छटनी, वेतन कटौती करने पर तुले प्रबन्धक
गुरुग्राम। बुधवार को बेलसोनिका व एफएमआई कम्पनी में कोरोना महामारी के चलते अस्थाई श्रमिकों को छटनी करने तथा अन्य श्रमिकों में कोरोना के लक्षण मिलने पर उनकी जांच कराने हेतु मारुति सुज़ुमी मजदूर संघ के नेताओं ने प्रधानमंत्री को नायब तहसीलदार डी आर बांगड़ के मार्फ़त ज्ञापन सौंपा।
यूनियन के महासचिव जसबीर सिंह ने बताया कि 17 मई को 290 श्रमिकों की छंटनी कर दी तथा 7-8 साल से काम कर रहे अस्थाई श्रमिकों को मई माह का वेतन नहीं दिया, साथ ही स्थाई श्रमिकों के वेतन में भी कटौती कर दी। श्रमिकों के साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। वर्क एरिया में एयर वाशर भी बंद कर दिए हैं जबकि आज की तारीख में प्रचण्ड गर्मी का प्रकोप है। गर्मी के चलते करीब 20% श्रमिक बीमार पड़ रहे हैं। साथ ही कम्पनी में बनी कैंटीन नहीं चला रहे हैं। किसी श्रमिक को कोरोना संक्रमण होता है तो उसका टेस्ट कम्पनी कराने से मना कर देती है, कोरोना संक्रमित श्रमिक को घर भेज देती है।
एफएमआई के प्रधान राहुल सोलंकी का कहना है कि करीब 300 अस्थाई श्रमिकों को नौकरी से निकाल दिया है, उनकी जगह दूसरी भर्ती कर रही है, कम्पनी में प्रबन्धन श्रम कानूनों की धज्जियां उड़ा रहा है और कम्पनी में कैंटीन भी नहीं चल रहे हैं। मारुति उद्योग कामगार यूनियन के महांसचिव कुलदिप जांघू ने अपने सम्बोधन में कहा कि कोरोना महामारी के चलते सरकार व प्रबन्धन श्रमिकों का खुलेआम शोषण कर रहे हैं।
इससे पहले भी हमने सरकार से कई ज्ञापनों के माध्यम से सरकार तक श्रमिकों के उत्पीड़न की बात पहुंचाई है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। बेलसोनिका उनीं के प्रधान अतुल कुमार ने कहा कि जल्द ही हमारी सुनवाई नहीं हुई तो मजबूरन हमें बड़ा आंदोलन करना पड़ेगा, प्रशासन समय रहते हमारी सुनवाई करे।
ज्ञापन देने में मारुति यूनियन से विनोद शर्मा, राकेश यादव, सुजुकी मोटरसाइकिल से जसपाल, मजदूर इकबाल केंद्र से योगेश, मुंजाल से सुरेंद्र, एमपीटी से श्रीभगवान आदि दर्जनों लोग शामिल थे।