चंडीगढ़, 20 अप्रैल : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे सर्वे ऑफ इंडिया के माध्यम से राज्य की भू-संपत्तियों की, की जा रही मैपिंग के कार्य को लॉकडाउन अवधि के दौरान केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देर्शों की अनुपालना में सरकार से आवश्यक अनुमति प्राप्त कर इसे ग्रीन जोन वाले महेन्द्रगढ़, रेवाड़ी व झज्जर जिलों में आरम्भ करवाना सुनिश्चित करे।
मुख्यमंत्री आज यहां सर्वे ऑफ इंडिया के माध्यम से राज्य की भू-संपत्तियों के सम्बन्ध में की जा रही मैपिंग की परियोजना की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सर्वेयर जनरल ऑफ इण्डिया लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गिरीश कुमार के साथ समीक्षा कर रहे थे। बैठक में उप-मुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला भी उपस्थित थे।
बैठक में मुख्यमंत्री ने इस बात के भी निर्देश दिए कि जिन सम्पत्तियों के पहले चरण का सर्वे का कार्य पूरा हो गया है तथा इसके लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र के साथ तालमेल कर डैश बोर्ड विकसित करवाया जाए, जिस पर वे स्वयं मैपिंग के कार्य की मॉनटरिंग करेंगे। मुख्यमंत्री ने अलग से तत्काल निदेशक, भू-रिकॉर्ड नियुक्त करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि जब तक निदेशक की नियुक्ति नहीं होती है तब तक सर्वे ऑफ इण्डिया के साथ तालमेल अतिरिक्त उप-प्रधान सचिव वी. उमाशंकर करेंगे।
उल्लेखनीय है कि कन्टेनमेंट जोन वाले क्षेत्रों को छोडक़र केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन अवधि के दौरान आज से कुछ शर्तों के साथ राज्यों को औद्योगिक एवं आर्थिक गतिविधियां चलाने की अनुमति प्रदान की है और इसी कड़ी के पहले चरण में हरियाणा में भी कुछ गतिविधियां शुरू की जानी है। सर्वे ऑफ इण्डिया के मैपिंग का कार्य भी इसी का एक हिस्सा है। हरियाणा के तीन जिले महेन्द्रगढ़, रेवाड़ी व झज्जर ग्रीन जोन घोषित किए गए है, इन जिलों में कोरोना संक्रमित केस दर्ज नहीं हुआ।
बैठक में मुख्यमंत्री को इस बात से भी अवगत करवाया गया कि 15 जिलों के 75 गांवों में ड्रोन का उपयोग करते हुए डाटा अधिग्रहण का कार्य पूरा हो चुका है, जबकि करनाल और सोनीपत जिलों में डाटा अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है।
सोनीपत में तीन गांवों, पंचकूला एवं करनाल में पांच-पांच गांवों, सिरसा एवं पानीपत में चार-चार गांवों और जिला फरीदाबाद में पांच गांवों के लिए आबादी-देह (लाल डोरा) का प्रारंभिक आधार नक्शा तैयार और मुद्रित किया जा चुका है। ये 26 गांव सात दिनों के भीतर आपत्तियां या सुझाव आमंत्रित करने और इस तरह की आपत्तियों के समाधान या निपटान के लिए तैयार हैं। जिला विकास और पंचायत अधिकारी को आबादी-देह क्षेत्र से संबंधित गतिविधियों के लिए नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया जाएगा। इसके अलावा, शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा शहरी क्षेत्रों के लिए दी जाने वाली आईडी की तर्ज पर ही आबादी-देह में प्रत्येक संपत्ति या भूमि को यूनिक आईडी प्रदान की जाएगी। इस संबंध में विकास और पंचायत विभाग द्वारा आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं।
बैठक में मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, अतिरिक्त प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव धनपत सिंह, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अमित झा, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एस.एन रॉय, विकास और पंचायत विभाग के प्रधान सचिव सुधीर राजपाल,पंचकूला के उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा तथा सम्बन्धित विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।