गुरुग्राम में लॉक डाउन के दौरान 32 कंपनियों को काम शुरू करने की मिली अनुमति

Font Size

सुभाष चन्द्र चौधरी 

गुरुग्राम : गुरुग्राम जिला प्रशासन ने आज पिछले 2 दिनों में आए 120 कंपनियों में से लगभग 32 औद्योगिक कंपनियों को अपना काम शुरू करने की अनुमति दे दी.  इनमें से अधिकतर कंपनियां गुरुग्राम नगर निगम क्षेत्र के दायरे से बाहर हैं यानी आईएमटी मानेसर के क्षेत्र में अवस्थित कंपनियों को ही अपनी यूनिट शुरू करने की अनुमति देने में प्राथमिकता दी गई है.  अब तक कुल 350 से  अधिक कंपनियों ने यहां अपने फैक्ट्री और कार्यालय में  लॉक डाउन के दौरान पुनः काम शुरू करने की अनुमति के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है. उम्मीद यह है कि अगले 2 से 3 दिनों के अंतराल में और भी दर्जनों कंपनियों को काम शुरू करने की अनुमति दी जा सकती है क्योंकि हरियाणा सरकार ने  भी आज गुरुग्राम में इंडस्ट्रियल सेक्टर को परमिट देने की सीमा बढ़ा दी है. संभावना यह है कि अनुमति प्राप्त करने वाली कंपनियां इस सप्ताह में ही  केंद्र एवं राज्य सरकारों की गाइडलाइन का पालन करते हुएअपना काम शुरू कर देगी  और एक बार फिर गुरुग्राम सहित दिल्ली एनसीआर में बेरोजगार बैठे बड़ी संख्या में श्रमिकों व मजदूरों को काम पर लौटने का अवसर मिलेगा. 

 

आज के इस निर्णय से अब यह साफ हो गया है कि हरियाणा सरकार कोरोना संक्रमण की रोकथाम  की दृष्टि से  एक तरफ गुरुग्राम में  निगरानी को सख्त बनाए रखना चाहती है जबकि दूसरी तरफ लोगों को आजीविका के  साधन मुहैया भी कराना चाहती है.  सरकार की इस मंशा में संतुलन स्थापित करने में  कोरोना वायरस संक्रमण रोकथाम की देखरेख के लिए गुरुग्राम  मैं तैनात  नोडल अधिकारी  वह हरियाणा सरकार के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी वी एस कुंडू बेहद  संतुलित एवं अहम भूमिका अदा कर रहे हैं. उनके निर्देशन में जिला उपायुक्त अमित खत्री की अध्यक्षता में बनी डिजास्टर मैनेजमेंट कमेटी सभी प्रकार की इंडस्ट्री के आवेदनों पर अलग अलग विचार करते हुए फैसला ले रही है. 

 

 बताया जाता है कि जिला उपायुक्त की अध्यक्षता वाली कमेटी ने पिछले 2 दिनों में  उद्योग विभाग, एचएसआईआईडीसी,  श्रम विभाग एवं संबंधित क्षेत्र के पुलिस अधिकारी के साथ ऑनलाइन आए 120 आवेदनों  की स्क्रूटनी की और प्रत्येक मामले में संबंधित कंपनियों द्वारा दी गई जानकारी  का गहन विश्लेषण किया गया. अंततः आज केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए जिला उपायुक्त  की ओर से लगभग 32 विभिन्न कंपनियों को अपने काम शुरू करने की अनुमति देने का निर्णय लिया.  ध्यान रहे कि उन्हें  केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित  स्वास्थ्य सुरक्षा संबंधी शर्तों के अनुपालन को अनिवार्य बताया गया है जिसकी फिजिकल इंस्पेक्शन जिला प्रशासन की ओर से अधिकृत अधिकारी व अन्य विशेषज्ञ आवश्यकतानुसार करते रहेंगे.

 

 thepublicworld.com से  खास बातचीत में  एडीशनल चीफ सेक्रेट्री श्री कुंडू ने इस बात की पुष्टि की कि जिला उपायुक्त  के नेतृत्व वाली  उच्च स्तरीय कमेटी ने लगभग 120 आवेदनों में से 30- 32  कंपनियों को काम करने की अनुमति आज दे दी.  इनमें ऑटो सेक्टर आईटी  आईटी  ई एस सहित सभी प्रकार के उद्योग  वह व्यवसाय शामिल हैं.  उन्होंने स्पष्ट किया कि इंडस्ट्री के प्रकार को लेकर कोई रिजर्वेशन नहीं है बल्कि सभी प्रकार के औद्योगिक प्रतिष्ठानों को अनुमति देने  का सैद्धांतिक  निर्णय किया गया है लेकिन स्वास्थ्य सुरक्षा के इंतजामों को लेकर किसी प्रकार की कोताही बढ़ता जाना स्वीकार्य नहीं होगा.

 

 श्री कुंडू ने कहा की गुरुग्राम में  मुकम्मल निगरानी  के कारण सरकार  की ओर से परमिट की संख्या और बढ़ाने के संकेत  मिले हैं .  इस संभावना के मद्देनजर अगले एक-दो दिनों में और भी  संस्थानों को काम शुरू करने की अनुमति देने में सुविधा होगी. इससे हम कुछ और यूनिट  को परमिशन दे पाएंगे. आज  उन 30 से 32 कंपनियों को अनुमति दी गई है जिनकी डॉक्यूमेंटेशन गाइडलाइन के अनुरूप थी.  उनका कहना था कि 300 से अधिक कंपनियों ने गुरुग्राम में काम शुरू करने की इच्छा जताई है और अपना आवेदन ऑनलाइन सबमिट किया है.  अलग-अलग आवेदनों पर विचार करते हुए हम फैसले कर रहे हैं. 

