गुरुग्राम । केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेशों के बाद लॉक डाउन से चरणबद्ध तरीके से बाहर कैसे निकलना है, उसके बारे में होटल तथा रेस्टोरेंट और धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ गुरुग्राम मंडल के आयुक्त अशोक सांगवान ने विचार विमर्श किया । मंडलायुक्त कार्यालय में आयोजित इस बैठक में उपायुक्त अमित खत्री भी मौजूद थे। बैठक में सभी प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव रखे। किस प्रकार सुरक्षा के उपाय अपनाते हुए तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए चरणबद्ध तरीके से कंटेनमेंट एरिया के बाहर कमर्शियल गतिविधियां शुरू की जा सकती है इसको लेकर व्यापारिक संगठनों की ओर से अपनी बात रखी गई।
इस दौरान धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि बहरहाल, धार्मिक स्थलों को अभी आम जनता के लिए बंद रखा जाए तो बेहतर होगा। धार्मिक स्थलों को खोलने की दिशा में अभी संयम बरतना ठीक रहेगा।मंडलायुक्त ने कहा कि सभी प्रतिनिधि अपने सुझाव डीसी गुरुग्राम के ई-मेल एड्रेस पर भेज सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से शनिवार देर शाम जारी लॉक डाउन के पांचवें चरण और अनलॉक वन की गाइडलाइन में आने वाले समय में 3 फेज में अलग-अलग प्रकार की गतिविधियों को राहत देने या पुनः संचालित करने का आदेश जारी किया है।
गाइडलाइन के अनुसार फेस वन में सभी प्रकार के धार्मिक स्थल और पूजा के स्थल रेस्टोरेंट होटल अन्य हॉस्पिटैलिटी सर्विसेज के साथ-साथ मॉल भी शामिल किए गए हैं। इनके पुनः आम जनता के लिए खोलने की तिथि 8 जून निर्धारित की गई है जिसको लेकर अब हरियाणा सरकार स्थितियों का आकलन कर सभी जिले को निर्देश जारी करेगी जबकि सभी जिला के कलेक्टर और डिविजनल कमिश्नर ने भी इस मामले में संबंधित पक्षों से सुझाव लेने शुरू कर दिए हैं।
इसी क्रम में आज गुरुग्राम डिवीजन के कमिश्नर डॉ अशोक सांगवान ने भी जिला उपायुक्त अमित खत्री के साथ होटल रेस्टोरेंट एवं सभी धार्मिक स्थलों के प्रमुखों के साथ बैठक की। उन्हें केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन एवं केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर नियमों व शर्तों की जानकारी दी गई।
सूत्रों का कहना है कि उक्त बैठक में होटल रेस्टोरेंट या मॉल को खोलने पर तो सहमति दिखी लेकिन शहर के धार्मिक स्थलों को जल्दी बाजी में खोलने पर प्रतिनिधियों को में हिचकिचाहट दिखी। हालांकि डिविजनल कमिश्नर ने सभी संबंधित पक्षों को अपने सुझाव लिखित रूप में जिला उपायुक्त अमित खत्री को ईमेल से भेजने को कहा है।
समझा जाता है कि जिला प्रशासन इस मामले में जल्दी बाजी नहीं करना चाहता है और सभी हित धारकों के साथ बैठक कर ही इन सभी मुद्दों पर आम राय बनाने की कोशिश में जुटा हुआ है। साथ ही हरियाणा सरकार की ओर से भी सभी जिला कलेक्टरों को इस मामले में संबंधित पक्षों के साथ विचार-विमर्श कर उनके सुझाव के आधार पर निर्णय लेने के लिए अपनी अनुशंसा राज्य मुख्यालय को भेजने को कहा गया है।
केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन में भी फेस 2 और फेस 3 में शुरू किए जाने वाली गतिविधियों को लेकर भी साफ तौर पर सभी संबंधित हित धारकों पक्षियों या प्रतिनिधियों से विचार-विमर्श कर ही अंतिम निर्णय लेने को कहा गया है।संकेत है कि यह प्रक्रिया अगले दो-तीन दिनों में पूरी की जाएगी तभी जिला प्रशासन अंतिम निर्णय पर पहुंचेगा।
गौरतलब है कि पिछले 2 माह से भी अधिक समय से जारी देशव्यापी लॉक डाउन के कारण शहर और ग्रामीण क्षेत्र में सभी मंदिर मस्जिद गिरजाघर व अन्य समुदायों की धार्मिक स्थल में आम लोगों की आवाजाही प्रतिबंधित है। एक तरफ लोग इस विषम परिस्थिति में अपनी-अपनी आस्था के अनुसार अपने धार्मिक स्थलों में जाकर अपने इष्ट देव या भगवान की पूजा आराधना करने को बेसब्र हैं जबकि धार्मिक संस्थानों के व्यवस्थापक ओं का मानना है कि अचानक पूजा स्थल खोलने से भीर और नियंत्रित होने की आशंका है जबकि शहर में संक्रमण तेज गति से फैल रहे हैं और धार्मिक स्थलों के खुलने के बाद इसमें और तेजी आ सकती है।इसलिए माना जा रहा है कि शहर में रेस्टोरेंट होटल हॉस्पिटल की सर्विस से से संबंधित अन्य प्रतिष्ठान और मॉल तो खोले जा सकते हैं लेकिन धार्मिक स्थलों को फिलहाल जन सामान्य के लिए बंद ही रखा जाएगा।