नई दिल्ली : भगवान भोलेनाथ की नगरी काशी में पीएम मोदी के रोड शो में जनसैलाब उमड़ पडा. रोड शो से पहले उन्होंने महामना मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर रोड शो की औपचारिक शुरुआत की। पीएम मोदी ने ठीक इसी तरह 2014 में भी रोड शो किया था लेकिन यह रोड शो अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ने वाले हैं. इस रोड शो ने पांच वर्ष पीछे की याद ताजा करा दी जब उन्होंने यहाँ से लोकसभा चुनाव के लिए अपना पहला नामांकन भरने से पूर्व रोड शो का आगाज किया था। ऐसा लगा जैसे काशी की सड़कों पर लघु भारत उमड़ पड़ा है और हर गली व मोहल्ले में छोटे बड़े सभी मकानों , दुकानों की छतों , मुंडेरों पर छड कर लोग अपने प्रिय नेता का दीदार कर रहे थे . लोग उनकी एक झलक पाने को आतुर थे जबकि हर कोई पीएम के अभिवादन का हाथ हिला कर जवाब दे रहे थे. बीजेपी की ओर से इस रोड शो में 5 लाख लोगों के शामिल होने का दावा किया गया. रोड शो के बाद पीएम मोदी दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती में शामिल हुए ।
कहना न होगा कि आज वाराणसी की फिजां में सिर्फ और सिर्फ मोदी की ही गूंज सुनाई दे रही थी । सुबह 9 बजे से ही वाराणसी की गलियों में चहल पहल बढ़ गयी थी. लोग इस तैयारी में लग गए थे जैसे कोई बड़ा त्यौहार हो. अगर यूँ कहें कि वाराणसी का माहौल आज पूरी तरह होली के रंग विरंगे त्यौहार जैसा था जिसमें हर कोई एक दुसरे से गले मिला रहे थे और पीएम मोडी के स्वागत में शामिल होने का निमंत्र्ण दे रहे थे. लगभग 7 किलोमीटर की दूरी में हर चौराहा आज रंगीन था और कहीं भी तिल रखने की भी जगह नहीं थी. आज का यह ऐतिहासिक रिकॉर्ड तोड़ मोदी का रोड शो लंका चौक से शुरू होकर , अस्सी, सोनारपुरा, मदनपुरा, गोदौलिया से गुजरते हुए दशाश्वमेध घाट पर जाकर खत्म हुआ.
लगभग डेढ़ घंटे की देरी से शुरू हुई यह यात्रा अपने आप में यह सन्देश देने में पूरी तरह कामयाब रही कि वाराणसी की जनता सचमुच मोदी से प्यार करने लगी है. यह कहा भी जाता है कि वाराणसी अगर दिल्लगी भी करता है तो दिल से करता है. कुछ ऐसा ही आज मोदी के रोड शो में देखने को मिला.
पीएम मोदी की सुरक्षा व्यवस्था में एसपीजी, एनएसजी व एटीएस कमांडो, केंद्रीय खुफिया इकाई के अलावा पुलिस, पीएसी और सेंट्रल पैरामिल्रिटी फोर्स के 10 हजार से अधिक जवान तैनात किए गए थे लेकिन आज की इस भीड़ को देखते हुए मोदी की सुरक्षा में लगे तंत्र पूरी तरह अपर्याप्त लग रहे थे. लोग मस्ती में थे और भावना में इतने दूबे हुए थे कि लोगों को कई बार सुरक्षा घेरे को तोड़ते देखा गया. खास कर एसपीजी के अधिकारियों व सुरक्षा कर्मियों के लिए एक बड़ी चुनौती रही. पीएम मोदी की गाडी पर उनके ठीक पीछे एसपीजी के दो अधिकारी उन्हें कवर दे रहे थे जबकि उनकी गाड़ियों से लोगों की दूरियाँ बनाने की कोशिश में दर्जनों एसपीजी सुरक्षा कर्मी मशक्कत कर रहे थे. एक समय ऐसा बी आया कि एसपीजी वालों को तेज लाइट वाले टोर्च भी लेने पड़े. सैकड़ों की संख्या में यूपी पुलिस के स्पेशल फ़ोर्स के जवान उनकी गाडी और आम लोगों के बीच दीवार बन कर चल रहे थे.
