जीडब्ल्यूएस नहर की क्षमता 175 से बढ़ाकर 450 क्यूसिक करने से मेवात को मिलेगा पानी 

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यूनुस अलवी
 
मेवात  :हरियाणा के मेवात क्षेत्र में पानी की सबसे बड़ी समस्या है इसलिए इस क्षेत्र में पानी की सप्लाई के लिए सरकार  तरह-तरह के प्रयोग कर रही थी । पहले साल्हावास के पास से जेएलएन से पानी लाने की स्कीम तैयार की गई। परन्तु वहां से जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में आने वाली समस्याओं के कारण मुख्यमंत्री द्वारा किसी दूसरे स्थान से पानी पहुंचाने के लिए जायज़ा लेने के आदेश दिए गए। इस काम के लिए सिंचाई विभाग ने शिवसिंह रावत एसई गुरुग्राम को स्कीम तैयार करने के निर्देश दिए। इस काम के लिए शिव सिंह  रावत ने अपनी टीम के साथ विभिन्न प्रकार की स्कीम विभाग के सामने प्रस्तुत की। इनके द्वारा प्रस्तुत की गई एक स्कीम थी कि दिल्ली ब्रांच के  ककरोई हैड से जीडब्ल्यूएस नहर की क्षमता 175 कयुसिक से बढ़ाकर 450 कयुसिक करके बादली तक पानी इसके माध्यम से लाकर आगे पाईप के माध्यम से केएमपी हाईवे के साथ-साथ नूंह सब ब्रांच तक पानी लाकर उसके बाद गुड़गांव नहर में डाल दिया जाए। इस स्कीम पर सिंचाई विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा गहन अध्ययन किया गया।
 
प्रमुख सचिव सिंचाई विभाग एवं प्रमुख अभियंता सिंचाई विभाग इस स्कीम को माननीय मुख्यमंत्री महोदय को स्वीकृति के लिए भेज दिया था। इस स्कीम पर अब मुख्यमंत्री महोदय ने मेवात क्षेत्र की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए और सिंचाई विभाग के उच्चाधिकारियों से बातचीत करके अपनी सहमति प्रदान कर दी है। इस कार्य के पूरा होने पर मेवात क्षेत्र के लोगों को बहुत फायदा होगा और इस क्षेत्र के लिए जीवन रेखा साबित होगी। इस स्कीम से मुख्यत नूंह, सोहना, पुन्हाना और फिरोजपुर झिरका एवं हथीन क्षेत्र की नूंह सब ब्रांच, मिन्डकोला नहर, उटावड़ नहर, मलाई नहर, बनारसी नहर तथा फिरोजपुर झिरका नहर पर आने वाले क्षेत्रों को फायदा होगा।

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