यूनुस अलवी
नूंह। आमतौर पर लोग पुलिस अधिकारी और पुलिस कर्मियों की नकारात्मक चेहरे की बात ज्यादा करते हैं लेकिन उनका मानवीय पक्ष और उनमें प्रशासनिक दक्षता जनहित के प्रति उनका डेडीकेशन लोगों को कम दिखता है । लेकिन मेवात में तैनात एक पुलिस अधिकारी इन सारे पूर्वाग्रहों को धूल चटा कर अपनी क्षमता और व्यक्तित्व के कारण चर्चा का विषय बना हुआ है। मेवात में हर आम और खास इस बात की चर्चा करते नजर आ रहे हैं कि पुलिस विभाग में अफसर तो बहुत देखे पर इंस्पेक्टर रतन लाल जैसा सानी नहीं, जो गरीबो के मसीहा, अपराधियो के लिए काल, सामाजिक लोगों के दोस्त और अफसरों के चहेते इंस्पेक्टर की भूमिका निभा कर लोगों के दिलों पर राज कर रहे हैं। नतीजतन मेवात में हुये इस पुलिस अधिकारी को हर छोटा बड़ा आदमी गर्व के साथ सिंघम नाम से पुकारता है।
पिनगवां थाना प्रभारी इंस्पेक्टर रतन लाल कभी कड़क, कभी नरम, कभी शांत तो कभी खुशमिजाज जैसी शैली में नज़र आते हैं। चर्चा तो यहां तक है कि रतन लाल से कोई काम कराने के लिए नेता भी उनको फोन करने से डरते हैं कहीं उनके नियम विरुद्ध काम की सिफारिश करने पर उसकी बखिया ने उधेड़ दें।
कहते हैं इंस्पेक्टर रतन लाल हर वक्त अपने तबादले के ऑर्डर साथ लेकर घूमता है। उसे इस बात का गम नही कि उसका तबादला किसी थाने में होगा या फिर लाइन हाजिर होगा। कई बार तो सच्चाई व जनता के हकों के लिए अपने ही बड़े अफसरों से अड़ते देखे जाते हैं। यही कारण है प्रदेश में सबसे ज्यादा तबादले इंस्पेक्टर रतन लाल के ही हुए हैं।
मेवात के नूंह, नगीना, फ़िरोज़पुर झिरका और पुन्हाना के थाना प्रभारी रहे रतन लाल पूर्व विधायक रहीस खान के मनमाने हुक्म को नहीं मानने से हमेशा आंखों की किरकिरी बने रहे। रतन लाल ने जब उनके बेतुके फरमानों को नहीं माना था तब सीएम मनोहर लाल तक बात भी पहुंची थी। रतन लाल ने विधायक रहीस खान के सामने झुकने से मना कर दिया था तो इस जाबाज पुलिस अशिकारी का तबादला अम्बाला और यमुनानगर कर दिया गया।
यह बात आंखों देखी है कि अगर कोई दुखिया रतन लाल से सीधा थाने में आकर अपनी समस्या बताये और वो जायज होती है तो फिर अपराधी कितने ही बड़े नेता या अफसर का नजदीकी होता है उसका इलाज त्वरित गति से करता है। आज के जमाने में ऐसे पुलिस अधिकारी जिनके सिर पर केवल जनहित का विषय ही सवार हो देखने को कम ही मिलता है। और फिर राजनीतिक हस्तक्षेप से स्वयं को बेबाकी से दूर रखे ऐसा उद्धरण ढूंढना मुश्किल है। लेकिन रतन लाल जैसे अधिकारियों को देखकर तो यह कहना ही पड़ेगा कि अच्छे लोगों से दुनिया खाली नहीं हुई बल्कि ऐसों की ईमानदारी व डेडिकेशन पर ही दुनिया टिकी हुई है।
आम और गरीब लोगों की समस्याओं को गौर से सुनने और उनपर अमल करने से ही लोगो ने रतन लाल को सिंघम का खिताब दिया है। कई बार रतन लाल ने इंसानियत का सबूत देकर सड़क हादसे में खून से लथपथ घायलों को अपनी वर्दी का ख्याल किये बगैर उनको उठाकर मदद की है। कानून और जनता सबसे पहले है उनका यह कार्यशैली कुछ आरएसएस के नेताओ को भी नहीं भा रही है। उनकी शिकायत एसपी तक भी कर चुके है।
शनिवार को भी एक सामाजिक संस्था ने रतन लाल के कार्यो से खुश होकर उनको पगड़ी बांधकर और फूलमालाओं से सम्मानित किया। आल इंडिया सोशल क्राइम एन्ड करप्शन ऑर्ग0 के पदाधिकारियों ने अच्छे कार्यों के लिए पिनगवां थाना के इंस्पेक्टर रतन लाल को मोमेंटो व पगड़ी बाँध कर सम्मानित किया।
इस मौके पर संस्था के पदाधिकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष जफरुद्दीन गुमल, जिला अध्यक्ष फकरुद्दीन तिगांव,जिला अध्यक्ष पहलू खान रानियाली(ग्रामीण),वरिष्ठ समाजसेवी साजिद हुसैन पाठखोरी,कारी वारिश अगोंन,कासिम डेमरोत सोलपुर, मुस्तुफा व मुस्तकीम सोंख आदि मौजूद थे।