केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आज आईटीआर की ई-फाइलिंग से संबंधित आंकड़े जारी किए। आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 अगस्त, 2019 थी। सीबीडीटी ने कहा कि यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है, क्योंकि करदाताओं को आयकर विभाग के एक अभिनव पहलू का अनुभव हो रहा है। यह न केवल करदाताओं के अनुकूल है, बल्कि इससे उन्हें काफी सुविधा भी हो रही है, क्योंकि उन्हें पहले से ही भरे हुए फॉर्म के साथ-साथ आवश्यक सूचनाएं भी मिल रही हैं। इसके अलावा आयकर रिटर्न की ई-फाइलिंग करने वालों को आयकर विभाग की ओर से आवश्यक मार्गदर्शन भी प्राप्त हो रहा है। इतना ही नहीं, आयकर विभाग करदाताओं की मदद और मार्गदर्शन के लिए सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय है।
सीबीडीटी ने बताया कि 31 अगस्त, 2019 को आयकर रिटर्न की ई-फाइलिंग में नया रिकॉर्ड बना और इस दिन प्रति सेकेंड 196 आयकर रिटर्न, प्रति मिनट 7447 आईटीआर और प्रति घंटे 3,87,571 आईटीआर दाखिल किए गए। आयकर विभाग की सूचना सुरक्षा टीम ने वेबसाइट पर किए गए 2205 से भी अधिक दुर्भावनापूर्ण हमलों को विफल किया, जिनका उद्देश्य सर्वाधिक व्यस्त समय में सेवाओं को बाधित करना था।
सीबीटीडी ने कहा कि 31 अगस्त, 2019 को ट्रेसेज पर 42,75,913 – 26एएस का अवलोकन किया गया, जबकि पिछले वर्ष सर्वाधिक 29,94,406 – 26 एएस का अवलोकन किया गया था। अतः यह आंकड़ा पिछले वर्ष के रिकॉर्ड अवलोकन की तुलना में लगभग 43 प्रतिशत अधिक है।
सीबीटीडी ने कहा कि अब तक 5.65 करोड़ आईटीआर दाखिल किए गए हैं, जिनमें से 3.61 करोड़ आईटीआर का सत्यापन हो चुका है। बड़ी संख्या में लगभग 2.86 करोड़ (79 प्रतिशत) करदाताओं ने ई-सत्यापन को अपनाया है, जिनमें से ज्यादातर करदाताओं ने आधार ओटीपी का उपयोग किया है। आयकर विभाग का उद्देश्य उन आईटीआर के ई-सत्यापन के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चलाना है जिनका सत्यापन अब भी लंबित है।
सीबीडीटी ने ई-निवारण, ईमेल और कॉल सेंटर पर दर्ज कराई गई करदाता शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की गई। ट्विटर पर ई-फाइलिंग से संबंधित सवालों के जवाब 4 घंटे में ही दे दिए गए। सीबीडीटी ने करदाताओं द्वारा उठाए गए मुद्दों पर स्पष्टीकरण देने के लिए दो परिपत्र (सर्कुलर) जारी किए। इसके तहत करदाताओं का चिंता निवारण सुनिश्चित किया गया। आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ाए जाने से संबंधित फर्जी सूचनाओं से निपटने के लिए सोशल मीडिया विशेषकर ट्विटर का प्रभावकारी ढंग से इस्तेमाल किया गया। इसके अलावा करदाताओं के सवालों के जवाब दिए गए। यही नहीं, करदाताओं के बैंक खातों को स्थायी खाता संख्या (पैन) से जोड़ने की जरूरत से भी उन्हें अवगत कराया जाएगा, ताकि उनकी रिफंड राशि को ईसीएस के जरिये उनके खातों में सीधे डाला जा सके। इसी तरह करदाताओं को 30 सितम्बर, 2019 तक उनके ‘पैन’ को ‘आधार’ से जोड़ने की आवश्यकता से भी उन्हें वाकिफ कराया जाएगा। आयकर विभाग अपनी वेबसाइट की गति और प्रदर्शन से जुड़ी सभी अवधारणाओं से अच्छी तरह निपटने में सफल रहा।
करदाताओं ने अपने ट्वीट्स में पहले से भरे हुए आईटीआर फॉर्मों की सराहना की और इसके साथ ही आईटीआर दाखिल करने में काफी तेजी सुनिश्चित किए जाने का उल्लेख किया।
सीबीडीटी के अनुसार, जुलाई के अंतिम हफ्ते से आयकर विभाग के ट्विटर हैंडल @IncomeTaxIndia को एक विशिष्ट पेज से एकीकृत कर दिया गया था, ताकि उन करदाताओं का ब्यौरा दर्ज किया जा सके, जिन्हें अंतिम समय में कुछ शिकायतें रह गई थीं। सीपीसी आईटीआर, ई-फाइलिंग, सीपीसी टीडीएस, पैन, प्रणाली निदेशालय से जुड़े हेल्प डेस्क कर्मियों की एक सहायक टीम बनाई गई थी, ताकि 24 घंटे के भीतर आवश्यक सहायता प्रदान की जा सके। सोशल मीडिया पर आयकर विभाग की सक्रियता और इसकी त्वरित कार्रवाई की भूरि-भूरि प्रशंसा की गई जो निम्नलिखित ट्वीट्स से स्पष्ट होता है: