नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता द्वारा दर्ज करवाए गए मानहानि के मामले में जारी समन रद्द करने की मांग करने वाली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की याचिका पर मंगलवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर ने केजरीवाल और सिसोदिया की ओर से दलीलें सुनने के बाद कहा कि उनकी याचिका पर वह आदेश अपने कक्ष में देंगे।
केजरीवाल और सिसोदिया ने शिकायत रद्द करने की मांग तो की ही है, उन्होंने निचली अदालत द्वारा उनके खिलाफ आरोप तय करने और मानहानि मामले में सुनवाई के लिए समन भेजने के आदेशों को भी चुनौती दी है।
आप के दोनों नेताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा और अधिवक्ता अरुंधति अय्यर ने अदालत से कहा कि कथित मानहानिकारक ट्वीट को हजारों लोगों ने री-ट्वीट किया, उस पर टिप्पणी की, फिर भी शिकायत में केवल उनके मुवक्किलों का ही नाम है।
पाहवा ने कहा, ‘‘कानून बहुत स्पष्ट है, मानहानि के दायरे में वे सभी आते हैं।’’
उन्होंने कहा कि केजरीवाल के खिलाफ कथित तौर पर मानहानिकारक ट्वीट को री-ट्वीट करने संबंधी मानहानि की एक अन्य शिकायत में उच्च अदालत ने कार्यवाही पर रोक लगा दी क्योंकि उस ट्वीट को री-ट्वीट करने वाले अन्य लोगों को मामले में आरोपी नहीं बनाया गया था।
दोनों आप नेताओं ने अधिवक्ता मोहम्मद इरशाद द्वारा दायर याचिका में मामले में आगे की कार्यवाही पर रोक की भी मांग की है।
गुप्ता ने अपनी शिकायत में केजरीवाल और सिसोदिया पर छवि खराब करने का आरोप लगाया था।
शिकायत में गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल और सिसोदिया ने ट्विटर पर आरोप लगाया कि वह आप प्रमुख की हत्या की कथित साजिश का हिस्सा हैं।