नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मध्य प्रदेश के लिए 45 राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आभासी (वर्चुअल) समारोह की अध्यक्षता की, जिसमें केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत एवं नरेंद्र सिंह तोमर, राज्य मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते व जनरल (डॉ.) वी के सिंह (सेवानिवृत्त), राज्य के मंत्रीगण, कई सांसद, विधायक और केंद्र एवं राज्य के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
उद्घाटन और शिलान्यास की गई इन परियोजनाओं के तहत सड़कों की लंबाई कुल मिलाकर 1361 किलोमीटर है, जिसमें 11427 करोड़ रुपये का निर्माण मूल्य शामिल है। मध्य प्रदेश के विकास का मार्ग प्रशस्त करते हुए ये सड़कें राज्य के भीतर और उसके आसपास बेहतर कनेक्टिविटी एवं सुविधा सुनिश्चित करने के साथ-साथ आर्थिक विकास की गति भी तेज करेंगी। विशेषकर पड़ोसी राज्यों राजस्थान, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ इत्यादि से मध्य प्रदेश में और वहां से इन राज्यों में लोगों एवं वस्तुओं की आवाजाही भी काफी बेहतर हो जाएगी। बेहतर सड़कों से समय एवं ईंधन की बचत होती है और इसके साथ ही प्रदूषण फैलाने वाले अवयवों का उत्सर्जन भी कम हो जाता है। इसके अलावा, इन परियोजनाओं से सड़कों पर भीड़ कम हो जाएगी और मार्ग में पड़ने वाले शहर लोगों को होने वाले बेहतर सड़क अनुभव में उल्लेखनीय योगदान देंगे।
इस अवसर पर श्री गडकरी ने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) की कुल लंबाई आज 13,248 किलोमीटर है, जो वर्ष 2014 में मुश्किल से 5,186 किलोमीटर थी। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में 1,25,000 करोड़ रुपये की लागत वाले विकास कार्यों पर काम चल रहा है। राज्य में लगभग 30,000 करोड़ रुपये की लागत वाले सड़क कार्यों का लगभग 60 से 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि इनमें से कई सड़कें राज्य के पर्यटन स्थलों और पिछड़े इलाकों को कनेक्टिविटी प्रदान करने की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। मंत्री महोदय ने घोषणा की कि वर्ष 2023 तक 50,000 करोड़ रुपये की लागत वाले विकास कार्यों को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
मंत्री ने यह भी बताया कि 1260 किलोमीटर लंबे एवं आठ लेन के प्रवेश नियंत्रण (एक्सेस कंट्रोल्ड) वाले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर काम पहले ही शुरू हो चुका है, जिसमें से 8,214 करोड़ रुपये की लागत एवं 8-लेन वाली 244 किमी लंबी सड़क मध्य प्रदेश में बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस एक्सप्रेसवे के मध्य प्रदेश खंड से जुड़े कार्य का ठेका पहले ही दिया जा चुका है, जो मालवा क्षेत्र के रामगंजमंडी, गरौठ, जावरा एवं रतलाम इलाकों और थांदला (झाबुआ) से होकर गुजरेगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से मालवा क्षेत्र को कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए 173 किलोमीटर लंबी एवं 4-लेन वाली सड़क बनाई जाएगी। यह सड़क इंदौर, देवास, उज्जैन, आगर से होकर गुजरेगी एवं गरोठ तक जाएगी और इस वर्ष दिसंबर तक इनसे जुड़े कार्यों के ठेके दे दिए जाएंगे।
श्री गडकरी ने मुख्यमंत्री से कहा कि वे खनन के लिए राज्य सरकार की अनुमति शीघ्र दें, क्योंकि इसका सीधा असर एक्सप्रेसवे के निर्माण की गति पर पड़ रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से किसानों को भूमि अधिग्रहण से जुड़ी धनराशि को तत्काल वितरित करने का भी अनुरोध किया, जिसे एनएचएआई ने पहले ही राज्य सरकार को भेज दिया है। *श्री गडकरी ने वन मंजूरी में तेजी लाने को भी कहा। उन्होंने मुख्यमंत्री से खुद ही समीक्षा करने का अनुरोध किया क्योंकि मंजूरी के बेवजह अटक जाने से परियोजनाओं में देरी होती है, जो जन हित में नहीं है।
मंत्री महोदय ने मध्य प्रदेश में रोजगार और आर्थिक परिदृश्य को बेहतर बनाने में एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) सेक्टर की भूमिका पर प्रकाश डाला। एमएसएमई इकाइयों की परिभाषा या दायरे का हाल ही में विस्तार किए जाने के बारे में सूचित करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री से इस अवसर का उपयोग करने और हस्तशिल्प, हथकरघा, इत्यादि की निर्यात संभावनाओं का पता लगाने का अनुरोध किया, क्योंकि इससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल सकता है। उन्होंने कहा कि *इससे भी मध्य प्रदेश की प्रगति में मदद मिलेगी।*
श्री गडकरी ने सड़क क्षेत्र में उपयोग करने हेतु मध्य प्रदेश के लिए केंद्रीय सड़क निधि (सीआरएफ) से 700 करोड़ रुपये की भी घोषणा की। राज्य से प्रस्तावों को आमंत्रित करते हुए उन्होंने कहा कि 350 करोड़ रुपये के प्रस्तावों में मध्य प्रदेश के सांसदों के प्रस्ताव उनके निर्वाचन क्षेत्र में सड़क कार्यों के लिए शामिल हो सकते हैं।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्ट विजन के साथ-साथ राज्य में महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं को शुरू करने की उनकी इच्छा के लिए केंद्रीय मंत्री की सराहना की। उन्होंने कहा कि ये सड़कें मध्य प्रदेश के लिए आशीर्वाद हैं क्योंकि ये न केवल समय और पैसे की बचत करती हैं, बल्कि हादसों में व्यापक कमी सुनिश्चित करते हुए लोगों के जीवन की रक्षा भी करती हैं। राज्य की मशीनरी की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन देते हुए उन्होंने केंद्रीय मंत्री से मध्य प्रदेश की तीन महत्वाकांक्षी सड़क परियोजनाओं – नर्मदा एक्सप्रेसवे, चंबल एक्सप्रेसवे (जिसे अटल प्रोग्रेसवे भी कहा जाता है), और राम वनगमन पथ का निर्माण करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि वह अति शीघ्र इन परियोजनाओं पर विस्तृत रिपोर्ट केंद्र को सौंपेंगे।
केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते के साथ-साथ अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी मध्य प्रदेश में विभिन्न राजमार्ग परियोजनाओं के लिए शुरू किए गए कार्यों और पहलों की सराहना की।