 

 उल्लेखनीय है कि  1 दिन पहले देश की सबसे बड़ी नामी-गिरामी ऑटो कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड हो गुरुग्राम के मानेसर स्थित यूनिट में काम शुरू करने की अनुमति जिला प्रशासन द्वारा दी गई थी.  इससे अन्य उद्यमियों  को भी उम्मीद की किरण दिखने लगी थी.  आशंका के बादल छंटने लगे थे  जबकि गुरुग्राम सहित दिल्ली एनसीआर के सभी शहरों में रहने वाले लाखों श्रमिकों व मजदूरों में उम्मीद उफान पर दिखने लगा क्योंकि पिछले 1 महीने से भी अधिक समय से बेरोजगार बैठे लोग अपनी आजीविका के प्रति आशंका की गहरी खाई में डूबे हुए थे.  ऐसे में गुरुग्राम जो हरियाणा का ही नहीं बल्कि देश का प्रमुख औद्योगिक एवं व्यावसायिक शहर है मैं कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों एवं सख्त निगरानी  जारी रखने के साथ साथ  उद्योग एवं व्यवसाय जगत को पुनः काम करने की अनुमति देने का निर्णय करना अपने आप में उत्साहवर्धक  बन गया है.

हालांकि खबर यह भी है कि अभी तक ऑटो सेक्टर की दो बड़ी कंपनियां जिनमें हीरो मोटो कॉर्प और होंडा मोटर  शामिल हैं की ओर से संभवतया कामकाज शुरू करने के लिए ऑनलाइन आवेदन सबमिट नहीं किया गया है.  पिछले दिनों खबर यह भी आई थी कि हीरो ग्रुप द्वारा प्रशासन के समक्ष सैनिटाइजर के उत्पादन और मारुति कंपनी प्रबंधन की ओर से मांस एवं पीपीई  किट के उत्पादन  का प्रस्ताव आया था जिसे उसी समय स्वीकृत कर उन्हें आगे के लिए अग्रसारित कर दिया गया था. श्री कुंडू ने कहा कि मारुति कंपनी को मास्क और पीपीई  किट  बनाने की अनुमति पहले ही दे दी गई थी जहां तक हीरो मोटोकॉर्प और होंडा मोटर्स के काम शुरू करने संबंधी आवेदन का सवाल है  इससे  अनभिज्ञ हैं क्योंकि स्कूटनी का काम जिला  उपायुक्त की अध्यक्षता वाली कमेटी कर रही है. 

 

गुरुग्राम के नोडल अधिकारी श्री कुंडू  ने कहा कि  हमारी प्राथमिकता गुरु ग्रामवासी  वह मजदूरों एवं श्रमिकों को कोरोना संक्रमण से  बचाने की है लेकिन आजीविका के साधन को भी चरणबद्ध तरीके से लोगों के लिए खोलना आवश्यक है इसलिए हम  बेहद सावधानी बरतना चाहते हैं इसलिए आवेदनों के  आकलन  व निस्तारण में थोड़ा समय लगता है लेकिन यह आम जनता और उद्योग जगत दोनों के हक में है.

 

उन्होंने बताया कि  कॉल सेंटर और बीपीओ को छोड़कर भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार आई थी और आई टी ई एस  कंपनियां जिनमें सॉफ्टवेयर डेवलप करने वाली कंपनी जो एक्सपोर्ट ओरिएंटेड कंपनी हैं, क्लाउड सर्विसेज देने वाली कंपनी  या सॉफ्टवेयर टूल्स की सर्विस देने वाली कंपनी शामिल हैं,जिन्होंने भी अनुमति के लिए आवेदन किया है उन्हें अनुमति दी जाएगी.  संबंधित कमेटी में आवेदनों  को  उनकी क्रम संख्या के अनुसार विचारार्थ रखा जाता है.

 

 एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन में सरकारी कार्यालयों और  औद्योगिक क्षेत्रों दोनों के लिए अलग-अलग बेहद स्पष्ट गाइडलाइन है.  जहां तक  केंद्र सरकार के अधीन औद्योगिक इकाइयों का सवाल है तो  उन्हें भी इसी प्रक्रिया के अधीन ऑनलाइन आवेदन कर अनुमति लेनी होगी क्योंकि उन्हें भी अपने वर्कर्स के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य सुरक्षात्मक उपाय लागू करने होंगे. यहां तक कि हरियाणा सरकार की संस्था जीएमडीए को भी अपने कंस्ट्रक्शन प्लेसिस  पर काम शुरू करने के लिए इसी प्रक्रिया का पालन करना पड़ा है.

उन्होंने बताया कि जहां तक पब्लिक सेक्टर कंपनियों के कार्यालय खोलने की बात है तो उन्हें अपने कार्यालय संचालित करने की अनुमति है और उसके लिए उन्हें अपने विभाग प्रमुख से अनुमति मिलती है.  उन्हें जिला प्रशासन से अनुमति लेने की कोई आवश्यकता नहीं है.अगर उन संस्थानों के  अधिकारियों व कर्मचारियों को एक जगह से दूसरी जगह आने जाने में कोई बाधा आती है तो उसके लिए जिला प्रशासन से ट्रैवल परमिशन लिए जा सकते हैं.

 

You cannot copy content of this page