आईपीएस अकील मोहम्मद को सौंपी थी कमान और पुनः वापस भी उन्हीं से लिया चार्ज
सुभाष चौधरी
गुरुग्राम । लगभग 2 वर्ष बाद एक बार फिर कृष्ण कुमार राव ने गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त का पद संभाल लिया है। 1996 बैच के आईपीएस अधिकारी श्री राव इससे पहले जून 2018 में इस पद पर तैनात किए गए थे और फरवरी 2019 में उनका तबादला कर दिया गया था। गुरुग्राम में पुलिस आयुक्तालय व्यवस्था आरंभ होने के बाद इस पद पर दोबारा तैनात होने वाले यह पहले अधिकारी हैं। अपने लगभग 8 माह के कार्यकाल के दौरान शहर की सुरक्षा ट्रैफिक व्यवस्था और अन्य आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए उनके द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना अक्सर होती रही और एक बार फिर उन्हें इस जिला को दुरुस्त करने का अवसर मिला है। उन्हें आज पुलिस आयुक्तालय में गार्ड ऑफ़ ओनर की सलामी दी गई .
उल्लेखनीय है कि इस पद पर तैनात मोहम्मद अकील जो एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस रैंक में थे को डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस क्राइम के रूप में पदोन्नति दी गई है। यह अजीब संयोग है की के के राव जिस पुलिस अधिकारी मोहम्मद अकील को गुरुग्राम के पुलिस कमिश्नर का पदभार सौंप पर गए थे आज उन्होंने उसी पुलिस अधिकारी से उस पद का प्रभार वापस लिया। हालांकि पुलिस विभाग हो या फिर प्रशासनिक आमतौर पर एक पद पर समान शहर में दोबारा उस अधिकारी की नियुक्ति होने की परंपरा नहीं है लेकिन नियमों के तहत इस प्रकार की नियुक्ति या तबादले के लिए कोई प्रतिबंध भी नहीं है। केवल ब्रिटिश शासन काल से ही स्थापित की गई प्रशासनिक तबादला संबंधी परंपराओं का निर्वहन आजादी के बाद से देश में होता रहा है।
किसी भी आईपीएस या आईएएस या फिर अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी को नियुक्त करने या फिर स्थानांतरित करने का विशेषाधिकार प्रदेश के मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के पास है। प्रशासनिक आवश्यकताओं के मद्देनजर प्रदेश सरकार इस प्रकार के फैसले लेने के लिए स्वच्छंद है।
बहरहाल पुलिस महकमा हो या फिर गुरुग्राम का जन सामान्य, के के राव द्वारा गुरुग्राम पुलिस कमिश्नर के रूप में पदभार ग्रहण करने की खबर से सकारात्मक लहर दौड़ गई है। पुलिस महकमा इसलिए खुश है क्योंकि इनके ही कार्यकाल में पहली बार गुरुग्राम पुलिस के लिए साप्ताहिक अवकाश की व्यवस्था आरंभ की गई थी जबकि ट्रैफिक मैनेजमेंट की दृष्टि से पुलिस कर्मियों एवं अधिकारियों के लिए प्रत्येक चौराहे पर आधुनिक सुविधा से लैस पुलिस केबिन की व्यवस्था भी की गई थी। सुरक्षा की दृष्टि से प्रत्येक कालोनियों के आने जाने वाले रास्ते या फिर शहर की सभी प्रमुख सड़कें 24 घंटे नाकेबंदी की व्यवस्था भी पहली बार गुरुग्राम जिला के लोगों ने श्री राव के कार्यकाल में ही देखा था। नाके पर पुलिस की निरंतर तैनाती को लेकर यह बेहद सख्त रहे थे।
गौरतलब है कि गुरुग्राम पुलिस कमिश्नर के पद पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को ही तैनात किया जाता है। वर्तमान में श्री राव फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर के रूप में तैनात थे। उनके गुरुग्राम तबादले के बाद उक्त पद पर 1997 बैच के आईपीएस अधिकारी ओपी सिंह को तैनात किया गया है। केके राव इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस रैंक के अधिकारी हैं जो अब तक पुलिस विभाग में अलग-अलग पदों पर रहते हुए प्रदेश के 14 जिले में अपनी सेवा दे चुके हैं।
गुरुग्राम पुलिस आयुक्त के रूप में चाहे अवैध शराब का कारोबार हो या फिर ट्रैफिक मैनेजमेंट का जिम्मा. नशे की तस्करी हो या फिर पब बार और स्पा की आड़ में देह व्यापार का गोरखधँधा, इन सभी अवैध गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए के के राव ने बेहद सख्त रुख अख्तियार किया था. उनके काम करने के तरीके से पुलिस की सक्रियता थोड़े दिनों में ही यह धरातल पर दिखने लगी थी.