नई दिल्ली। कांग्रेस प्रवक्ता प्रमोद तिवारी ने आज उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला बोला। उन्होंने पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता के समक्ष कांग्रेस नेताओं को मेरठ के पीड़ितों से मिलने से रोकने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि सवाल यह खड़ा होता है कि यूपी की सरकार आखिर ऐसा क्या छिपाना चाहती है कि विपक्ष के दो बड़े नेताओं को पीड़ितों से मिलने से रोका गया ?
उन्होंने मीडिया को बताया कि परसों यूपी की प्रभारी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी priyankagandhi बिजनौर गई थी। वहां वो लोगों से मिली, कोई राजनैतिक क्रिया नहीं की और उनको किसी ने नहीं रोका। वो शांति से मिलकर लौट आई और वहां उसके बाद शांति रही।
उसी तरह आज राहुल गांधी और प्रियंका गांधी मेरठ में हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों के आँसू पोंछने जा रहे थे। उनके परिजनों का कहना है कि वो पुलिस की गोली से मारे गए। दोनों नेताओं के साथ भीड़ नहीं थी, किसी को कोई सूचना नहीं थी ।
श्री तिवारी ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारी ने मौखिक रूप से तनावपूर्ण स्थिति और धारा 144 का हवाला देकर दोनों नेताओं की गाड़ी को रोक दिया। राहुल गांधी ने सिर्फ 3 लोगों के जाने की बात कही, जो धारा 144 के अनुकूल ही है। लेकिन, प्रशासन ने शुक्रवार के बाद आने की लिखित बात कही।
उनका कहना था कि पहली बार यूपी पुलिस ने 18 लोगों की मौत होने की बात स्वीकारी है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी केवल शांतिपूर्वक पीड़ितों के आंसू पोंछने जा रहे थे। हमें कोई राजनीति नहीं करनी थी, इसलिए हम प्रशासन के कहने पर वापस लौट आए । लेकिन सवाल यही खड़ा होता है कि यूपी की सरकार आखिर ऐसा क्या छिपाना चाहती है कि विपक्ष के दो बड़े नेताओं को पीड़ितों से मिलने से रोका गया?