में और आपकी सफलता के बारे में बहुत से लोग जान जाते हैं। लेकिन, बहुत कम लोग उस परिश्रम, संघर्ष तथा आशा-निराशा के अच्छे-बुरे अनुभवों को समझ पाते हैं जिनसे गुजरते हुए आप सबने, आपके प्रशिक्षकों, परिवार-जनों और शुभचिंतकों ने अपनी मंजिल पाई है.
इस अवसर पर खेल मंत्री किरन रिजीजू भी उपस्थित थे .