हरियाणा तालाब और अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण की स्थापना के लिए अध्यादेश को मंजूरी

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सभी तालाबों, 0.5 एकड़ से कम क्षेत्र वाले तालाबों को छोड़कर, का प्रबंधन करेगा

मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष होंगे

 

चण्डीगढ़, 30 मई :  हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा तालाब और अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण की स्थापना हेतु ड्राफ्ट अध्यादेश को मंजूरी दी गई जो राज्य में अधिसूचित वन क्षेत्रों के बाहर स्थित सभी तालाबों, 0.5 एकड़ से कम क्षेत्र वाले तालाबों को छोड़कर, का प्रबंधन करेगा।

मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष होंगे और सिंचाई एवं जल संसाधन के प्रभारी मंत्री और विकास एवं पंचायत के प्रभारी मंत्री इसके वरिष्ठ उपाध्यक्ष होंगे। जल संसाधन प्रबंधन के क्षेत्र में प्रतिष्ठित व्यक्ति को कार्यकारी उपाध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा।

वित्त विभाग, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, विकास एवं पंचायत विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, शहरी विकास विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव या प्रधान सचिव, दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मूरथल के कुलपति और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कुरुक्षेत्र के निदेशक इसके सदस्य होंगे। इसके अतिरिक्त, राज्य या केंद्र सरकार के सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग या जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के इंजीनियर-इन-चीफ या इसके समकक्ष पद के एक अधिकारी को तकनीकी सलाहकार नियुक्त किया जाएगा। पर्यावरण और पारिस्थितिकी या तालाब विकास एवं संरक्षण के क्षेत्र के विशेषज्ञों या सामाजिक कार्यकर्ताओं में से दो गैर-सरकारी सदस्य नियुक्त किए जाएंगे।

 

राज्य या केंद्र सरकार के सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग या जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग या विकास एवं पंचायत विभाग के चीफ इंजीनियर या इसके समकक्ष पद के एक अधिकारी को सदस्य सचिव के रूप में नियुक्त किया जाएगा।

 

जिला परिषद के चेयरमैन की अध्यक्षता में जिला परामर्श एंव निगरानी समिति गठित की जाएगी। प्रत्येक जिला समिति में अतिरिक्त उपायुक्त-सह-मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला ग्रामीण विकास एजेंसी के अलावा, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षक अभियंता, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक, जिला बागवानी अधिकारी, जिला वन अधिकारी और जिला मत्स्यपालन अधिकारी शामिल होंगे।

 

इसमें दो गैर- सरकारी सदस्य भी होंगे जिनमें से एक पर्यावरण और पारिस्थितिकी या तालाब के विकास और संरक्षण के क्षेत्र में विशेषज्ञों या सामाजिक कार्यकर्ताओं में से होगा। जिला तालाब प्रबंधन अधिकारी इसका संयोजक होगा।

 

इस अध्यादेशों के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए ग्राम स्तर पर ग्राम तालाब और अपशिष्ट जल प्रबंधन समिति की स्थापना की जाएगी। समिति का नेतृत्व सरपंच करेंगे और इसमें ग्राम स्तर के कार्यकर्ता शामिल होंगे जो ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति (वीडब्ल्यूएससी), आशा कार्यकर्ता, स्वयं सहायता समूह के सदस्य, स्वच्छता दूत, किसानों के प्रतिनिधियों और ग्राम से अन्य स्वैच्छिक स्वयंसेवकों में से होंगे।

 

प्राधिकरण के कार्यों में सर्वेक्षण और अध्ययन, विनियम, नियंत्रण, सुरक्षा, संरक्षण, सुधार, पुन:बहाली, निर्माण, पर्यावरणीय  प्रभाव मूल्यांकन और योजना, तालाबों के विकास के लिए एकीकृत योजना विकसित करना, तालाबों के अतिफ्मण को हटाना, मवेशियों के लिए तालाब के पानी का उपयोग करना, अग्निशमन, शिक्षा या पर्यटन और तालाब के पानी का उपयोग और जहां भी आवश्यक हो, शोधन करना शामिल है।  यह पंपिंग मशीनरी, चैनल एवं पाइप सिस्टम जैसी बुनियादी सुविधाओं के विकास के जरिए सिंचाई के प्रयोजन के लिए तालाब के पानी और सीवेज उपचार संयंत्रों के प्रवाह के उपयोग के लिए भी कार्य करेगा।

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