नई दिल्ली : देश में मोटर वाहनों के नम्बर प्लेट आधुनिक बनाने की तैयारी हो रही है. केंद्र सरकार ने इसे सुरक्षा की दृष्टी से नया रूप देने का निर्णय लिया है. जनवरी 2019 से अधिक तकनीकी उपाय वाली नंबर या पंजीकरण प्लेट लगाने होंगे. इसे एचएसआरपी कहा जाता है. वहां विशेषज्ञों के कहना है कि इससे छेड़छाड़ करना संभव नहीं होगा. केंद्र सरकार उच्च सुरक्षा पहचान के साथ नयी तरह की नंबर प्लेट पहली जनवरी 2019 से लागू करने के संकेत हैं.
उल्लेखनीय है कि एचएसआरपी तकनीक को लागू किये हुए 10 वर्च से भी अधिक समय हो चले हैं लेकिन देश के कई राज्यों ने अभी तक इसे लागू नहीं किया है .
खबर है कि केन्द्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने इस बारे में अधिसूचना जारी करने का निर्णय लिया है. अगर यह अधिसूचना जरी हो गयी तो आगामी जनवरी 2019 के प्रथम सप्ताह से ही सभी वाहनों के साथ नए वहां बेचने वाली कंपनियां एचएसआरपी तकनीक वाले प्लेट ही लगाएगी. कहा जा रहा है कि डीलर इस प्लेट पर पंजीकरण का मार्क लगाकर वाहनों पर लगाएंगे.
ऐसे प्लेट को पंजीकरण मार्क लगाने के बाद पुराने वाहनों पर भी लगाना संभव होगा. मंत्रालय ने संकेत दिया है कि मोटर वाहनों पर एचएसआरपी लगाने के संबंध में केंद्रीय मोटर वाहन नियमों में बदलाव करने की तैयारी चल रही है. आगामी 10 मई तक इस सम्बन्ध में आम लोगों से सुझाव मांगे गए हैं.
क्या हैं एचएसआरपी के फायदे ?
एचएसआरपी तकनीक वाले नंबर प्लेट से वारदातों और हादसों पर लगाम लगेगी। क्रोमियम होलोग्राम वाले हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट में सात डिजिट का लेजर कोड यूनीक रजिस्ट्रेशन नंबर होता है। इस नंबर के जरिये किसी भी हादसे या आपराधिक वारदात होने की स्थिति में वाहन और इसके मालिक के बारे में तमाम जानकारियांतत्काल मिल जायेंगी .
इस प्रकार के नंबर प्लेट पर आईएनडी लिखा होता है. क्रोमियम प्लेटेड नंबर और इंबॉस होने की वजह से नंबर प्लेट को रात के वक्त भी वाहनों पर कैमरे के जरिये नजर रखना संभव होगा।
कई बार अपराधी वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ छेड़छाड़ करते हैं लेकिन हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट पर ऐसा करना संभव नहीं होगा।
लेजर डिटेक्टर कैमरा के लगाने के बाद किसी भी वाहन के बारे में कभी भी आसानी से पता लगाना संभव होगा .
देश भर में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट के लगाने के साथ ही इंजन, चेसिस नंबर सहित तमाम यूनीक जानकारियां भी नेशनल डाटाबेस में होंगी.
इसके माध्यम से पूरे देश के वाहनों का एक सेंट्रलाइज्ड रिकॉर्ड होगा। किसी भी राज्य में किसी वहां की जानकारी प्राप्त करना आसन होगा .