लगभग सवा 5 बजे शुरू रोड शो को लगभग डेढ़ घंटे चलने के बाद गोधुली बेडा का भी सामना करना पडा. धीरे धीरे अँधेरा होने से पीएम के पास उनकी गाडी से ही उनके चेहरे को दिखाने के लिए लाइट की व्यवस्था की गयी थी. हालाँकि वाराणसी की गलियाँ प्रकास में डूबी हुई थीं. इसी बीच उन्होंने अपने एक शुभचिंतक को अपने लिए टोपी भेंट करने की चाहत से उनकी ओर इशारा करते देखा. इस पर उन्होंने उनसे वनारसी टोपी उनकी ओर फेंकने का इशारा किया. और भेंट करने वाले ने भी इतनी साफगोई से टोपी उनकी ओर उछाली वह पीम के हाथ में आ कर गिरी और पीएम ने उसे तत्काल पहन कर उनकी भावना का सम्मान किया. अँधेरा होने की वजह से सुरक्षा कर्मी और चोकन्ने रहे. कई बार एसपीजी के लोगों को भी छतों की ओर देखते देखा गया. जिधर पीएम लोगों का अभिवादन कर रहे थे उसी दिशा में सुरक्षा कर्मी भी चौकन्ना रहते थे.
अलग अलग चौराहे पर अलग समाज के पुरुषों और महिलाओं ने अपने अपने स्टाल पीएम मोदी के स्वागत के लिए बना रखे थे. कहीं मारवाड़ी समाज की महिलायें सजधज कर खड़ीं थीं तो कहीं बंगाली समाज के लोग. कहीं सफाई दूत अपनी टीम के साथ अभिवादन करते देखे गए तो कहीं गंगा सफाई अभियान में लगे लोग. कहीं बिहार सहित पूर्वोत्तर राज्यों के लोग खड़े थे तो कहीं दक्षिण भारतीय राज्यों के लोग. वाराणसी को लघु भारत कहा जाता है इसलिए आज उसकी स्पष्ट छटा दिख रही थी. हर पीढ़ी के लोग उनके रोड शो में चलने में अलग ही आनंद की अनुभूति कर रहे थे. कोई बांसुरी बजा रहे थे तो कोई वनारासी डमरू तो कोई मृदंग व ढोलक पर थाप दे दे कर नाच रहे थे. दुकानदार , व्यावसायी, शिक्षा विद, सामंजय जन सभी इस यादगार यात्रा का सहभागी बनने को आतुर दिखे.
लंका घाट से पीएम नरेंद्र मोदी के रोड शो में महामना मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने से लेकर हजारों मोबाइल उन्हें अपने कैमरे में कैद करते देखे गए. अगर कोई छत पर खड़ा था तो वह भी उनकी फोटो अपनी मोबाइल या कैमरे से ले रहे थे. हजारों मोबाइल फोन की लाइटों को विडियो या फोटो में देखा जा सकता है जो खुद ही मोदी रोड शो को प्रकाशित कर रहे थे. ऐसा लग रहा था कि यह रोड शो वाराणसी के लिए एक्सक्लूसिव था और रहेगा भी. मोबाइल फोन वाराणसी की गलियों में आकास के तारे की तरह टिमटिमा रहे थे.
पीएम मोदी की गाडी के ठीक पीछे बड़ी गाडी में भाजपा के कई बड़े नेता भी मौजूद थे. इनमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा , उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल,भाजपा के उत्तर प्रदेश राज्य अध्यक्ष महेन्द्रनाथ पाण्डेय , भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन सहित कई प्रमुख नेता मौजूद थे. पीएम मोदी का यह रोड शो पंडित मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा स्थल से शुरू हुआ और दशाश्वमेध घाट पर खत्म हुआ . इस दौरान उनके साथ 52 वीआईपी मौजूद थे .
रोड शो के बाद वो दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती में शामिल हुए । दशाश्वमेध घाट को आज गंगा आरती के लिए दुल्हन की तरह सजाया गया था. सबसे अलग मंच पर चार कुर्सियां लगाईं गईं थी. पीएम के आने तक यहाँ मंत्रोच्चार किया जा रहा था. सुंदर भजनों से यहाँ का माहौल पूरी तरह भक्तिमय था. यहाँ भी चप्पे चप्पे पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए थे. चारों तरफ प्रकास की व्यवस्था थी. पीएम मोदी रोड शो से पहले बीएचयू पहुंचे.
यहां उन्होंने बीएचयू के गेट पर पंडित मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. इसके बाद वह रोड शो के लिए खुली जीप में निकल पड़े. बीएचयू गेट से शुरू हुआ पीएम मोदी का काफिला लंका गेट को पार करते हुए धीरे धीरे आगे बढ़ रहा था. मोदी के रोड शो के कारण सड़कों पर जन सैलाब उमड़ पड़ा. सड़कों पर जहां जहां से पीएम का रोड शो गुजर रहा है, वहां पर भगवा जनसैलाब दिखाई दे रहा था . बीजेपी समर्थक फूलों की वर्षा कर रहे थे . बीजेपी की ओर से इस रोड शो में 5 लाख लोगों के शामिल होने का दावा किया गया . लोग जमकर सड़कों पर मोदी-मोदी और नमो नमो के नारे लगा रहे थे.