जयपुर। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बुधवार को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के गृह निर्वाचन क्षेत्र झालवाड़ में चुनावी रैली करेंगे. राहुल गांधी रैली के बाद झालावाड़ से कोटा तक रोड शो करेंगे. झालावाड़ की झालरापाटन विधानसभा सीट से वसुंधरा राजे विधायक हैं. वहीं झालावाड़-बारां संसदीय सीट से वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह सांसद हैं.
झालवाड़ वसुंधरा राजे का परंरागत गढ़ माना जाता है. झालरापाटन से वसुंधरा राजे तीसरी बार विधायक हैं और वह पांच बार झालावाड़ से सांसद भी रह चुकी हैं. राजे के बेटे दुष्यंत झलावाड़ सीट से तीसरी बार सांसद बने हैं. बीजेपी 2013 के विधानसभा चुनावों में झालावाड़ की सभी चारों सीटें पर जीती थी.
कोटा संभाग में बीजेपी ने 2013 में 17 में से 16 सीटों पर कब्जा किया था. कोटा संभाग यानी हाड़ौती बीजेपी का अर्से से परंपरागत गढ़ माना जाता है. 2008 में कांग्रेस जब राजस्थान में सत्ता में आई थी तब कांग्रेस ने बीजेपी के गढ़ में सेंध मार कर 17 में से 10 सीटो पर कब्जा किया था.
राहुल गांधी के झालावाड़ से कोटा तक रोड शो के दो मकसद है. एक है- राजे को अपने ही मजबूत किले में चुनौती देकर बीजेपी पर मनोवैज्ञानिक दबाव बढ़ाना और दूसरा- अगर हाड़ौती में कांग्रेस सेंधमारी में कामयाब हुई तो राजस्थान में कांग्रेस की सत्ता की राहें आसान हो सकती है.
राहुल गांधी का पिछले ढाई महीने में राजस्थान का चौथा दौरा है. नौ अक्टूबर को ही राहुल गांधी ने धौलपुर से दौसा के महुआ तक 150 किलोमीटर का रोड शो किया था. धौलपुर राजे का गृह जिला है. राजे धौलपुर की ही पूर्व महारानी है. ऐसे में कांग्रेस ने राजे की पहले गृह क्षेत्र धौलपुर में घेराबंदी की कोशिश की और अब उसके निशाने पर गृह निर्वाचन क्षेत्र पर है.
राहुल गांधी के रोड शो और रैलियां कांग्रेस फिलहाल उन क्षेत्रों में करा रही है जहां उसे 2013 में शर्मनाक शिकस्त झेलनी पड़ी थी.
कांग्रेस रैलियों में भीड़ की ताकत दिखाने के फेर में पड़ने के बजाय राहुल गांधी के लंबे रोड शो करा रही है. इसका एक फायदा यह भी है कि भारी संसाधन, पैसा और भीड़ लाने की चुनौती भी नहीं होती है.
झालावाड़ से कोटा तक करीब 85 किलोमीटर लंबा रोड शो होगा. इस दौरान करीब तीन छोटी-छोटी सभाओं को भी राहुल गांधी संबोधित करेंगे.
रास्ते में कई जगह राहुल गांधी के स्वागत के लिए कांग्रेसी कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे. इससे पहले धौलपुर से दौसा के महुवा तक भी कांग्रेस ने करीब 150 किलोमीटर लंबा रोड शो किया था. रोड शो का मकसद ज्यादा से ज्यादा विधानसभा क्षेत्रों तक राहुल गांधी को ले जाना है.
दूसरी ओर राहुल गांधी के दौरे पर सियासत भी तेज हो गई है. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कटाक्ष किया कि यह बीजेपी की मजबूती है कि राहुल गांधी को हर सीट तक जाना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि जितना राहुल गांधी घूमेंगे उतना ही बीजेपी को फायदा होगा.
उधर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सवाल किया कि अगर राजे खुद को मजबूत मानती है तो फिर खुद उन्हें सुराज संकल्प यात्रा के जरिए हर सीट पर जाने की जरुरत क्यों पड़ी. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पहले ही राजस्थान के सभी संभागों में बूथ सम्मेलन कर पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं में चुनावी जोश फूंक चुके.