नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को माना कि कुछ सरकारी बैंकों का विलय किया जा रहा है, लेकिन उन्हें स्पस्ट कर दिया कि उन्हें निजी हाथों में सौंपने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने दावा किया कि अगले साल एक अप्रैल से देशभर में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा।
जेटली ने ताज पैलेस होटल में आयोजित अर्थशास्त्री भारत शिखर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि “मैं नहीं समझता हूं कि आम लोगों की राय और राजनीतिक विचार इस मुकाम पर पहुंचे हैं कि हम बैंकिंग क्षेत्र के निजीकरण के बारे में सोच सकते हैं।उनका कहन था कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का स्वास्थ्य ठीक करना सरकार की पहली प्राथमिकता है।”
जेटली ने तर्क दिया कि जीएसटी अप्रत्यक्ष कराधान में एक बड़ा सुधार है, जो जरुरी था और काफी समय से लंबित था । वित्त मंत्री ने कहा कि “लोग जीएसटी के पक्ष में हैं। उनका मानना है कि इसे लागू करने का मुश्किल लक्ष्य हमने तय किया है।”