गुडग़ांव : गणेश चतुर्थी का पर्व आगामी 22 अगस्त को बड़ी ही श्रद्धाभाव के साथ मनाया जाएगा। गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। श्रद्धालु रिद्धि सिद्धि के दाता विघ्रहर्ता व मंगलकर्ता गणपति बप्पा को अपने-अपने घरों में स्थापित करेंगे। यह उत्सव 10 दिनों तक चलता है। भगवान गणेश के जन्मोत्सव को गणेश चतुर्थी के रूप में देश के अधिकांश प्रदेशों महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, राजस्थान आदि में धूमधाम से मनाया जाता है। घरों में गणेश जी को स्थापित किया जाता है और अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी की धूमधाम से विदाई की जाती है।
पटेल नगर स्थित श्रीबांकेबिहारी मंदिर के पुजारी पंडित दयाराम कानोरिया का कहना है कि हिन्दू धर्म ग्रन्थों के अनुसार गणेश चतुर्थी को
भाद्रपद मास की चतुर्थी तिथि के दिन मनाया जाता है। भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से आरंभ होने वाला गणेश महोत्सव अनंत चतुर्थी तक चलता है। जब किसी शुभ कार्य की शुरुआत की जाती है तो सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करते हैं। गणेश जी का हिन्दू समुदाय में बड़ा महत्व है। गणेश जी की पूजा सबसे पहले की जाती है क्योंकि गणेश जी को प्रथम देवता माना गया है।
श्रद्धालु अपने घरों में करीब 10 दिनों तक गणेश जी की प्रतिमा को विराजमान करते हैं। भगवान गणेश के 12 स्वरूपों की श्रद्धालु पूजा करते
हैं। माना जाता है कि गणेश जी की पूजा करने से भगवान जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और अपने श्रद्धालुओं के सभी कष्ट दूर कर देते हैं। भगवान गणेश जी को बुद्धि, विवेक, धन-धान्य, रिद्धि-सिद्धि का कारक माना जाता है।