ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान पाकिस्तान को लेकर नरेंद्र मोदी के तेवर तल्ख़
ब्रिक्स देशों का 8वां सम्मेलन संपन्न
बिनौलिम : ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान भी पाकिस्तान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तेवर तल्ख़ बने रहे. उन्होंने बेहद कड़े शब्दों में कहा कि आतंकवाद क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है. उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए विना कहा कि भारत के पड़ोस में एक देश आतंकवाद की जन्मभूमि है। प्रधानमंत्री ने करारा प्रहार करते हुए कहा कि इस देश कि सोच है कि राजनीतिक फायदों के लिए आतंकवाद जायज है।
ब्रिक्स देशों का 8वां सम्मेलन रविवार को संपन्न हो गया। ब्रिक्स सम्मेलन में आतंकवाद का मुद्दा ही छाया रहा। सम्मेलन के समाप्त होने के बाद जारी घोषणापत्र को सभी देशों ने अपनाया। ब्रिक्स देश आतंककवाद के खिलाफ साझा अभियान के लिए राजी हुए। गोवा घोषणापत्र में कहा गया कि अपने क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों को रोकने की जिम्मेदारी सभी देशों की है। सम्मलेन कि समाप्ति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ब्रिक्स का यह सम्मेलन बेहद सफल व सकारात्मक रहा।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान सभी सदस्य देशों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि दुनिया में हर प्रकार के आतंकवाद की जड़ें इसी देश से जुडी हुई हैं. उल्लेखनीय है कि ब्रिक्स में भारत के प्रधान मंत्री के अलावा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा और ब्राजीलियाई नेता माइकल टेमर मौजूद थे.
मिलकर काम करने की जरूरत
इस महत्वपूर्ण फोरम का उपयोग करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे अपने क्षेत्र में आतंकवाद ने शांति, सुरक्षा और विकास के लिए गंभीर खतरा पैदा कर दिया है। उनके शब्दों में यह दुखद है कि इसकी जन्मभूमि भारत के पड़ोस में एक देश है। मोदी ने कहा कि यह देश सिर्फ आतंकवादियों को शरण नहीं देता, वह एक सोच को पालता-पोसता है। यह सोच सरेआम यह कहती है कि आतंकवाद राजनीतिक फायदों के लिए जायज है। इसी सोच की कड़ी निंदा करते हुए उन्होंने आगाह किया कि ब्रिक्स के सदस्य देशों को इस मामले में मिलकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि ब्रिक्स को इस खतरे के खिलाफ एक स्वर में बोलना चाहिए .
प्रधान मंत्री ने इस बात पर विश्वास जताया कि हम एकजुट होकर आतंकवाद और इसके समर्थकों को पुरस्कृत नहीं, बल्कि दंडित करेंगे. मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के ‘कंप्रिहेंसिव कनवेंशन ऑन इंटरनेशनल टेररिज्म के जल्द अनुमोदन के लिए ब्रिक्स देशीं से मिलकर काम करने कि अपील की. वैश्विक अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए एक स्पष्ट रूपरेखा तैयार करने पर बल दिया.